नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी(DU Law Faculty) के परीक्षा परिणाम को लेकर कुलपति ने तीन सदस्यीय समिति गठन का आदेश दिया है. यह समिति परीक्षा परिणाम का पुनर्मूल्यांकन करेगी. कुछ दिन पहले दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने एक दोषपूर्ण सेमेस्टर परिणाम जारी किया, जिसमें 400 से अधिक छात्रों को या तो शून्य अंक दिए गए थे, या अनुपस्थित दिखाए गए थे. इसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(Akhil bhartiya vidyarthi Parishad) लगातार विरोध कर रहा है. एबीवीपी के एक प्रतिनिधिमंडल और विरोध कर रहे छात्रों के प्रॉक्टर से मिलने के बाद, कुलपति ने तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति के गठन का आदेश दिया.
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नोटिस जारी किया गया था
इससे पहले, एबीवीपी ने इस विषय पर विधि संकाय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. जिसके बाद एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि, "इस मुद्दे को हल करने के लिए एक शिकायत समिति का गठन किया जाएगा", लेकिन मामले में कोई और कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद छात्रों को फिर से विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
आश्वासन दिया लेकिन कार्रवाई नहीं की गई
एबीवीपी दिल्ली के राज्य सचिव अक्षित दहिया ने कहा, "हमने पहले भी विरोध जताया था, जिसके बाद हमें समाधान का आश्वासन दिया गया था. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस कारण हमें फिर से विरोध करने और प्रॉक्टर से मिलने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस विषय पर हमने इस सामूहिक कुप्रशासन के संबंध में कुलपति को भी जानकारी दी. जिस पर उन्होंने तीन सदस्यीय उच्च शक्ति समिति के गठन का आदेश दिया है. छात्रों को जल्द से जल्द राहत सुनिश्चित करने के लिए हम इसका बारीकी से फॉलोअप लेते रहेंगे. एबीवीपी के प्रतिनिधिमंडल में समुज्जल देवरी, अध्यक्ष, एबीवीपी सीएलसी; भरत शर्मा, एनईसी और आशीष सिंह, एसईसी सदस्य शामिल थे.
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