नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में लोगों को जिस प्रकार का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई पूरी जिंदगी पूरी नहीं की जा सकती है. कुछ ऐसा ही एक नुकसान चांद बाग के गाड़ी के शोरूम और पेट्रोल पंप के साथ एक गाड़ी का हुआ है. गाड़ी को उपद्रवियों ने आग के हवाले किया. ये गाड़ी सिर्फ एक गाड़ी नहीं थी बल्कि किसी परिवार की जीविका को चलाने का एक मात्र सहारा थी.
परिवार को चलाने का एकमात्र स्रोत्र थी गाड़ी
चांद बाग में मीडियाकर्मियों को देख भावुक हुई एक महिला ने पूरी तरह जल चुकी एक गाड़ी की ओर इशारा करते हुए बताया कि मेरा नाम रिचा है ये गाड़ी मेरे पति जागरण त्रिवेदी के नाम पर है. ये लोन पर ली थी, जिसकी किश्तें अभी तक जारी है.
रिचा की नम हुईं आंखें
रिचा ने बताया कि यहां सड़क खोदी जा रही थी, जिसकी वजह से गाड़ी यहां से निकाल नहीं सकती थी. हम शादी में गए थे, बाद में पता चला की उपद्रवियों ने हमारी गाड़ी जला दी हैं. ये कहते हुए रिचा की आंखें भर आईं. उन्होंने कहा कि हम किराए के मकान में रहते हैं. ये गाड़ी ओला के लिए किराए पर चलती है. यही एक मात्र जरिया था, जिससे हमारा घर चलता था.