नई दिल्ली: अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए बनाई गई दिल्ली सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग जल्द ही दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग हेल्पलाइन के साथ ही अपने दफ्तर में एक हेल्प डेस्क की शुरुआत करने जा रहा है. साथ ही जल्द ही कमीशन सोशल मीडिया पर भी अपनी अहम उपस्थिति दर्ज कराएगा. ताकि अल्पसंख्यकों की हर संभव मदद की जा सके.
दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन जाकिर खान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साफ निर्देश हैं कि अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए बनाई योजनाओं को घर घर तक पहुंचाना चाहिए, उसके लिए वह कमीशन को और ज्यादा मजबूत स्थिति में ला रहे हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा अल्पसंख्यकों तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाते हुए लाभ पहुंचाया जा सके.
जाकिर खान ने बताया कि वह इसके लिए जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर शुरू करने जा रहे हैं ताकि किसी भी स्थिति में जरूरत पड़ने पर कमीशन तत्परता से अपने काम को अंजाम दे सके.
कमीशन के दफ्तर में बनेगा हेल्प डेस्क
चेयरमैन जाकिर खान ने बताया कि कई बार इस तरह की चीजें सामने आती थी कि जानकारी के आभाव में अल्पसंख्यक सरकार की योजनाओं से न केवल अंजान रह जाते थे. बल्कि जरूरतमंद कोई फायदा भी नहीं उठा पाते थे. इसी को ध्यान में रखते हुए कमीशन ने हेल्प डेस्क की शुरुआत करने का फैसला लिया है.
हेल्प डेस्क में छह काउंटर लगाए जाएंगे जिसमें लोन, फीस वापसी,स्कॉलरशिप, हायर एजुकेशन, भीम योजना के तहत दो जाने वाली कोचिंग, फार्म भरने, चेक करने की व्यवस्था, इनकम सर्टिफिकेट अगर नहीं बना होगा तो उसे भी घाई से एप्लाई कराया जाएगा, इसके साथ ही कमीशन इन फार्म कि निगरानी भी करेगा कि अभ्यर्थी तक उसका लाभ पहुंचे.
हुनर को निखारने की होगी व्यवस्था
जाकिर खान ने बताया कि अल्पसंख्यकों के जीवन को अपग्रेड करने के लिए भी कमीशन कोशिश करेगा, हुनर को निखारने के लिए प्रोफ़ेशनल की मदद ली जाएगी.ताकि उनके पैतृक कामों को एक नया आयाम मिल सके और उन्हें अच्छी जॉब मिल सकें.
कमीशन सोशल मीडिया को करेगा और ज्यादा मजबूत
जाकिर खान ने बताया कि क्योंकि यह सोशल मीडिया का जमाना है. ऐसे में कमीशन भी खुद को जल्द अपग्रेड करेगा, कमीशन की वेबसाइट को शुरू कर दिया गया है. इसके साथ ही ट्विटर और फेसबुक पेज भी बनाया जा रहा है ताकि जरूरतमंद को कमीशन तक पहुंचने और मदद हासिल करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़े.