नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के किए गए लॉकडाउन के बाद जहां देश में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात बने हुए हैं. वहीं सरकारी अस्पतालों में ठीक इसके उलट नर्सिंग ओर्डरली (एनओ) स्टाफ को नौकरी पर लगाने वाले ठेकेदार की मनमानी से एनओ के सामने नौकरी के साथ ही रोजी रोटी का संकट भी पैदा हो गया है.
यह मामला मिंटो रोड स्थित दिल्ली सरकार के आई स्पेशलिस्ट कहे जाने वाले गुरु नानक अस्पताल से सामने आया है. जहां नए ठेकेदार ने दर्जनों नर्सिंग ओर्डरली स्टाफ को निकाल दिया.
अस्पताल प्रशासन से लगाई न्याय की गुहार
जानकारी के मुताबिक मिंटो रोड के पास मौजूद गुरु नानक आई सेंटर में कार्यरत नर्सिंग ओर्डरली (एनओ) के दर्जनभर से ज्यादा स्टाफ ने नए ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए दिल्ली सरकार के साथ ही अस्पताल प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.
सालों से कर रहे डयूटी, अब सौतेला बर्ताव
नर्सिंग ओर्डरली स्टाफ का कहना है कि वह लोग कई सालों से इस अस्पताल में काम कर रहे हैं. लेकिन कभी ऐसी दिक्कत सामने नहीं आई है, लेकिन जब से ठेकेदार का टैंडर बदला वैसे ही उनके साथ भी सौतेला व्यवहार किया जाने लगा है.
नौकरी के नाम पर मोटा पैसा ऐंठने का आरोप
गुरु नानक अस्पताल में ड्यूटी करने वाले स्टाफ की मानें तो सालों से सब कुछ ठीक चल रहा था. अब अचानक ऐसा क्या हो गया कि उन्हें हटाया जा रहा हैं. पीड़ित एनओ का यह भी आरोप था कि उनसे नौकरी बचाने के नाम पर पच्चीस से तीस हजार रुपये तक वसूले जा रहे है. हैरत तो यह है कि उसके बावजूद भी उनकी नौकरी का कोई ठिकाना नहीं है. उन्हे कभी जीटीबी तो कभी नोएडा तो कभी कहीं और बुलाया जाता है. लेकिन नौकरी की बात स्पष्ट कोई नहीं बता रहा है.
इससे पहले यमुनापर के जग प्रवेश अस्पताल में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. वहां भी नर्सिंग ओर्डरली स्टाफ ने भी ठेकेदार की शिकायत करते हुए हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी. हालांकि अस्पताल के मैडिकल सुप्रिटेंड से मुलाकात और आश्वासन के बाद एनओ ने हड़ताल टाल दी.