नई दिल्ली: जमीअत उलेमा ए हिन्द दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में पीड़ितों की मदद करने के साथ-साथ उनके दिलों में बैठे खौफ और डर को निकालने के साथ-साथ हिंसा प्रभावित इलाकों में क्षतिग्रस्त हुए मकानों को भी बनवाने का काम करेगी. जमीअत की अपील के बाद ही शुक्रवार को सब्जी हिंसा प्रभावित मस्जिदों में साफ-सफाई के बाद जुमे की नमाज भी अता की गई.
मदरसा बाबुल उलूम के प्रभारी और जमीअत उलेमा ए हिन्द से जुड़े मौलाना मोहम्मद दाऊद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि यकीनन हिंसाग्रस्त इलाकों में प्रभावित लोगों में आज भी डर और खौफ का माहौल बना हुआ है.
हद तो यह है कि लोग अपने खुद के घरों और दुकानों में जाने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं. ऐसे में जमीअत के लिए सबसे अहम यह है कि प्रभावित लीगों के दिलों से दहशत और खौफ को किसी भी हालत में खत्म करे ताकि लोग अपनी रोजाना की दिनचर्या में लौट सकें.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों में डर बना हुआ है ऐसे में सबसे पहले कोशिश रहेगी कि बिगड़े माहौल को ठीक किया जाए और आपसी भाईचारे और सद्भाव को दुबारा से बनाया जा सके.
हिंसाग्रस्त सभी मस्जिदों में सफाई के बाद पढ़ी गई नमाज
मौलाना ने बताया कि जमीअत उलेमा ए हिन्द लगातार हिंसाग्रस्त इलाकों में प्रभावितों के संपर्क कर रही हैं साथ ही उन लोगों के लिए कुछ न कुछ किया जा रहा है. इनके साथ ही हिंसा की चपेट में आने वाली मस्जिदों में शुक्रवार की नमाज के लिए पहले से ही ऐलान कर दिए गए थे.
अभी प्रभावित मस्जिदों में साफ सफाई के बाद जुमे की नमाज अता की गई. ताकि लोगों के दिलों में बैठे खौफ को कम किया जा सके.
हिंसा प्रभावित घरों को बनवाएगी जमीअत
जमीअत उलेमा के पदाधिकारी मौलाना मोहम्मद दाऊद ने बताया कि लोगों में विश्वास को फिर से कायम करने के लिए जमीअत उलेमा ए हिन्द घर बनवाएगी. साथ ही देशभर में सदस्य और पदाधिकारियों से पैसा इकट्ठा करके इस काम को अंजाम दिया जाएगा. इसके लिए जमीअत अपने स्तर पर एक फार्म भी भरवा रही है ताकि प्रभावितों का सही आकलन होने के साथ ही सही जरूरतमंद तक मदद पहुंच सके.
कैंपों से निकालकर किराए के घरों में रिहाईश
मौलाना दाऊद ने बताया कि हिंसाग्रस्त इलाकों में प्रभावित लोगों के लिए खाने पीने के लिए राशन, पहनने के कपड़ों का इंतजाम तो किया ही जा रहा है, इसके अलावा कैंपों में ठहरे परिवारों को किराए के घर दिलाने के साथ ही उनके एक दो-दो महीने का किराया और राशन जमीअत मुहैया करा रही है ताकि इन लोगों का कुछ समय सकून से गुजर सके.