नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगे (Delhi riots case) के तीन अलग-अलग मामलों में आठ आरोपियों को बरी कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि मामलों की गहन पड़ताल करने के बाद आरोपियों के खिलाफ आगजनी का कोई मामला नहीं बनता है.
कोर्ट ने आरोपी नीरज और मनीष को भजनपुरा थाने में दर्ज FIR नंबर 169/2020 और 170/2020 दो अलग-अलग FIR में आरोपों से बरी कर दिया. इसके अलावा भजनपुरा थाने में ही दर्ज तीसरे FIR नंबर 166/2020 में अमित गोस्वामी, श्याम पटेल, सोनू, सुनील शर्मा, राकेश और मुकेश को बरी करने का आदेश दिया. कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 436 के आरोपों से बरी किया. हालांकि कोर्ट ने बाकी धाराओं पर विचार करने के लिए मामलों को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के यहां ट्रांसफर कर दिया.
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FIR नंबर 169 और 170 में कोर्ट ने आरोपी मनीष और नीरज के खिलाफ बारह शिकायतों पर गौर किया. इन शिकायतों में आरोपियों के खिलाफ तोड़फोड़, चोरी और दंगा करने का आरोप दर्ज किया गया था. इनमें से तीन शिकायतकर्ता घटना की तिथि नहीं बता सके. घटना 24 और 25 फरवरी 2020 की दरम्यानी रात की है. आठ शिकायतकर्ताओं ने घटना के अलग-अलग समय और स्थान में घटित होने संबंधी बयान दिया था.
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FIR नंबर 166 में आरोपियों के खिलाफ दस शिकायतें दर्ज की गई थीं. कोर्ट ने सात शिकायतों पर गौर किया और पाया कि आरोपियों के खिलाफ आगजनी का मामला नहीं बनता है. कोर्ट ने पाया कि एक शिकायतकर्ता ने ये कहीं नहीं बताया कि उसके पार्लर में आगजनी या नष्ट करने की कोशिश की गई. कोर्ट ने कहा कि पार्लर और उसके बिल्डिंग को कोई क्षति नहीं हुई थी.