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हरपाल राणा की मेहनत लाई रंग, आने लगा लोगों का रुका हुआ पेंशन

जरूरतमंद लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए हरपाल राणा पिछले आठ दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. इस धरना का हरपाल राणा को आंशिक सफलता मिली है. लोगों का पेंशन आना शुरू हो गया है.

DHARNA
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Published : Dec 24, 2021, 4:55 PM IST

नई दिल्ली: पिछले आठ दिन से भी अधिक समय से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे समाजसेवी हरपाल राणा को कुछ सफलता मिली है. लंबे समय से पेंशन के लिए लड़ाई लड़ रहे हरपाल राणा ने बताया सरकार द्वारा कई लोगों की पेंशन पास कर दी गई है. लोगों को महीनों से बकाया पेंशन मिली है. इसके बाद भी हरपाल राणा का धरना लगातार जारी है. कमजोर जरूरतमंद गरीब लोगों को उनका हक और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता हरपाल राणा अनिश्चितकालीन धरने पर पिछले कई दिनों से बैठे हैं.

आपने लोगों को अपनी मांगे अपने फायदे के लिए धरने पर बैठेते बहुत सुना होगा, लेकिन कादीपुर इलाके में एक व्यक्ति अपने लिए नहीं बल्कि गरीब जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा के कादीपुर गांव में समाजसेवी हरपाल राणा अपने घर के बाहर पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं. यह धरना हर कमजोर व्यक्ति को सरकारी योजनाओं के लाभ दिलाने के लिए किया जा रहा है.

हरपाल राणा की मेहनत लाई रंग.

ये भी पढ़ें: अनाथ बच्चों, विधवा और बुजुर्गों के लिए पेंशन को लेकर हरपाल राणा का अनिश्चितकालीन धरना

दरअसल पिछले कई सालों से हरपाल राणा द्वारा गरीब जरूरतमंद लोगों की लड़ाई लड़ी जा रही है. हर बुधवार को यहां हरपाल की चौपाल भी लगाई जाती है. जिसमें एक दिन में सैकड़ों लोग आते हैं. जिनका सरकारी योजनाओं का फॉर्म भरा जाता है. किसी की पेंशन की समस्या, किसी के राशन की समस्या, किसी के राशन कार्ड की समस्या, किसी के जन्म प्रमाण पत्र की समस्या, ऐसी कई समस्याओं को लेकर लोग हरपाल राणा के पास पहुंचते हैं. उन्होंने अपने घर के एक हिस्से को सिर्फ समाज सेवा के काम के लिए ही समर्पित कर दिया है. लेकिन काफी लंबे समय से उनके द्वारा प्रयास किए जाने के बावजूद भी जरूरतमंद लोगों को उनका हक या सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था, जिसके चलते आखिरकार उन्होंने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का फैसला किया और अपने घर के बाहर ही टेंट लगाकर वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. अभी अनिश्चिचकालीन धरने को आठ दिन ही बीते थे कि उन्हें एक कामयाबी मिल गई है. लोगों के पेंशन को लेकर जो लड़ाई वह लंबे समय से लड़ रहे थे, वृद्ध और विधवा पेंशन पिछले कई महीने से बंद थी, वह अब लोगों को आना शुरू हो गई. हरपाल राणा का कहना है कि यह कामयाबी काफी नहीं है जब तक सभी समस्याओं का समाधान नहीं होता, राशन कार्ड बनना शुरू नहीं होते, अनाथ बच्चों को पेंशन देने शुरू नहीं करती सरकार और भी कई योजनाएं जब तक लोगों तक सीधे नहीं पहुंच जाती तब तक धरना जारी रहेगा.

ये भी पढ़ें: दस करोड़ रुपये खर्च ओर शिलान्यास के सात साल बाद भी ई-मंडी परियोजना की नहीं हुई शुरुआत: हरपाल राणा

सरकार पर इसका कितना असर पड़ रहा है या पड़ेगा यह तो कुछ समय बीतने के बाद ही साफ हो पाएगा, लेकिन अभी भी हरपाल राणा के घर पर सहायता के लिए लोगों के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी है और उन्होंने धरना स्थल पर ही दो कंप्यूटर और इंटरनेट लगाकर सहायता दफ्तर बना दिया है. अब यहीं से धरना और लोगों की सहायता का काम जारी है.

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नई दिल्ली: पिछले आठ दिन से भी अधिक समय से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे समाजसेवी हरपाल राणा को कुछ सफलता मिली है. लंबे समय से पेंशन के लिए लड़ाई लड़ रहे हरपाल राणा ने बताया सरकार द्वारा कई लोगों की पेंशन पास कर दी गई है. लोगों को महीनों से बकाया पेंशन मिली है. इसके बाद भी हरपाल राणा का धरना लगातार जारी है. कमजोर जरूरतमंद गरीब लोगों को उनका हक और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता हरपाल राणा अनिश्चितकालीन धरने पर पिछले कई दिनों से बैठे हैं.

आपने लोगों को अपनी मांगे अपने फायदे के लिए धरने पर बैठेते बहुत सुना होगा, लेकिन कादीपुर इलाके में एक व्यक्ति अपने लिए नहीं बल्कि गरीब जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा के कादीपुर गांव में समाजसेवी हरपाल राणा अपने घर के बाहर पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे हैं. यह धरना हर कमजोर व्यक्ति को सरकारी योजनाओं के लाभ दिलाने के लिए किया जा रहा है.

हरपाल राणा की मेहनत लाई रंग.

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दरअसल पिछले कई सालों से हरपाल राणा द्वारा गरीब जरूरतमंद लोगों की लड़ाई लड़ी जा रही है. हर बुधवार को यहां हरपाल की चौपाल भी लगाई जाती है. जिसमें एक दिन में सैकड़ों लोग आते हैं. जिनका सरकारी योजनाओं का फॉर्म भरा जाता है. किसी की पेंशन की समस्या, किसी के राशन की समस्या, किसी के राशन कार्ड की समस्या, किसी के जन्म प्रमाण पत्र की समस्या, ऐसी कई समस्याओं को लेकर लोग हरपाल राणा के पास पहुंचते हैं. उन्होंने अपने घर के एक हिस्से को सिर्फ समाज सेवा के काम के लिए ही समर्पित कर दिया है. लेकिन काफी लंबे समय से उनके द्वारा प्रयास किए जाने के बावजूद भी जरूरतमंद लोगों को उनका हक या सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था, जिसके चलते आखिरकार उन्होंने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का फैसला किया और अपने घर के बाहर ही टेंट लगाकर वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए. अभी अनिश्चिचकालीन धरने को आठ दिन ही बीते थे कि उन्हें एक कामयाबी मिल गई है. लोगों के पेंशन को लेकर जो लड़ाई वह लंबे समय से लड़ रहे थे, वृद्ध और विधवा पेंशन पिछले कई महीने से बंद थी, वह अब लोगों को आना शुरू हो गई. हरपाल राणा का कहना है कि यह कामयाबी काफी नहीं है जब तक सभी समस्याओं का समाधान नहीं होता, राशन कार्ड बनना शुरू नहीं होते, अनाथ बच्चों को पेंशन देने शुरू नहीं करती सरकार और भी कई योजनाएं जब तक लोगों तक सीधे नहीं पहुंच जाती तब तक धरना जारी रहेगा.

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सरकार पर इसका कितना असर पड़ रहा है या पड़ेगा यह तो कुछ समय बीतने के बाद ही साफ हो पाएगा, लेकिन अभी भी हरपाल राणा के घर पर सहायता के लिए लोगों के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी है और उन्होंने धरना स्थल पर ही दो कंप्यूटर और इंटरनेट लगाकर सहायता दफ्तर बना दिया है. अब यहीं से धरना और लोगों की सहायता का काम जारी है.

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