नई दिल्लीः उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली जल बोर्ड द्वारा यमुना कायाकल्प योजना के तहत वर्षों से मृतप्राय तालाबों के कायाकल्प की योजना का निरीक्षण किया. लगभग 35 करोड़ रुपए की लागत से विकसित की जा रही इस योजना के तहत तालाबों को पुनर्जीवित किया जाएगा, जिसके लिए जहांगीरपुरी ड्रेन के गंदे पानी को एसटीपी से शोधित कर यहां बनाए गए 11 तालाबों को भरा जाएगा. इसके किनारे हरियाली विकसित कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.
इस अवसर पर सांसद मनोज तिवारी के साथ दिल्ली जल बोर्ड के सहायक मुख्य अभियंता अनिल भारती, जिला प्रशासन के पदाधिकारियों के अलावा निगम पार्षद राजा इकबाल सिंह, रेखा अमरनाथ, मोहन गोयल एवं आनंद त्रिवेदी, भूषण त्यागी, सचिन मावी, सुधीर त्यागी, ममता, बीएन झा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि यमुना में प्रदूषण का 70 प्रतिशत हिस्सा नजफगढ़ ड्रेन से जाता है और नजफगढ़ ड्रेन के पानी को शोधित करने के लिए 2018 में केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली सरकार को 45 करोड़ रुपए दिए गए थे. लेकिन उदासीनता के चलते दिल्ली सरकार इस योजना को पूर्ण नहीं कर सकी. लेकिन इस योजना से कुछ हद तक यमुना के कायाकल्प पर फर्क पड़ेगा, क्योंकि जहांगीरपुरी ड्रेन का पानी भी नजफगढ़ ड्रेन में गिरता है और अब यह पानी एसटीपी प्लांट से शुद्ध होकर न सिर्फ वजीराबाद के इन तालाबों को पुनर्जीवित करेगा बल्कि कुछ हद तक यमुना स्वच्छता के कार्य में भी फर्क पड़ेगा.
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उन्होंने कहा कि 2400 करोड़ से अधिक की धनराशि यमुना कायाकल्प के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए मंजूर कर रखी है. लेकिन राजनीतिक दुर्भावना के तहत उसका उपयोग नहीं किया जा सका. अगर समय से योजनाएं बनी और पूरी हुई होती तो कब की यमुना स्वच्छ और निर्मल हो गई होती. सांसद तिवारी ने अधिकारियों को कार्य तेजी से कर पूरा करने का निर्देश एवं योजना की गति में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहयोग करने का भरोसा दिया.