नई दिल्ली: पश्चिम दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा द्वारा मस्जिदों को लेकर दिए गए बयान को बेहद गंभीरता से लेते हुए दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन ने उनके इस बयान पर एतराज जताया है. कमीशन के चेयरमैन का कहना है कि भारत एक सेक्युलर देश है ऐसे में सिर्फ मस्जिदों को गैर-कानूनी कहते हुए हटाने की बात करना सरासर गलत है. जबकि सच्चाई यह है कि सैंकड़ों मंदिर भी सरकारी जमीन पर गलत तरीके से बने हुए हैं. जिसका खुलासा कार्पोरेशन की लिस्ट से हो चुका है. रही बात मस्जिदों की तो कमीशन ने इस बाबत एक कमेटी बनाकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके दिल्ली के एलजी को सौंप दी थी.
गौरतलब है कि पिछले दिनों एक बार फिर से पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने यह बयान दिया था की बहुत-सी मस्जिद हैं जो सरकारी जमीनों पर बनी हैं जिन्हें जल्द हटा दिया जाएगा. इस पूरे मामले पर दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉक्टर उल इस्लाम खान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा कि सांसद प्रवेश वर्मा उसी बात को दोबारा दोहरा रहे हैं जो कि उन्होंने पहले कही थी जबकि सच्चाई है कि इस पूरे मामले में माइनॉरिटी कमीशन ने जांच कराकर एक बहुत ही विस्तृत रिपोर्ट दिल्ली के उपराज्यपाल और सरकार के दूसरे लोगों को दे दी है. साथ ही सांसद द्वारा दी गई लिस्ट की जांच कर रहे डीएम को भी यह रिपोर्ट भेजी गई थी. जिसमें सांसद द्वारा लगाए गए आरोप सही नहीं पाए गए थे.
सभी धार्मिक स्थलों की बात करें प्रवेश वर्मा
कमीशन के चेयरमैन डॉक्टर खान ने कहा कि प्रवेश वर्मा सारे धार्मिक स्थलों की बात करें सिर्फ मस्जिदों की नहीं क्योंकि यह एक सेक्युलर देश है. यहां सिर्फ मस्जिद गिराने हटाने की बात नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि सबसे ज्यादा सरकारी जगहों पर मंदिरों के निर्माण हुए हैं और यह बात लिस्ट से भी साफ हो जाती है कि सैकड़ों मंदिर पार्कों में बने हुए हैं.
डॉक्टर खान ने कहा कि सांसद प्रवेश वर्मा राजनीतिक माहौल गर्म करने के लिए झूठ बोल रहे हैं जो कि गलत है. धर्म के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव ठीक नहीं है जो भी पॉलिसी हो सबके लिए एक जैसी होनी चाहिए. प्रवेश वर्मा का बयान ठीक नहीं है. इलेक्शन कमिशन को भी इस पर एक्शन लेना चाहिए. साथ ही सरकार को भी सांसद के बयान को गंभीरता से लेते हुए कदम उठाना चाहिए, क्योंकि लोगों में नफरत फैलाना कानूनन जुर्म है.