नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सागर धनखड़ हत्याकांड (Deceased Wrestler Sagar Dhankhar) को फास्ट ट्रैक अदालत में स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने निचली अदालत से मामले की जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया है. इस मामले में पूर्व ओलंपियन सुशील कुमार सहित कई अन्य अपराधी शामिल हैं. न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने शुक्रवार को मृतक सागर धनखड़ के पिता द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उनके बेटे की हत्या के मामले को समयबद्ध तरीके से फास्ट ट्रैक अदालत में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि हर चर्चित मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं भेजा जा सकता है.
याचिकाकर्ता ने मामले की संवेदनशीलता और ओलंपियन सुशील कुमार सहित अन्य अभियुक्तों के प्रभाव को देखते हुए केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग की थी. याचिकाकर्ता अशोक ने अधिवक्ता जोगिंदर तुली के माध्यम से एक याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि वर्तमान मामले में आरोपी अधिक प्रभावशाली है, जो गवाहों और सबूतों को प्रभावित कर सकता है. इनमें से कुछ सरकारी कर्मचारी हैं और कुख्यात कला असोधा गिरोह और मुख्य साजिशकर्ता से भी संबंधित हैं.
इस मामले में गवाहों और सबूतों के सबमिशन के लिए 21 जनवरी 2023 की तारीख तय की गई थी. इसमें कहा गया कि मामले में लगभग 20 आरोपी व्यक्ति हैं और मुख्य आरोपी को काफी देर के बाद गिरफ्तार किया गया था. कुछ अभियुक्तों ने पर्याप्त भौतिक सबूत नष्ट कर दिए हैं. अगर मामले में ऐसे ही देरी होती रही तो सारे सबूत खत्म हो जाएंगे और गवाह बदल जाएंगे.
बता दें, दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में ओलिंपियन सुशील कुमार समेत 18 लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास समेत अन्य मामलों में आरोप तय कर दिया है. कोर्ट ने मामले में फरार 2 अन्य आरोपियों के खिलाफ भी आरोप तय किया है. डेढ़ साल पहले 23 साल के युवा पहलवान सागर को सुशील और अन्य पहलवानों ने मिलकर कथित तौर पर अगवा कर लिया. उसके बाद देर रात छत्रसाल स्टेडियम में उसकी पिटाई की गई थी, जिसके चलते बाद में सागर की मौत हो गई थी.