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धार्मिक स्थलों के जिम्मेदार सरकारी योजनाओं को अल्पसंख्यकों तक पहुंचाएंगे : जाकिर खान - चेयरमैन जाकिर खान

अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) कई योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं का लाभ ज्यादातर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे इसके लिए लगातार कोशिशें की जाती हैं. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (Delhi Minority Commission) योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए अब धार्मिक स्थलों (religious place) के जिम्मेदार लोगों की मदद लेगा.

Delhi Minority Commission
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग
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Published : Jun 10, 2021, 10:53 PM IST

नई दिल्ली: अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) कई योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं का लाभ ज्यादातर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे इसके लिए लगातार कोशिशें की जाती हैं. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (Delhi Minority Commission) योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए अब धार्मिक स्थलों (religious place) के जिम्मेदार लोगों की मदद लेगा. इसके लिए लोकसभा के हिसाब से जोन बनाकर जिम्मेदारी भी सौंपी गई है.


दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (Delhi Minority Commission) के चेयरमैन जाकिर खान (Chairman Jakir Khan) की अध्यक्षता में दिल्ली की मस्जिदों के इमाम, मुतवल्ली, प्रबन्धन कमेटी और अन्य जिम्मेदारों की एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में कमीशन के चेयरमैन जाकिर खान (Chairman Jakir Khan) ने लोगों को बताया कि दिल्ली सरकार अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिसमें स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस वापसी, उच्च शिक्षा के लिए जय भीम, स्वरोजगार के लिए ऋण, इसके अलावा 50 हजार रुपये तक बिना किसी गारंटर के लोन समेत और भी कई योजनाएं शामिल हैं.

धार्मिक स्थलों की मदद लेगा अल्पसंख्यक आयोग

ये भी पढ़ें- CM केजरीवाल ने ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट का किया दौरा


मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए चेयरमैन जाकिर खान ने बताया कि बहुत लोग जरूरत के बाद भी सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते, बल्कि यह कहा जाए तो ठीक होगा कि बहुत से लोगों को तो जागरूकता के अभाव में सरकार की योजनाओं के बारे में पता हो नहीं होता और स्कीम निकल जाती है. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि फीस माफी योजना की ही बात की जाए तो मुसलमान इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते. कई बार तो जब तक उन्हें स्कीम के बारे में पता लगता है तब तक स्कीम की लास्ट डेट निकल जाती है.


देखा जाता है कि धार्मिक स्थलों के आसपास उस समुदाय से जुड़ी आबादी अच्छी-खासी संख्या में होती है. ऐसे में अगर धार्मिक स्थल से जुड़े जिम्मेदार लोग अगर आसपास अभियान चलाकर सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को बताएं तो जरूर सरकार की योजनाओं का लाभ भी ज्यादा लोगों तक पहुंचेगा.

ये भी पढ़ें- आदेश गुप्ता का पलटवार, मेयर की घोषणा को बताया साफ छवि की तैनाती


इसी को ध्यान में रखते हुए लोकसभा के हिसाब से एक एक को-ऑर्डिनेटर बनाए गए हैं, ताकि वह अपने सर्कल में धार्मिक स्थल से जुड़े जिम्मेदार लोगों को टीम में शामिल करके उनके जरिए इलाके के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक दिल्ली सरकार की स्कीम को पहुंचाएं और लोग उसका फायदा उठा सकें.

नई दिल्ली: अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) कई योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं का लाभ ज्यादातर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे इसके लिए लगातार कोशिशें की जाती हैं. दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (Delhi Minority Commission) योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए अब धार्मिक स्थलों (religious place) के जिम्मेदार लोगों की मदद लेगा. इसके लिए लोकसभा के हिसाब से जोन बनाकर जिम्मेदारी भी सौंपी गई है.


दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (Delhi Minority Commission) के चेयरमैन जाकिर खान (Chairman Jakir Khan) की अध्यक्षता में दिल्ली की मस्जिदों के इमाम, मुतवल्ली, प्रबन्धन कमेटी और अन्य जिम्मेदारों की एक बैठक आयोजित की गई. बैठक में कमीशन के चेयरमैन जाकिर खान (Chairman Jakir Khan) ने लोगों को बताया कि दिल्ली सरकार अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिसमें स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस वापसी, उच्च शिक्षा के लिए जय भीम, स्वरोजगार के लिए ऋण, इसके अलावा 50 हजार रुपये तक बिना किसी गारंटर के लोन समेत और भी कई योजनाएं शामिल हैं.

धार्मिक स्थलों की मदद लेगा अल्पसंख्यक आयोग

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मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए चेयरमैन जाकिर खान ने बताया कि बहुत लोग जरूरत के बाद भी सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते, बल्कि यह कहा जाए तो ठीक होगा कि बहुत से लोगों को तो जागरूकता के अभाव में सरकार की योजनाओं के बारे में पता हो नहीं होता और स्कीम निकल जाती है. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि फीस माफी योजना की ही बात की जाए तो मुसलमान इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते. कई बार तो जब तक उन्हें स्कीम के बारे में पता लगता है तब तक स्कीम की लास्ट डेट निकल जाती है.


देखा जाता है कि धार्मिक स्थलों के आसपास उस समुदाय से जुड़ी आबादी अच्छी-खासी संख्या में होती है. ऐसे में अगर धार्मिक स्थल से जुड़े जिम्मेदार लोग अगर आसपास अभियान चलाकर सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को बताएं तो जरूर सरकार की योजनाओं का लाभ भी ज्यादा लोगों तक पहुंचेगा.

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इसी को ध्यान में रखते हुए लोकसभा के हिसाब से एक एक को-ऑर्डिनेटर बनाए गए हैं, ताकि वह अपने सर्कल में धार्मिक स्थल से जुड़े जिम्मेदार लोगों को टीम में शामिल करके उनके जरिए इलाके के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक दिल्ली सरकार की स्कीम को पहुंचाएं और लोग उसका फायदा उठा सकें.

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