नई दिल्ली: विदेशी भाषा सीखने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. नौकरी की अपार क्षमता को देखते हुए छात्र विदेशी भाषा सीखना चाहते हैं. यही वजह है कि अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को विदेशी भाषा सिखाई जाएगी. छात्रों को फ्रेंच, जर्मन और जापानी भाषा का ज्ञान दिया जाएगा. इस संबध में शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी कर जानकारी दी है. हालांकि, अभी यह विदेशी भाषा सिर्फ छठी से सातवीं क्लास के छात्रों को सिखाई जाएगी.
दिल्ली सरकार की शिक्षा विभाग एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत अभी इसकी शुरुआत दिल्ली के 58 सरकारी स्कूलों में कर रही है. यहां पढ़ने वाले छठी और सातवीं क्लास के छात्र विदेशी भाषा सीख सकेंगे.
क्या कहते हैं शिक्षा निदेशकः शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने बताया कि एक विदेशी भाषा सीखने से व्यक्ति के विश्व दृष्टिकोण का विस्तार होता है और सांस्कृतिक विविधता की सराहना का मूल्य विकसित होता है. यह उन छात्रों के लिए अवसरों की एक पूरी नई दुनिया खोलता है, जो बहुभाषी हैं और दुनिया के भीतर संबंध बनाना चाहते हैं. इसके अलावा, विदेशी भाषाएं सीखने से बेहतर संज्ञानात्मक कामकाज में भी मदद मिलती है. स्मृति, रचनात्मकता और समस्या सुलझाने के कौशल में मदद मिलती है और क्षमता बढ़ती है.
उन्होंने कहा कि दुनिया में चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों को तैयार करने और छात्रों के भाषाई कौशल को बढ़ाने के लिए 58 सरकारी स्कूलों में तीन विदेशी भाषाओं अर्थात फ्रेंच जर्मन और जापानी को शुरू करने का निर्णय लिया है. अभी शैक्षणिक सत्र 2023-24 में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह शुरू किया जा रहा है.
स्कूल प्रमुखों को निर्देशः छात्रों को विदेशी भाषा सिखाने के लिए 10 विदेशी भाषा शिक्षकों को तैनात किया जाएगा. ये विदेशी भाषा शिक्षक अतिथि की हैसियत से काम करेंगे. स्कूलों के प्रमुख शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से आवंटित स्कूलों में शामिल होने की अनुमति देंगे और उनकी उपस्थिति का रिकॉर्ड रखेंगे. छठी और सातवीं कक्षा के इच्छुक छात्रों को विदेशी भाषा सिखाई जाएगी. छात्रों के माता-पिता की सहमति लेने के बाद एक हॉबी क्लास विकसित किया जाएगा. विदेशी भाषा (स्कूल में पढ़ाई जा रही) का कोई औपचारिक मूल्यांकन नहीं होगा.