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BSF की मदद से आबाद हो पाया दंगा पीड़ित जवान मोहम्मद अनीस का घर - खजूरी खास बीएसएफ जवान दंगा

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को एक साल पूरा हो गया है, लेकिन दंगा प्रभावितों को मिले जख्म आज भी हरे हैं. खजूरी खास इलाके में रहने वाले बीएसएफ कर्मी अनीस के परिजनों को भी दंगों की इस मुश्किल घड़ी से गुजरना पड़ा था. देखिए पूरा वीडियो.

riot victim bsf man
दिल्ली दंगा बीएसएफ जवान अनीस
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Published : Feb 26, 2021, 2:34 PM IST

नई दिल्लीः हिंसा में दहशतगर्दों ने न केवल लोगों की जान ही नहीं ली, बल्कि कई लोगों के सपनों का आशियाना भी छीन लिया. भीड़ ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास इलाके में बीएसएफ के जवान मोहम्मद अनीस का घर भी जला दिया था. अनीस के पिता आज भी वह दिन याद करके सिहर उठते हैं.

दिल्ली दंगे: सुनिए बीएसएफ जवान का दर्द

वहीं अपने जवान के परिवार पर आईं मुश्किल घड़ी में बीएसएफ परिवार ने भी आगे बढ़कर मदद की और उनके घर को बनवाया. जिस समय यह दंगे हुए थे, समय अनीस अपनी ड्यूटी पर थे. घटना वाले दिन अनीस को घर में हुई आगजनी और लूटपाट की जानकारी मिली. उन्होंने खुद को संभाला और परिजनों से हिम्मत रखने के लिए कहा.

अपने जवान की मदद को सामने आया बीएसएफ

उधर समाचारों के जरिए बीएसएफ मुख्यालय तक बात पहुंची. जिसके बाद बीएसएफ अपने जवान की मदद को सामने आया और अनीस के खजूरी स्थित घर पहुंच कर तत्काल मदद पहुंचाई. परिजनों के मुताबिक बीएसएफ ने उनके घर पर करीब दस दिन काम किया, आगजनी का शिकार बने उनके घर को फिर से बनाया गया और जो नुकसान हुआ था उसे भी दुरुस्त किया गया.

उन्होंने बताया कि अनीस तो अभी आए नहीं थे, उसके बावजूद बीएसएफ के अधिकारियों ने उन्हें यह महसूस न होने दिया कि उनका बेटा घर पर मौजूद नहीं है. अनीस के पिता ने बताया कि माहौल खराब होने के अंदेशे से उन्होंने तीन दिन पहले ही घरवालों को गांव भेज दिया था. ऐसे में घर पर सिर्फ वह और उनका भाई ही मौजूद थे.

नई दिल्लीः हिंसा में दहशतगर्दों ने न केवल लोगों की जान ही नहीं ली, बल्कि कई लोगों के सपनों का आशियाना भी छीन लिया. भीड़ ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास इलाके में बीएसएफ के जवान मोहम्मद अनीस का घर भी जला दिया था. अनीस के पिता आज भी वह दिन याद करके सिहर उठते हैं.

दिल्ली दंगे: सुनिए बीएसएफ जवान का दर्द

वहीं अपने जवान के परिवार पर आईं मुश्किल घड़ी में बीएसएफ परिवार ने भी आगे बढ़कर मदद की और उनके घर को बनवाया. जिस समय यह दंगे हुए थे, समय अनीस अपनी ड्यूटी पर थे. घटना वाले दिन अनीस को घर में हुई आगजनी और लूटपाट की जानकारी मिली. उन्होंने खुद को संभाला और परिजनों से हिम्मत रखने के लिए कहा.

अपने जवान की मदद को सामने आया बीएसएफ

उधर समाचारों के जरिए बीएसएफ मुख्यालय तक बात पहुंची. जिसके बाद बीएसएफ अपने जवान की मदद को सामने आया और अनीस के खजूरी स्थित घर पहुंच कर तत्काल मदद पहुंचाई. परिजनों के मुताबिक बीएसएफ ने उनके घर पर करीब दस दिन काम किया, आगजनी का शिकार बने उनके घर को फिर से बनाया गया और जो नुकसान हुआ था उसे भी दुरुस्त किया गया.

उन्होंने बताया कि अनीस तो अभी आए नहीं थे, उसके बावजूद बीएसएफ के अधिकारियों ने उन्हें यह महसूस न होने दिया कि उनका बेटा घर पर मौजूद नहीं है. अनीस के पिता ने बताया कि माहौल खराब होने के अंदेशे से उन्होंने तीन दिन पहले ही घरवालों को गांव भेज दिया था. ऐसे में घर पर सिर्फ वह और उनका भाई ही मौजूद थे.

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