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DPS के समर्थन में अभिभावक एकजुट, स्कूल की मान्यता रद्द करने से अधर में बच्चों का भविष्य - स्कूल की मनमानी

दिल्ली के रोहिणी स्थित डीपीएस की मान्यता कुछ दिनों पहले रद्द कर दी गई थी, जिसको लेकर सोमवार को अभिवावकों ने स्कूल का समर्थन किया. स्कूल की मान्यता रद्द होने से कई अभिवावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं.

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Published : Dec 12, 2022, 4:42 PM IST

DPS स्कूल के समर्थन में एकजुट हुए अभिभावक

नई दिल्ली: रोहिणी स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल पर सोमवार को कई अभिभावक इकठ्ठा हुए और स्कूल के समर्थन में अपनी आवाज उठाई. दरअसल कुछ दिनों पहले कुछ अभिभावक बढ़ती हुई फीस को लेकर इस मामले में न्यायालय तक पहुंचे और लगातार स्कूल का विरोध कर रहे थे. इसके बाद कोर्ट ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी.

अब इस मान्यता रद्द करने के फैसले के बाद कुछ अभिभावक आगामी सत्र में अपने बच्चों को कहीं दूर के ब्रांच में भेजने को लेकर अभी से चिंतित हो गए हैं और स्कूल के समर्थन में उतर आए हैं. स्कूल की मान्यता रद्द करने के खिलाफ स्कूल के बाहर एकजुट हुए अभिभावकों ने आवाज उठाई. सरकार और स्कूल के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. इसलिए अभिवावकों के साथ स्कूल के टीचर भी स्कूल के समर्थन में आ गए हैं.

दरअसल, स्कूल की मनमानी को लेकर कुछ अभिवावकों ने एकजुट होकर स्कूल के खिलाफ शिकायत की थी. अभिभावकों के विरोध के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर स्कूल की फीस बढ़ा दी गई थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए इस स्कूल को ही बंद करने का फरमान दे दिया गया, जिसके बाद अब बच्चों का भविष्य अधर में दिखाई दे रहा है.

स्कूल में हजारों बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं और अचानक से स्कूल बंद कर दिया जायेगा, तो उन बच्चों का क्या होगा जो उस स्कूल में पढ़ते हैं? बच्चों के पढ़ाई कैसे होगी? बच्चे अब दोबारा एडमिशन कहां पर लेंगे? इन तमाम चीजों को लेकर अभिभावक परेशान हैं और इसी को लेकर सभी अभिवावक स्कूल के बाहर एकजुट हुए हैं.

ये भी पढ़ें: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने फीस वृद्धि को लेकर UGC के बाहर किया प्रदर्शन

अभिभावकों का कहना है कि स्कूल को बंद करने के आदेश की बजाय यदि मनमानी करने से रोका जाता और जुर्माना लगाया जाता तो बच्चों का भविष्य भी संकट में ना होता. स्कूल को सबक भी मिलता और कार्रवाई करके अन्य स्कूलों के लिए भी यह कार्रवाई एक उदाहरण के रूप में देखी जाती. लेकिन सीधे-सीधे स्कूल को बंद कर देना कहीं ना कहीं बच्चों की पढ़ाई और जिंदगी से खिलवाड़ जैसा है.

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DPS स्कूल के समर्थन में एकजुट हुए अभिभावक

नई दिल्ली: रोहिणी स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल पर सोमवार को कई अभिभावक इकठ्ठा हुए और स्कूल के समर्थन में अपनी आवाज उठाई. दरअसल कुछ दिनों पहले कुछ अभिभावक बढ़ती हुई फीस को लेकर इस मामले में न्यायालय तक पहुंचे और लगातार स्कूल का विरोध कर रहे थे. इसके बाद कोर्ट ने स्कूल की मान्यता रद्द कर दी.

अब इस मान्यता रद्द करने के फैसले के बाद कुछ अभिभावक आगामी सत्र में अपने बच्चों को कहीं दूर के ब्रांच में भेजने को लेकर अभी से चिंतित हो गए हैं और स्कूल के समर्थन में उतर आए हैं. स्कूल की मान्यता रद्द करने के खिलाफ स्कूल के बाहर एकजुट हुए अभिभावकों ने आवाज उठाई. सरकार और स्कूल के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. इसलिए अभिवावकों के साथ स्कूल के टीचर भी स्कूल के समर्थन में आ गए हैं.

दरअसल, स्कूल की मनमानी को लेकर कुछ अभिवावकों ने एकजुट होकर स्कूल के खिलाफ शिकायत की थी. अभिभावकों के विरोध के बावजूद नियमों को ताक पर रखकर स्कूल की फीस बढ़ा दी गई थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए इस स्कूल को ही बंद करने का फरमान दे दिया गया, जिसके बाद अब बच्चों का भविष्य अधर में दिखाई दे रहा है.

स्कूल में हजारों बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं और अचानक से स्कूल बंद कर दिया जायेगा, तो उन बच्चों का क्या होगा जो उस स्कूल में पढ़ते हैं? बच्चों के पढ़ाई कैसे होगी? बच्चे अब दोबारा एडमिशन कहां पर लेंगे? इन तमाम चीजों को लेकर अभिभावक परेशान हैं और इसी को लेकर सभी अभिवावक स्कूल के बाहर एकजुट हुए हैं.

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अभिभावकों का कहना है कि स्कूल को बंद करने के आदेश की बजाय यदि मनमानी करने से रोका जाता और जुर्माना लगाया जाता तो बच्चों का भविष्य भी संकट में ना होता. स्कूल को सबक भी मिलता और कार्रवाई करके अन्य स्कूलों के लिए भी यह कार्रवाई एक उदाहरण के रूप में देखी जाती. लेकिन सीधे-सीधे स्कूल को बंद कर देना कहीं ना कहीं बच्चों की पढ़ाई और जिंदगी से खिलवाड़ जैसा है.

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