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यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट बंद, हो सकती है पानी की किल्लत

Wazirabad treatment plant closed: यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करना पड़ा है. जिससे लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ सकता है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 11, 2024, 10:22 AM IST

नई दिल्ली: यमुना नदी में लगातार अमोनिया की मात्रा बढ़ने से दिल्ली के तीनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद करने की नौबत आ सकती है. पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से वजीराबाद प्लांट को बंद करना पड़ा है. जिससे दिल्ली वासियों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. यमुना में अमोनिया की मात्रा सामान्य से 10 गुना तक बढ़ गई है. जिसका असर नॉर्थ, सेंट्रल और साउथ दिल्ली के लोगो पर पड़ेगा. जलबोर्ड ने एतिहात के तौर पर यमुना के पानी को ट्रीट नही करने का निर्णय नहीं लिया है.

जलबोर्ड के अधिकारियों के बताया की दिल्ली की यमुना में हरियाणा से फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त पानी छोड़ा जाता है, जिससे यमुना में अमोनिया की मात्रा लगातार बढ़ रही है. बुधवार की दोपहर वजीराबाद रिजर्ववायर में अमोनिया की मात्रा 3 पीपी रिकॉर्ड दर्ज की गई. इस पानी को ट्रीट नहीं किया जा सकता था, बाद में यमुना में अमोनिया की मात्रा और बढ़ गई जो 5 पीपीएम तक पहुंच गई. जब अधिकारियों ने यमुना के पानी की जांच के लिए सैंपल लिए तो पता चला कि पानी में अमोनिया की मात्रा मानकों से कही अधिक है.

ये भी पढ़ें: दिल्‍ली: रोहिणी सेक्टर 23 में पानी की किल्‍लत से परेशान महिलाओं ने किया प्रदर्शन

बता दें कि यमुना का पानी वजीराबाद इलाके में वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के पास रिजर्ववायर में स्टोर किया जाता है. बाद में इस पानी को वजीराबाद से चंद्रावल और ओखला प्लांट में ले जाकर ट्रीट किया जाता है. बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे तक वजीराबाद प्लांट में अमोनिया की मात्रा यूनिट 1 में 2.2 पीपीएम थी जबकि दूसरी यूनिट में भी अमोनिया की मात्रा इतनी ही थी. तीसरी यूनिट में 1.8 पीपीएम अमोनिया की मात्रा दर्ज की गई.

उसके दो घंटे बाद दोपहर में एक बार फिर अमोनिया की मात्रा जांच की गई तो पानी में अमोनिया की मात्रा कुछ कम पाई गई. लेकिन दोपहर करीब तीन बजे के बाद यमुना में अमोनिया का स्तर अचानक से बढ़ गया, जिसकी वजह से प्लांट की यूनिटों को बंद करना पड़ा. जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से लोगों की सेहत पर असर पड़ता है. प्लांट में अधिकतम 0.9 बीपीएम तक ही अमोनिया के मात्रा वाले पानी को ट्रीट किया जा सकता है.

जिस कारण वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट को बंद किया गया है. और जब वजीराबाद से चंद्रावल और ओखला प्लांट तक पानी नहीं पहुंचेगा तो इसका असर नॉर्थ, सेंट्रल और साउथ दिल्ली के इलाकों में भी पड़ेगा. यदि यमुना में अमोनिया की मात्रा कम नहीं हुई तो गुरुवार को भी प्लांट बंद रखने पड़ेंगे. जिससे दिल्लीवासियों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.

सामान्य तौर पर सर्दियों के दिनों में ही यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ती है. जिस कारण दिल्लीवासियों को हर बार पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है. हरियाणा के सोनीपत, पानीपत इलाके में कई केमिकल इंडस्ट्रीज हैं जिससे निकलने वाले केमिकल वेस्ट को यमुना में डिस्चार्ज किया जाता है. ये पानी सीधा दिल्ली आता है. यमुना में लगातार केमिकल युक्त पानी गिरने से अमोनिया का स्तर बढ़ता है और पानी भी प्रदूषित होता है. जल प्रदूषण का असर सीधे लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिससे उन्हें गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: Water Crisis: गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन क्षेत्र में पानी की समस्या से प्रभावित हो रहे 5 लाख लोग

नई दिल्ली: यमुना नदी में लगातार अमोनिया की मात्रा बढ़ने से दिल्ली के तीनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद करने की नौबत आ सकती है. पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से वजीराबाद प्लांट को बंद करना पड़ा है. जिससे दिल्ली वासियों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. यमुना में अमोनिया की मात्रा सामान्य से 10 गुना तक बढ़ गई है. जिसका असर नॉर्थ, सेंट्रल और साउथ दिल्ली के लोगो पर पड़ेगा. जलबोर्ड ने एतिहात के तौर पर यमुना के पानी को ट्रीट नही करने का निर्णय नहीं लिया है.

जलबोर्ड के अधिकारियों के बताया की दिल्ली की यमुना में हरियाणा से फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त पानी छोड़ा जाता है, जिससे यमुना में अमोनिया की मात्रा लगातार बढ़ रही है. बुधवार की दोपहर वजीराबाद रिजर्ववायर में अमोनिया की मात्रा 3 पीपी रिकॉर्ड दर्ज की गई. इस पानी को ट्रीट नहीं किया जा सकता था, बाद में यमुना में अमोनिया की मात्रा और बढ़ गई जो 5 पीपीएम तक पहुंच गई. जब अधिकारियों ने यमुना के पानी की जांच के लिए सैंपल लिए तो पता चला कि पानी में अमोनिया की मात्रा मानकों से कही अधिक है.

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बता दें कि यमुना का पानी वजीराबाद इलाके में वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के पास रिजर्ववायर में स्टोर किया जाता है. बाद में इस पानी को वजीराबाद से चंद्रावल और ओखला प्लांट में ले जाकर ट्रीट किया जाता है. बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे तक वजीराबाद प्लांट में अमोनिया की मात्रा यूनिट 1 में 2.2 पीपीएम थी जबकि दूसरी यूनिट में भी अमोनिया की मात्रा इतनी ही थी. तीसरी यूनिट में 1.8 पीपीएम अमोनिया की मात्रा दर्ज की गई.

उसके दो घंटे बाद दोपहर में एक बार फिर अमोनिया की मात्रा जांच की गई तो पानी में अमोनिया की मात्रा कुछ कम पाई गई. लेकिन दोपहर करीब तीन बजे के बाद यमुना में अमोनिया का स्तर अचानक से बढ़ गया, जिसकी वजह से प्लांट की यूनिटों को बंद करना पड़ा. जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से लोगों की सेहत पर असर पड़ता है. प्लांट में अधिकतम 0.9 बीपीएम तक ही अमोनिया के मात्रा वाले पानी को ट्रीट किया जा सकता है.

जिस कारण वजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट को बंद किया गया है. और जब वजीराबाद से चंद्रावल और ओखला प्लांट तक पानी नहीं पहुंचेगा तो इसका असर नॉर्थ, सेंट्रल और साउथ दिल्ली के इलाकों में भी पड़ेगा. यदि यमुना में अमोनिया की मात्रा कम नहीं हुई तो गुरुवार को भी प्लांट बंद रखने पड़ेंगे. जिससे दिल्लीवासियों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.

सामान्य तौर पर सर्दियों के दिनों में ही यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ती है. जिस कारण दिल्लीवासियों को हर बार पानी की किल्लत से जूझना पड़ता है. हरियाणा के सोनीपत, पानीपत इलाके में कई केमिकल इंडस्ट्रीज हैं जिससे निकलने वाले केमिकल वेस्ट को यमुना में डिस्चार्ज किया जाता है. ये पानी सीधा दिल्ली आता है. यमुना में लगातार केमिकल युक्त पानी गिरने से अमोनिया का स्तर बढ़ता है और पानी भी प्रदूषित होता है. जल प्रदूषण का असर सीधे लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिससे उन्हें गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है.

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