नई दिल्ली : नंदनगरी इलाके में डिपो के ठीक सामने कोई फुटओवर ब्रिज नहीं होने से लोगों को अपनी जान हथेली पर रखकर सड़क पार करनी पड़ती है. यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं. उसके बावजूद भी कोई जन प्रतिनिधि सुध लेने को तैयार नहीं है. नेताओं की इसी उदासीनता के चलते लोगों को आए दिन हादसों का शिकार होना पड़ता है.
नंद नगरी थाने से कुछ दूरी पर ही नंद नगरी डिपो है, पहले यहां लाल बत्ती के साथ बड़ा कट बनाया हुआ था लेकिन उसके साथ ही फ्लाईओवर लगा हुआ है, जिसे देखते हुए इस लालबत्ती वाले कट को बंद कर दिया गया. कट बंद होने से ट्रैफिक पुलिस यहां जाम नहीं लगने का दावा करती है लेकिन सच यह है कि पैदल सड़क पार करने वालों की संख्या ज्यादा होने के चलते यहां पहले से ज्यादा जाम लग जाता है.
दरअसल मंडोली की ओर से आने वाला ट्रैफिक सामने से लोगों को गुजरता देख अपनी रफ्तार कम कर देता है और इसी के चलते कई बार गाड़ियों की रफ्तार ज्यादा होने के चलते लोग वाहनों से टकराकर घायल हो जाते हैं.
आए दिन होते रहते हैं हादसे
स्थानीय लोगों का कहना था कि इस पॉइन्ट पर शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जब किसी को गाड़ी की टक्कर लगने से चोट ना लगती हो.
पिछले दिनों यहा एक टैंपो की टक्कर लगने से बाप बेटे की दर्दनाक मौत हो गई थी. हैरत तो इस बात की है कि बार-बार सड़क हादसे होने के बाद भी कोई इसकी सुध लेने वाला नहीं है.
रेड लाइट तो है, पर ट्रैफिक पुलिस नदारद
कहने को इस पॉइन्ट पर ग्रिल का कुछ हिस्सा काटकर सड़क पार करने वालों के लिए जगह बनाई हुई है, इसके साथ ही इस छोटी सी जगह में कोई कट नहीं होने के बावजूद पुरानी रेड लाइट आज भी लगी हुई है, सुबह से लेकर रात तक रोड के बीच बने रास्ते से सड़क पार करने वालों की संख्या सैंकड़ों में है.
बावजूद इसके यहां न तो लोकल पुलिस और न ही ट्रैफिक पुलिस की कोई ड्यूटी है, जिसके चलते यहां सुबह से लेकर रात तक सड़क पार करने वाले स्कूली बच्चे और महिलाएं वाहनों से टकराते रहते हैं.
कहने को पूरी दिल्ली में जगह जगह एफओबी, अंडर पास और सबवे बनाये गए हैं, जिससे लोग सुगमता से अपने सफर को सुरक्षित पूरा कर सके, लेकिन हालत ये हैं कि कहीं तो फुटओवर ब्रिज नहीं होने से आये दिन हादसे होते हैं तो कहीं लोग इनका दुरुपयोग करने से भी बाज नहीं आते. आपको ऐसे एफओबी खूब मिल जाएंगे जहां या तो जानवरों का बसेरा है या फिर लोग इन एफओबी का इस्तेमाल अपने वाहनों को चलाने में करते हैं.