नई दिल्ली : दिल्ली का कंझावला हिट एंड रन मामले का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. वहीं, दूसरी तरफ अंजलि के परिजन लगातार इस मुद्दे पर अपना आक्रोश व्यक्त करते कर रहे हैं. न्याय दिलाने और आरोपियों की फांसी की सजा को लेकर परिजन लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. इसी कड़ी में अंजलि के परिजनों ने सुल्तानपुरी थाने का घेराव किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों के खिलाफ फांसी की सजा की मांग करते हुए इस मामले में धारा 302 जोड़ने की मांग की. इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग भी मौजूद रहे. इस कारण वाहन चालकों और राहगीरों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा.
वहीं, अंजलि के मामा और उनके जानने वाले डॉ. भूपेंद्र चौरसिया ने अपना आक्रोश व्यक्त किया. दरअसल, सोमवार को अंजलि के मां की इलाज के बाद घर पहुंच कर परिजनों ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए रोष व्यक्त किया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब सभी आरोपियों ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि उन्हें गाड़ी के नीचे अंजलि के फंसे होने की जानकारी थी, तो ऐसे में आरोपियों का उद्देश्य साफ जाहिर हो रहा है. इसके बावजूद पुलिस इस प्रकरण में 302 का मुकदमा दर्ज करने से आखिर क्यों कतरा रही है.
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उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस की तरफ से इस मामले में लापरवाही बरतना यह साफ दर्शाता है कि पुलिस इस मामले में लीपापोती करने में लगी है. परिजनों ने इस मामले में गृह मंत्रालय को हस्तेक्षप करने की वकालत की है. बता दें कि इससे पहले गिरफ्तार मुख्य पांच आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया था. पुलिस ने कोर्ट के सामने ये मांग रखी थी कि इस मामले में आरोपियों से पूछताछ करना बाकी है, इसीलिए उनकी पुलिस कस्टडी की जरूरत है.
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