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कुछ खास लोगों को टारगेट करने के लिए है NRC: डॉ. जफरुल इस्लाम खान - डॉ.जफरुल इस्लान खान

दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन का कहना है कि एनआरसी पर कार्रवाई शुरू होगी तो देशभर में इसके विरोध के लिए लोग खड़े होंगे और देश के हालात भी खराब होने का अंदेशा है. देश में शांतिपूर्ण माहौल चाहिए तो एनआरसी जैसी चीजों को बंद करना होगा.

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दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन चेयरमैन
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Published : Dec 3, 2019, 1:18 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा नें एनआरसी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की स्पीच को लेकर दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉ.जफरुल इस्लाम खान ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उनका कहना है कि एनआरसी को खास तौर से एक समुदाय को केंद्रित कर टारगेट किया जा रहा है.

माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन ने NRC को बताया गलत

NRC पर दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन का बयान
दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन का कहना है कि एनआरसी पर कार्रवाई शुरू होगी तो देशभर में इसके विरोध के लिए लोग खड़े होंगे और देश के हालात भी खराब होने का अंदेशा है. देश में शांतिपूर्ण माहौल चाहिए तो एनआरसी जैसी चीजों को बंद करना होगा.

'एनआरसी मोदी सरकार का एक गलत कदम'
डॉ. जफरुल इस्लान खान ने संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एनआरसी को लेकर दिए गए बयान पर कहा कि एनआरसी मोदी सरकार का एक गलत कदम है, ये पहले से तय है कि इसके जरिये एक खास समुदाय को और उनकी नागरिकता को खत्म किया जाएगा.

उनका कहना है कि एनआरसी को लेकर ये बात भी सामने आ रही है कि पड़ोसी मुल्कों से आए लोगों में एक खास समुदाय के लोगों को नागरिकता नहीं दी जाएगी. ये बहुत गलत चीज है. किसी भी सैकुलर देश में ऐसा नहीं हो सकता .

'यहां रहने वाले सभी हिंदुस्तानी हैं'
उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू की जाती है तो देश में अनार्की फैलने के अंदेशा है. इस तरह से देश में अव्यवस्था के हालात पैदा हो सकते है. हमें देश में शांतिपूर्ण माहौल चाहिए तो हमें एनआरसी जैसी चीजों को बंद करना होगा. डॉ. खान ने कहा कि एनआरसी पूरी तरह से एक खास समुदाय को टारगेट करने के लिए तैयार किया गया है,जोकि अच्छी बात नहीं है.


'सिर्फ डॉक्यूमेंट के हिसाब से ना हो भेदभाव'
उन्होंने कहा कि जो लोग यहां रह रहे है वो भारत में अभी नहीं आए है. वो यहां 500 से हजार साल पहले यहां आकर बसे थे. वो लोग पुरी तरह से हिंदुस्तानी है. उनकी सोच, उनका रहन सहन, उनका खानपान, उनकी बोलचाल पूरी तरह से हिंदुस्तानी हैं. ऐसे में सिर्फ डॉक्यूमेंट के हिसाब से किसी भी तरह का भेदभाव करना ठीक नहीं है. सख्ती होने पर रिश्वत का माहौल गर्म होगा और लोग गलत तरीकों से पैसे देकर कागजात बनवाएंगे और रिश्वतखोरी हावी हो जाएगी.

असम का दिया उदाहरण
उन्होंने कहा कि हमारे सामने असम की मिसाल मौजूद है. जहां एक दो नहीं बल्कि बीस लाख लोगों की नागरिकता छीनी गई है.

नई दिल्ली: लोकसभा नें एनआरसी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की स्पीच को लेकर दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉ.जफरुल इस्लाम खान ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उनका कहना है कि एनआरसी को खास तौर से एक समुदाय को केंद्रित कर टारगेट किया जा रहा है.

माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन ने NRC को बताया गलत

NRC पर दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन का बयान
दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन का कहना है कि एनआरसी पर कार्रवाई शुरू होगी तो देशभर में इसके विरोध के लिए लोग खड़े होंगे और देश के हालात भी खराब होने का अंदेशा है. देश में शांतिपूर्ण माहौल चाहिए तो एनआरसी जैसी चीजों को बंद करना होगा.

'एनआरसी मोदी सरकार का एक गलत कदम'
डॉ. जफरुल इस्लान खान ने संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एनआरसी को लेकर दिए गए बयान पर कहा कि एनआरसी मोदी सरकार का एक गलत कदम है, ये पहले से तय है कि इसके जरिये एक खास समुदाय को और उनकी नागरिकता को खत्म किया जाएगा.

उनका कहना है कि एनआरसी को लेकर ये बात भी सामने आ रही है कि पड़ोसी मुल्कों से आए लोगों में एक खास समुदाय के लोगों को नागरिकता नहीं दी जाएगी. ये बहुत गलत चीज है. किसी भी सैकुलर देश में ऐसा नहीं हो सकता .

'यहां रहने वाले सभी हिंदुस्तानी हैं'
उन्होंने कहा कि एनआरसी लागू की जाती है तो देश में अनार्की फैलने के अंदेशा है. इस तरह से देश में अव्यवस्था के हालात पैदा हो सकते है. हमें देश में शांतिपूर्ण माहौल चाहिए तो हमें एनआरसी जैसी चीजों को बंद करना होगा. डॉ. खान ने कहा कि एनआरसी पूरी तरह से एक खास समुदाय को टारगेट करने के लिए तैयार किया गया है,जोकि अच्छी बात नहीं है.


'सिर्फ डॉक्यूमेंट के हिसाब से ना हो भेदभाव'
उन्होंने कहा कि जो लोग यहां रह रहे है वो भारत में अभी नहीं आए है. वो यहां 500 से हजार साल पहले यहां आकर बसे थे. वो लोग पुरी तरह से हिंदुस्तानी है. उनकी सोच, उनका रहन सहन, उनका खानपान, उनकी बोलचाल पूरी तरह से हिंदुस्तानी हैं. ऐसे में सिर्फ डॉक्यूमेंट के हिसाब से किसी भी तरह का भेदभाव करना ठीक नहीं है. सख्ती होने पर रिश्वत का माहौल गर्म होगा और लोग गलत तरीकों से पैसे देकर कागजात बनवाएंगे और रिश्वतखोरी हावी हो जाएगी.

असम का दिया उदाहरण
उन्होंने कहा कि हमारे सामने असम की मिसाल मौजूद है. जहां एक दो नहीं बल्कि बीस लाख लोगों की नागरिकता छीनी गई है.

Intro:एनआरसी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान से मुसलमानों में खासी बैचेनी है, शाह के बयान को दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉ.जफरुल इस्लाम खान ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए खास तौर से मुसलमानों को केंद्रित कर टारगेट करने के लिए बनाया गया बताया.डॉ. खान ने कहा कि एनआरसी पूरी तरह से एक खास समुदाय को टारगेट करने के लिए तैयार किया गया है,जोकि अच्छी बात नहीं है. एनआरसी पर कार्रवाई शुरू होगी तो देशभर में इसके विरोध के लिए लोग खड़े होंगे और देश के हालात भी खराब होने का अंदेशा है. देश में शांतिपूर्ण माहौल चाहिए तो एनआरसी जैसी चीजों को बंद करना होगा.


Body:दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉ.जफरुल इस्लान खान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एनआरसी को लेकर दिए गए बयान पर कहा कि एनआरसी मोदी सरकार का एक गलत कदम है,यह पहले से तय है कि इसके जरिये मुसलमानों को और उनकी नागरिकता को खत्म किया जाएगा.एनआरसी को लेकर यह बात भी सामने आ रही है कि पड़ोसी मुल्कों से मुसलमानों के अलावा जो लोग भारत आएंगे उन्हें तो नागरिकता देंगे, लेकिन जो मुसलमान आएंगे उन्हें नागरिकता नहीं दी जाएगी, यह बहुत ही गलत चीज है, किसी भी सैकुलर मुल्क (देश) में ऐसा नहीं हो सकता.
उन्होंने कहा एनआरसी लागू की जाती है तो देश में अनार्की फैलने के अंदेशा है, क्योंकि ऐसे बहुत से लोग हैं जो बेहद गरीब वर्ग से होंगे,गुस्से का शिकार होंगे जिसकी वजह से सामाजिक ताना बाना टूटता है, इस तरह से देश मे ऐसे हालात पैदा हो जाएंगे, जिसमें कानून व्यवस्था को काबू करने के लिए व्यापक पुलिस और सुरक्षा बल की जरूरत पड़ेगी. हमें देश में शांतिपूर्ण माहौल चाहिए तो हमें एनआरसी जैसी चीजों को बंद करना होगा.
उन्होंने कहा कि एनआरसी एक सोच के तहत बन रहा है, इसका मकसद कुछ खास लोगों को टारगेट करना होगा.
उन्होंने कहा कि खुद अमित शाह के बार इस बात को बोल चुके हैं कि मुसलमानों के अलावा किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है. यह बहुत ही गलत और गंदी सोच है.

उन्होंने कहा कि यहां पर आज कोई नहीं आया है, यहां पर जो लोग भी आए हुए हैं वह पांच सौ, हजार साल पहले आकर बसे थे, वह आज पूरी तरह से हिंदुस्तानी हैं, और खालिस हिंदुस्तानी हैं. उनकी सोच, उनका रहन सहन, उनका खानपान, उनकी बोलचाल पूरी तरह से हिंदुस्तानी हैं, ऐसे में सिर्फ डॉक्यूमेंट के हिसाब से किसी भी तरह का भेदभाव करना ठीक नहीं है.ऐसे में सख्ती होने पर रिश्वत का माहौल गर्म होगा,और लोग गलत तरीकों से पैसे देकर कागजात बनवाएंगे और रिश्वतखोरी हावी हो जाएगी.

हमारे सामने है असम के उदाहरण
उन्होंने कहा कि हमारे सामने असम की मिसाल मौजूद है जहां एक दो नहीं बल्कि बीस लाख लोगों की नागरिकता छीनी गई है, इतना ही नहीं बल्कि असम के मुख्यमंत्री ने तो ठान तक कह दिया था कि एनआरसी आएगा तो मुसलमानों के अलावा जो लोग भी इसमें प्रभावित सामने आएंगे,


Conclusion:एनआरसी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान से मुसलमानों में खासी बैचेनी है, शाह के बयान को दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉ.जफरुल इस्लाम खान ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए खास तौर से मुसलमानों को केंद्रित कर टारगेट करने के लिए बनाया गया बताया..

दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन डॉ. जफरुल इस्लाम खान से ईटीवी भारत संवाददाता की एक्सक्लुसिव बातचीत....
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