नई दिल्ली: आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के कार्यकर्ताओं ने घोंडा विधानसभा में एक बाइक रैली का आयोजन किया. इस बाइक रैली का आयोजन विधानसभा क्षेत्र को मजबूत करने और युवाओं में बसपा के प्रति अलख जगाने के लिए किया गया था.
रैली के दौरान बसपा नेताओं ने कहा कि दिल्ली सरकार फ्री के वायदे करके दिल्ली वालों को गुमराह कर रही है, उनके साथ धोखा किया जा रहा है.
'बाइक रैली के बाद से युवा काफी उत्साहित'
यह बाइक रैली ब्रह्मपुरी एक्स ब्लॉक स्थित प्राइमरी स्कूल से शुरू होकर विधानसभा के चारों वार्डों ब्रह्मपुरी, घोंडा, भजनपुरा और यमुना विहार होते हुए साढ़े चार पुश्ता डी ब्लॉक भजनपुरा स्थित विधानसभा कार्यालय पहुंचकर सम्पन्न हुई. रैली में शामिल बसपा कार्यकर्ता अपने हाथों में पार्टी के झंडे लिए हुए थे.
बाइक रैली के बाद से युवाओं में बसपा के प्रति रोमांच भरा हुआ है. विधानसभा क्षेत्र के लोगों में अलख जगाने और पार्टी के कारवां को आगे बढ़ाने के लिए कार्यकर्ता अपने स्तर पर इस तरह की बाइक रैली निकाल रहे हैं. जन सभाएं की जा रही हैं और जन संबोधन करके लोगों को बसपा की विचारधारा के बारे में बताया जा रहा है. साथ ही जिला स्तर का यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है.
'केजरीवाल बिजली, पानी फ्री में दे रहे हैं'
बाइक रैली के दौरान बसपा नेताओं ने दिल्ली सरकार पर जमकर हमला बोला. घोंडा जिलाध्यक्ष चौधरी सुभाष पहलवान ने कहा कि आज की दिल्ली सरकार फ्री के वायदे करती है. जबकि फ्री में मिट्टी नहीं मिलती, और वह बिजली, पानी फ्री में दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को कहीं न कहीं गुमराह किया जा रहा है. दिल्ली के लोगों को धोखा दिया जा रहा है. बसपा न तो किसी को गुमराह करती है और न ही किसी के साथ धोखा करती है.
'संविधान पर चलती है बसपा'
बसपा नेताओं ने साफ कहा है कि उन्हें चुनाव में होने वाले फायदे नुकसान से कोई लेना देना नहीं है. बसपा फायदे नुकसान की पार्टी नहीं है, बल्कि बसपा का आना एक सिद्धांत है. वह बाबा साहब के बनाए संविधान पर चलना चाहती है. लोगों से भी उम्मीद करती है कि लोग बाबा साहब के सिद्धांत को मानते हुए बसपा के मिशन से जुड़ें.
घोंडा विधानसभा क्षेत्र में बाइक रैली निकालने वाले बसपा नेताओं ने कहा कि इस बाइक रैली का मकसद विस क्षेत्र को मजबूत करते हुए ज्यादा से ज्यादा युवाओं को पार्टी के बढ़ते कारवां के साथ जोड़ना और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी जागरूक करते हुए संगठन के साथ जोड़कर खड़ा करना है.