नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में हुए दंगों के प्रभावितों को मिलने वाले मुआवजे की जांच के नाम पर बनने वाली कमेटियां सिर्फ और सिर्फ असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बनाई जा रही हैं. बहुजन समाज पार्टी के उत्तर-पूर्वी लोकसभा जोन प्रभारी जगदीश प्रसाद ने इन कमेटियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जांच पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजे की नहीं बल्कि दंगे आखिर हुए ही क्यों और तीन दिन तक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुप्पी और पुलिस के निष्क्रिय रवैये की होनी चाहिए.
बहुजन समाज पार्टी के उत्तर-पूर्वी दिल्ली जोन इंचार्ज जगदीश प्रसाद ने कहा कि राजनीतिक दल कमेटी खेल रहे हैं. ऐसा लगता है कि जैसे मुद्दों से भटकाने के लिए यह सब किया जा रहा है. इतना ही नहीं, दंगों की वजह से जैसे लोगों की जिंदगियां तबाह हुई हैं. उसके बाद भी आजतक सरकार का मुआवजा हिंसा प्रभावितों तक पहुंच ही नहीं पाया है, जिसे मिला भी है वह भी अधूरा.
गृह मंत्री ने नहीं दिया कोई जवाब
बसपा नेता ने कहा कि आज हिंसा प्रभावितों को मिलने वाले मुआवजे की बात कहकर कमेटियां बनाई जा रही हैं, जबकि जांच इस बात की होने की जरूरत है कि आखिर तीन दिन तक कैसे दिल्ली जैसी जगह पर दंगे हुए रहे और दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही. जांच असल में इस बात की होनी चाहिए कि आखिर क्यों तीन दिन तक देश के गृह मंत्री अमित शाह इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी कोई बयान नहीं देते हैं. जबकि दूसरे दलों के नेता यहां तक कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी दिल्ली दंगों पर अपना वक्तव्य दिया. उन्होंने साफ कहा कि अल्पसंख्यकों पर जुल्म किया जा रहा है, जो कि ठीक नहीं है.
केंद्र और केजरीवाल पर साधा निशाना
बसपा नेता जगदीश प्रसाद ने कहा कि सरकार जैसे देश चलाना चाह रही है. ऐसे देश नहीं चलता बल्कि देश सबको साथ लेकर चलाया जाता है. सरकार की मंशा ठीक नहीं है, तभी तीन दिनों तक दिल्ली में दंगा होता रहा और पुलिस शांत बैठे सबकुछ होते हुए देखती रही. जगदीश प्रसाद ने कोरोना के मामलों पर भी दिल्ली की केजरीवाल और केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि कोरोना के मामले और सरकार की कार्यप्रणाली देखकर तो लगता है कि जैसे यह सब आपस में मिले हुए हैं.
अस्पताल और श्मशान के आंकड़ों में भारी फर्क दिखाई देता है, ऐसा लगता है जैसे जानबूझकर इन आंकड़ों को बदला जा रहा था. उन्होंने केजरीवाल सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता ने खुद अपना बचाव करना शुरू कर दिया है. लोग खुद ही मास्क का इस्तेमाल करने लगे. वहीं केजरीवाल बताएं कि आखिर उन्होंने कितने मास्क जनता में बांटे, कभी कहीं सरकार के लोग मास्क बांटते नहीं दिखाई दिए.