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सेंट स्टीफेंस कॉलेज: नए प्रिसिंपल की नियुक्ति के लिए डीयू ने यूजीसी को लिखी चिट्ठी - सेंट स्टीफंस के प्रिंसिपल का कार्यकाल खत्म

सेंट स्टीफेंस कॉलेज (St. Stephen College) के प्रिंसिपल प्रो जॉन वर्गिस (Principal of St Stephens College Prof John Varghese) का पांच साल का कार्यकाल यूजीसी नियमों के तहत 28 फरवरी 2021 को पूरा हो गया. इसके अतिरिक्त वह पिछले एक साल से पद पर हैं. नए प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर डीयू ने यूजीसी को चिट्ठी लिखी है.

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Published : Nov 20, 2022, 8:29 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (University of Delhi) से संबद्ध सेंट स्टीफेंस कॉलेज(St. Stephen College) में हर छात्र का पढ़ने का सपना होता है. छात्र यहां पर दाखिले के लिए जी तोड़ मेहनत करता है. जहां एक तरफ छात्र इस कॉलेज की सीट पाने के लिए सपना देखते हैं, वहीं पिछले साल ही पांच साल का कार्यकाल होने के बाद भी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो जॉन वर्गिस (Principal of St Stephens College Prof John Varghese) इस पद पर बने हुए हैं. ऐसे में इस मामले में डीयू ने यूजीसी को चिट्ठी लिखकर प्रो वर्गीज के अतिरिक्त समय तक पद पर बने रहने और कॉलेज में नए प्रिसिंपल की नियुक्ति करने को लेकर हस्तक्षेप करने की मांग की है. बता दें, यूजीसी नियमों के तहत एक प्रिसिंपल की नियुक्ति पांच वर्षों के लिए ही किया जा सकता है.

नए प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर यूजीसी को पत्रः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज के प्रिंसिपल के कार्यकाल के मामले को लेकर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) को चिट्ठी लिखी है. डीयू के असिस्टेंट रजिस्ट्रार-कॉलेजेज ने यूजीसी सेक्रेटरी को पत्र लिखकर नए प्रिसिंपल की नियुक्ति की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. जॉन वर्गिस 1 मार्च 2016 में प्रिंसिपल नियुक्त हुए थे और यूजीसी रेगुलेशंस के तहत उनके 5 साल का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा हो गया. डीयू ने कहा है कि री-अपॉइंटमेंट ऑटोमेटिक नहीं होता बल्कि यूजीसी रेगुलेशंस के तहत सिलेक्शन कमिटी प्रोसेस के जरिए होता है या यूनिवर्सिटी की ओर से नियुक्त की गई कमिटी के आकलन के बाद ही होता है. मगर यूनिवर्सिटी ने गौर किया है कि प्रो. वर्गिस का टर्म बढ़ा दिया गया और यह यूजीसी रेगुलेशंस के प्रावधान का पालन किए बगैर किया गया है.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली के सरकारी स्कूलों में लगेगा Eye Checkup Camp, शिक्षा निदेशालय ने जारी की 20 स्कूलों की लिस्ट

अब तक इतनी बार लिखा पत्रः प्रिंसिपल के मामले में डीयू ने यूजीसी को बताया है कि यूनिवर्सिटी ने तीन बार 15 जुलाई, 22 अगस्त और 16 सितंबर को कॉलेज को पत्र भेजा गया. लेकिन प्रिंसिपल के दूसरे टर्म को कॉलेज अपने सुप्रीम काउंसिल के रेगुलेशंस के तहत सही बता रहे हैं जबकि ना ही यूजीसी और ना ही यूनिवर्सिटी के रेगुलेशंस/एक्ट में सुप्रीम काउंसिल का कोई प्रावधान है. डीयू ने इस संबंध में यूजीसी से मांग की है कि वह इस मामले में दखल दे.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (University of Delhi) से संबद्ध सेंट स्टीफेंस कॉलेज(St. Stephen College) में हर छात्र का पढ़ने का सपना होता है. छात्र यहां पर दाखिले के लिए जी तोड़ मेहनत करता है. जहां एक तरफ छात्र इस कॉलेज की सीट पाने के लिए सपना देखते हैं, वहीं पिछले साल ही पांच साल का कार्यकाल होने के बाद भी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो जॉन वर्गिस (Principal of St Stephens College Prof John Varghese) इस पद पर बने हुए हैं. ऐसे में इस मामले में डीयू ने यूजीसी को चिट्ठी लिखकर प्रो वर्गीज के अतिरिक्त समय तक पद पर बने रहने और कॉलेज में नए प्रिसिंपल की नियुक्ति करने को लेकर हस्तक्षेप करने की मांग की है. बता दें, यूजीसी नियमों के तहत एक प्रिसिंपल की नियुक्ति पांच वर्षों के लिए ही किया जा सकता है.

नए प्रिंसिपल की नियुक्ति को लेकर यूजीसी को पत्रः दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज के प्रिंसिपल के कार्यकाल के मामले को लेकर यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) को चिट्ठी लिखी है. डीयू के असिस्टेंट रजिस्ट्रार-कॉलेजेज ने यूजीसी सेक्रेटरी को पत्र लिखकर नए प्रिसिंपल की नियुक्ति की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. जॉन वर्गिस 1 मार्च 2016 में प्रिंसिपल नियुक्त हुए थे और यूजीसी रेगुलेशंस के तहत उनके 5 साल का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा हो गया. डीयू ने कहा है कि री-अपॉइंटमेंट ऑटोमेटिक नहीं होता बल्कि यूजीसी रेगुलेशंस के तहत सिलेक्शन कमिटी प्रोसेस के जरिए होता है या यूनिवर्सिटी की ओर से नियुक्त की गई कमिटी के आकलन के बाद ही होता है. मगर यूनिवर्सिटी ने गौर किया है कि प्रो. वर्गिस का टर्म बढ़ा दिया गया और यह यूजीसी रेगुलेशंस के प्रावधान का पालन किए बगैर किया गया है.

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अब तक इतनी बार लिखा पत्रः प्रिंसिपल के मामले में डीयू ने यूजीसी को बताया है कि यूनिवर्सिटी ने तीन बार 15 जुलाई, 22 अगस्त और 16 सितंबर को कॉलेज को पत्र भेजा गया. लेकिन प्रिंसिपल के दूसरे टर्म को कॉलेज अपने सुप्रीम काउंसिल के रेगुलेशंस के तहत सही बता रहे हैं जबकि ना ही यूजीसी और ना ही यूनिवर्सिटी के रेगुलेशंस/एक्ट में सुप्रीम काउंसिल का कोई प्रावधान है. डीयू ने इस संबंध में यूजीसी से मांग की है कि वह इस मामले में दखल दे.

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