नई दिल्ली: दो साल के लंबे अंतराल के बाद इस साल दिल्ली में त्यौहारों के अवसर उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है. बाजारों में भी ग्राहकों की चहल-पहल बीते 2 सालों के मुकाबले ना सिर्फ बढ़ी है बल्कि लोग जमकर खरीददारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस सबके बीच त्योहारी सीजन में आज धनतेरस का शुभ और पावन त्योहार है. इस शुभ अवसर पर हिंदू रीति रिवाज के अनुसार सोने और चांदी की खरीदारी के साथ बर्तनों की खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है.
दिल्ली में बीते 2 साल से मंदी की मार झेल रहे सर्राफा कारोबारियों को धनतेरस त्योहार पर अच्छे कारोबार की उम्मीद थी और वह सच होता वह भी दिखाई दे रहा है. इस बार धनतेरस के त्योहार के अवसर पर लोगों ने ना सिर्फ बड़ी संख्या में बाजार का रुख किया है, बल्कि अच्छी खासी संख्या में सोने और चांदी की खरीदारी भी की है. इस साल धनतेरस का त्यौहार दो दिन पड़ रहा है. इस वजह से भी सर्राफा कारोबारियों को अच्छा व्यापार होने की उम्मीद है. धनतेरस का त्योहार दिल्ली सहित देश भर के व्यापारियों के लिए माल बिक्री का एक बड़ा दिन होता है, जिसको लेकर व्यापारियों ने बड़ी तैयारियां की हैं.
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धनतेरस के दिन सिद्धि विनायक श्री गणेश जी, धन की देवी श्री महालक्ष्मी तथा कुबेर की पूजा होती है. इस दिन नई वस्तु ख़रीदना शुभ माना जाता है. इस दिन ख़ास तौर पर सोना चांदी के आभूषण तथा अन्य वस्तुएं ख़रीदे जाते हैं.
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कैट की वैदिक एवं ज्योतिष कमेटी के संयोजक तथा प्रख्यात वेद मर्मज्ञ उज्जैन के आचार् दुर्गेश तारे ने बताया की देश भर में धनतेरस इस बार 23 को ही मनाई जा रही है. भगवान धन्वंतरि का प्रदूर्भाव भी धनतेरस के ही के दिन हुआ था. भगवान धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार हैं तथा औषधि के देवता भी हैं. भगवान धन्वंतरि ने ही आयुर्वेद भारत में प्रारंभ किया था. 23 अक्टूबर को ही उदयात तिथि में त्रयोदशी होने के कारण ही सम्पूर्ण दिवस धनतेरस के रूप में मनाया जा सकेगा. उदयात तिथि को ही आधार मान कर धनतेरस पर्वकाल 23 को ही संपन्न करना चाहिए.
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