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दिल्ली हिंसा: आज भी पुर्ननिर्माण के इंतजार में छतिग्रस्त हुई चांद बाबा मजार - चांद बाबा मजार पुर्ननिर्माण

दिल्ली हिंसा में क्षतिग्रस्त हुई चांद बाबा मजार एक साल बाद भी पुर्ननिर्माण के इंतजार में है. यहां कई बार इसके पुर्ननिर्माण की कोशिश की गई लेकिन किसी न किसी वजह से ये संभव नहीं हो पाया.

Even today, Chand Baba shrine awaited for reconstruction
आज भी पुर्ननिर्माण के इंतजार में छतिग्रस्त हुई चांद बाबा मजार
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Published : Dec 15, 2020, 11:58 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के जख्म आज भी पीड़ितों के मन में ताजा हैं. वहीं हिंसा के दौरान आगजनी का शिकार बनी भजनपुरा मैन चौक पर स्थित चांद बाबा की मजार आज तक भी पुर्ननिर्माण के इंतजार में पड़ी हुई है. हैरत की बात तो यह है कि इस मजार को प्रशासन की तरफ से किसी तरह का कोई मुआवजा और बनाना तो दूर यहां होने वाले निर्माण को रुकवाकर पुलिस सामान तक उठा ले गई.

आज भी पुर्ननिर्माण के इंतजार में छतिग्रस्त हुई चांद बाबा मजार

सदभाव की मिसाल मानी जाने वाली यह मजार दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं की मुराद पूरी करती है. लोगों में इसे लेकर आस्था है कि जो भी मजार पर आकर सच्चे मन से मांगा जाता है, बाबा उसे पूरा करते हैं.

जब मजार को पहुंचाया गया था नुकसान

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के फ्लैश बैक में जाकर देखते हैं तो आपको दंगों के पहले ही दिन होने वाली हिंसक घटना के दौरान वायरल हुआ वो वीडियो जरूर याद आ जाएगा, जिसमें उपद्रवी हाथ में पेट्रोल बम और जले हुए टायर मजार में फेंकते और फिर मजार को धू-धू करके जलते दिखाया जा रहा था.

अफसोस की बात तो यह है कि हिंसा को खत्म हुए एक साल का समय गुजर गया, लेकिन यह मजार आज तक ऐसे ही टूटी हुई पड़ी है, इस मजार को लेकर हर धर्म के लोगों की मान्यता है कि वह सच्चे मन से यहां आकर जो कुछ भी मांगते हैं, बाबा उसे जरूर पूरा करते हैं. इसके लिए आज भी यहां दूर दराज से विभिन्न जाति धर्मों के लोग अपनी फरियाद लेकर आते हैं.

बात की जाए इस मजार के निर्माण की तो मजार कमेटी ने इसे बनाने की कई बार कोशिश की लेकिन हर बार कोई न कोई दिक्कत खड़ी जो जाती है. हद तो यह है कि पुलिस ने ही यहां चल रहे निर्माण कार्य को रुकवा दिया और यहां से मैटेरियल को उठाकर थाने ले गए.

जमीयत उलेमा हिंद ने भी मजार को बनाने की इच्छा जताई थी लेकिन कमेटी के लोगों का कहना है कि क्योंकि यह मजार हर वर्ग के लिए है, ऐसे में आम लोगों के पैसों से ही इसका निर्माण कराया जाए तो बेहतर है.

श्रद्धालु भी चाहते हैं निर्माण

श्रद्धालुओं का मानना है कि इतना समय गुजर गया अब तो मजार को बनना ही चाहिए. बाबा के मजार को लेकर महिला श्रद्धालुओं में खासी आस्था है और महिलाएं यहां चादर चढ़ाने के लिए बहुत दूर दूर से आती हैं. सबका यही मानना ही कि जिन लोगों ने भी बाबा के साथ यह सब किया है बना उन्हें खुद ही सजा देंगे, मजार को जल्द से जल्द बनाया जाना चाहिए.

फूल वाले भी हो गए हैं खासे निराश

मजार के आगजनी का शिकार बनने के बाद मजार के बाहर सालों से बैठने वाले फूल वाले भी मजार की दुर्दशा से परेशान हैं. मजार टूटने की वजह से बहुत कम ही लोग यहां आते हैं, जिसके कारण उनका काम पूरी तरह से चौपट जो गया है. उन्हें भी लगता है कि मजार का निर्माण कार्य जल्द से जल्द कराया जाना चाहिए.

मजार के गद्दीनशी मिन्हाज पहलवान ने बताया कि कई बार उन्होंने भी अपने स्तर से मजार को बनाने की कोशिश की, लेकिन जब तक बाबा नहीं चाहेंगे भला कोई भी कैसे मजार का निर्माण करा सकता है. इतने दिन गुजरने के बाद भी प्रशासन की तरफ से मजार की कोई मदद नहीं हुई, लेकिन दूसरे संगठनों ने जरूर मजार के निर्माण की इच्छा जाहिर की है.

नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा के जख्म आज भी पीड़ितों के मन में ताजा हैं. वहीं हिंसा के दौरान आगजनी का शिकार बनी भजनपुरा मैन चौक पर स्थित चांद बाबा की मजार आज तक भी पुर्ननिर्माण के इंतजार में पड़ी हुई है. हैरत की बात तो यह है कि इस मजार को प्रशासन की तरफ से किसी तरह का कोई मुआवजा और बनाना तो दूर यहां होने वाले निर्माण को रुकवाकर पुलिस सामान तक उठा ले गई.

आज भी पुर्ननिर्माण के इंतजार में छतिग्रस्त हुई चांद बाबा मजार

सदभाव की मिसाल मानी जाने वाली यह मजार दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं की मुराद पूरी करती है. लोगों में इसे लेकर आस्था है कि जो भी मजार पर आकर सच्चे मन से मांगा जाता है, बाबा उसे पूरा करते हैं.

जब मजार को पहुंचाया गया था नुकसान

उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के फ्लैश बैक में जाकर देखते हैं तो आपको दंगों के पहले ही दिन होने वाली हिंसक घटना के दौरान वायरल हुआ वो वीडियो जरूर याद आ जाएगा, जिसमें उपद्रवी हाथ में पेट्रोल बम और जले हुए टायर मजार में फेंकते और फिर मजार को धू-धू करके जलते दिखाया जा रहा था.

अफसोस की बात तो यह है कि हिंसा को खत्म हुए एक साल का समय गुजर गया, लेकिन यह मजार आज तक ऐसे ही टूटी हुई पड़ी है, इस मजार को लेकर हर धर्म के लोगों की मान्यता है कि वह सच्चे मन से यहां आकर जो कुछ भी मांगते हैं, बाबा उसे जरूर पूरा करते हैं. इसके लिए आज भी यहां दूर दराज से विभिन्न जाति धर्मों के लोग अपनी फरियाद लेकर आते हैं.

बात की जाए इस मजार के निर्माण की तो मजार कमेटी ने इसे बनाने की कई बार कोशिश की लेकिन हर बार कोई न कोई दिक्कत खड़ी जो जाती है. हद तो यह है कि पुलिस ने ही यहां चल रहे निर्माण कार्य को रुकवा दिया और यहां से मैटेरियल को उठाकर थाने ले गए.

जमीयत उलेमा हिंद ने भी मजार को बनाने की इच्छा जताई थी लेकिन कमेटी के लोगों का कहना है कि क्योंकि यह मजार हर वर्ग के लिए है, ऐसे में आम लोगों के पैसों से ही इसका निर्माण कराया जाए तो बेहतर है.

श्रद्धालु भी चाहते हैं निर्माण

श्रद्धालुओं का मानना है कि इतना समय गुजर गया अब तो मजार को बनना ही चाहिए. बाबा के मजार को लेकर महिला श्रद्धालुओं में खासी आस्था है और महिलाएं यहां चादर चढ़ाने के लिए बहुत दूर दूर से आती हैं. सबका यही मानना ही कि जिन लोगों ने भी बाबा के साथ यह सब किया है बना उन्हें खुद ही सजा देंगे, मजार को जल्द से जल्द बनाया जाना चाहिए.

फूल वाले भी हो गए हैं खासे निराश

मजार के आगजनी का शिकार बनने के बाद मजार के बाहर सालों से बैठने वाले फूल वाले भी मजार की दुर्दशा से परेशान हैं. मजार टूटने की वजह से बहुत कम ही लोग यहां आते हैं, जिसके कारण उनका काम पूरी तरह से चौपट जो गया है. उन्हें भी लगता है कि मजार का निर्माण कार्य जल्द से जल्द कराया जाना चाहिए.

मजार के गद्दीनशी मिन्हाज पहलवान ने बताया कि कई बार उन्होंने भी अपने स्तर से मजार को बनाने की कोशिश की, लेकिन जब तक बाबा नहीं चाहेंगे भला कोई भी कैसे मजार का निर्माण करा सकता है. इतने दिन गुजरने के बाद भी प्रशासन की तरफ से मजार की कोई मदद नहीं हुई, लेकिन दूसरे संगठनों ने जरूर मजार के निर्माण की इच्छा जाहिर की है.

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