नई दिल्लीः पुरानी दिल्ली के चितली कबर इलाके से शनिवार को इमाम हुसैन की शहादत की याद में अलविदाई काला ताजिए का जुलूस निकाला गया. इसमें हजारों की तादाद में पुरुष और खवातीन हजरात ने शिरकत कर सड़क पर मातम करते हुए मरसिय और नोहे पढ़े. बता दें कि बड़े ही तरील अरसे से पुरानी दिल्ली के चितली कबर से काला ताजिया निकाला जाता है और जोरबाग शाहेमर्दा पर काले ताजिए का जुलूस तमाम किया जाता है. वहीं इस मौके पर आलम भी निकाले जाते हैं.
दिल्ली के संसद मार्ग में शनिवार को हजारों की संख्या में महिला, बुजुर्ग, छोटे-छोटे बच्चे, युवा ताजिया जुलुस में शामिल हुए. करीब 4-5 किलोमीटर की लंबी लाइन में हजारों की संख्या में महिलाऐं और पुरुष पैदल चले. इस दौरान दिल्ली पुलिस और सेना के जवान भी इस जुलुस में पूरी मुस्तैदी के साथ नजर आए. हालांकि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ से कई रूट्स पर जाने के लिए एडवाइजरी जारी की गई थी.
संसद मार्ग पर काफी देर तक जाम भी दिखने को मिला. जुलूस में मुस्लिम युवाओं के दिलों में देश के प्रति प्रेम और कर्बला कुर्बानी का जज्बा नजर आया. हाथों में तिरंगा लेकर युवा जुलूस में जा रहे थे. हजारों की भीड़ सड़कों से गुजर रही थी. जुलूस में छोटे-छोटे बच्चे और युवाओं के हाथों में तिरंगा झंडा भी देखा गया.
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