नई दिल्ली: राजधानी में लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद ने कहा कि दिल्ली वालों को जो स्वास्थ्य सेवाएं दी जानी चाहिए थी, दिल्ली सरकार वह मुहैया नहीं करा पा रही है. सरकारी अस्पतालों में संसाधनों की कमी है. सभी लोगों को वीकेंड कर्फ्यू का पालन करना चाहिए. यह महामारी है, जो किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है. सभी को दिशा-निर्देशों को मानना चाहिए.
कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं सीलमपुर विधानसभा के पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि सभी को सरकार द्वारा लगाए गए वीकेंड कर्फ्यू का पालन करना चाहिए. यह महामारी है, इसमें सरकार कायदे कानून लेकर आ रही है. हमें एहतियात बरतने के साथ गाइडलाइन का पालन करना चाहिए. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क लगाना बेहद जरूरी है. काम से ज्यादा कुछ नहीं है, जान है तो जहान है और अगर जान ही नहीं है तो फिर कोई मतलब नहीं रह जाता किसी चीज का.
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महामारी को नियंत्रण करने में सरकार विफल
उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल कोविड़ 19 के मरीज को एडमिट नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर एक को भी एडमिट किया तो उनका अस्पताल खाली हो जाएगा. कुछ अस्पतालों को इसके लिए रिजर्व किया गया है, जो कि बहुत महंगे हैं. सरकारी अस्पतालों में संसाधनों की कमी है, बेड नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है, वहां ICU वेंटिलेटर नहीं हैं. लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. सच तो यह है कि सरकार को स्वास्थ्य की सेवाएं लोगों को मिलनी चाहिए थीं, उतनी सुविधाएं लोगों को मिल नहीं रही हैं. इसीलिए लोगों की मौत का आंकड़ा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है. सरकार बीमारी को कंट्रोल नहीं कर पा रही है.
सिर्फ प्रचार करती है केजरीवाल सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ बयान दे सकती है, लेकिन सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रही है. अगर इनको करना ही था तो पहले करना चाहिए था. वह सिर्फ जवाबी जमा खर्च करते रहते हैं. सिर्फ एडवरटाइजमेंट करते रहते हैं. उन्होंने दिल्ली में स्वास्थ्य के लिए कोई काम नहीं किया है. कोई बेड नहीं बढ़ाए, वेंटिलेटर नहीं बढ़ाए सिर्फ वह बयान ही देते रहते हैं. उन्होंने कहा कि यह बीमारी सबके लिए है. ऐसे में हमें पूरी एहतियात बरतनी चाहिए. सरकारी दिशा निर्देशों का सभी को पालन करना ही चाहिए.