नई दिल्ली: स्कूली बच्चों के लिए EDMC में चल रही मिड डे मील योजना एक बार फिर से संदेह के घेरे में आ गई है, दरअसल मौजपुर से आम आदमी पार्टी की निगम पार्षद रेशमा नदीम ने एजुकेशन कमेटी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कमेटी एक बार फिर से उन एजेंसियों पर ही मेहरबान है जिनके बनाए खाने में गड़बड़ियां पाए जाने पर पार्षदों समेत खुद कमेटी चेयरमैन ने उनकी सेवाएं खत्म करने को कहा था, उन्होंने कहा ऐसी एजेंसियों को खाने का ठेका देकर मासूम बच्चों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
'खाने में गड़बड़ी होने के बाद भी कमेटी देती है ठेका'
उन्होंने कहा कि EDMC स्कूलों में चल रही मिड डे मील योजना में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, हैरत होती है कि जो एजुकेशन कमेटी बच्चों को दिए जाने वाले खाने में गड़बड़ी मिलने के बाद एजेंसियों का ठेका तक रद्द करने की बात कर रही थी. वहीं कमेटी एक बार फिर से उन्हीं तीनों एजेंसियों को मिड डे मील के ठेके दे देती है. निगम पार्षद ने साफ कहा कि उन्हें मिड डे मील के ठेके देने में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं और एजेंसियों की सांठगांठ का अंदेशा है. उन्होंने इन ठेकों की जांच करते हुए मासूम बच्चों के जीवन से खिलवाड़ न किये जाने की मांग की है. निगम पार्षद ने कहा कि पार्षदों के विरोध के बावजूद प्रस्ताव पास करके टेंडर प्रक्रिया पूरी कर उन्ही तीनों एजेंसियों को टेंडर कर दिए जाते हैं जबकि प्रक्रिया में और भी कई एजेंसी हिस्सा लेती हैं, आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि जिनके खाने में गड़बड़ियां मिलती है उन्हें फिर से मिड डे मील का टेंडर अलॉट कर दिया जाता है.
सरप्राइज विजिट में सामने आई थीं किचन में गड़बड़ियां
निगम पार्षद ने कहा कि एक तरफ चार महीने पहले एजुकेशन कमेटी के चेयरमैन राजकुमार बल्लन ने EDMC स्कूलों में मिड डे मील सप्लाई करने वाली एजेंसियों के किचन में गड़बड़ियां पाई थीं, वहीं कमेटी में इन तीनों एजेंसियों के कामकाज पर संतुष्टि जताते हुए प्रस्ताव पास कर दिया गया.
'बीजेपी नेताओं की मिलीभगत से घोटाला'
निगम पार्षद रेशमा नदीम ने बताया कि करीब 13 करोड़ रुपये सलाना का यह प्रोजेक्ट फिलहाल पूरी तरह से बीजेपी नेताओं और निगम अफसरों की मिलीभगत से घोटाले की तरफ इशारा करता है. गौरतलब है कि निगम के 367 और दर्जनभर सहायता प्राप्त स्कूलों के दो लाख बच्चों के खाने की जिम्मेदारी इन एजेंसियों के पास है. सत्ता पक्ष विपक्ष के पार्षद काफी समय से मिड डे मील पर सदन में सवाल उठाते आये हैं, उसके बाद भी निगम अफसरों के कानों पर जूं नहीं रेंगती.
ईडीएमसी के स्कूलों में मिड डे मील योजना में बीजेपी नेताओं की मिलीभगत से घोटाला किया जा रहा है, दरअसल एजुकेशन कमेटी ने उन तीन एजेंसियों को फिर से खाने का टेंडर कर दिया है जिनके खाने में गड़बड़ियां सामने आई थीं, फिलहाल देखना यह होगा कि विपक्षी दल की निगम पार्षद का विरोध सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं पर कूटने असर करता है, या फिर बच्चों के जीवन से ऐसे ही खिलवाड़ किया जाता रहेगा.