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कैंपस का कप्तान: डीयू में छात्रसंघ चुनाव को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी - एबीवीपी और आइसा

एबीवीपी ने एनएसयूआई के बारे में कहा कि छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई कहीं पर भी हमारे सामने खड़ी होती नहीं दिखाई देती. इस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि आगामी 12 सितंबर को होने वाले चुनाव में ये सब दिख जाएगा कि कौन कितने पानी में है.

NSUI राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ETV BHARAT
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Published : Sep 10, 2019, 3:19 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में आगामी फरवरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. लेकिन उससे पहले 12 सितंबर को डीयू के छात्रसंघ चुनाव होने जा रहे हैं. इसको लेकर एबीवीपी, आइसा और एनएसयूआई की तैयारियां तो हो रही हैं, लेकिन एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है.

'झूठ पर खड़ी है एबीवीपी'

इसी बीच एबीवीपी ने एनएसयूआई के बारे में कहा कि छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई कहीं पर भी हमारे सामने खड़ी होती नहीं दिखाई देती. इस बाबत ईटीवी ने एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन से बातचीत की.

'एबीवीपी और आइसा एक ही सिक्के के दो पहलू'
राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि एबीवीपी और आइसा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. वो सिर्फ स्टूडेंट के बीच झूठे आरोप लगाकर आगे बढ़ने वालों में से हैं. इसलिए आगामी 12 सितंबर को होने वाले चुनाव में ये सब दिख जाएगा कि कौन कितने पानी में है.

दोनों पार्टियों को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टी उग्र है और वो स्टूडेंट के मुद्दों के बजाए अपना प्रभुत्व कायम करने की कोशिश करती हैं. उनका कहना है कि वो भले ही एनएसयूआई को चुनावी रण में नहीं मान रहे हो, लेकिन हम यह मानते हैं कि वक्त ये बताएगा कि कौन किस पर भारी है.


'झूठ पर खड़ी है एबीवीपी'
नीरज कुंदन ने कहा कि पिछले साल हुए छात्रसंघ के चुनाव में जिस तरीके से एबीवीपी के अध्यक्ष की फर्जी डिग्री का मामला सामने आया. उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एबीवीपी सिर्फ और सिर्फ झूठ पर खड़ी होती है.
इसलिए उनका मानना है एबीवीपी या आइसा भले ही कुछ कहे. लेकिन एनएसयूआई पूरी तैयारी कर चुकी है और इस बार होने वाले चुनावों में एनएसयूआई झंडा बुलंद करेगी.

नई दिल्ली: राजधानी में आगामी फरवरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. लेकिन उससे पहले 12 सितंबर को डीयू के छात्रसंघ चुनाव होने जा रहे हैं. इसको लेकर एबीवीपी, आइसा और एनएसयूआई की तैयारियां तो हो रही हैं, लेकिन एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है.

'झूठ पर खड़ी है एबीवीपी'

इसी बीच एबीवीपी ने एनएसयूआई के बारे में कहा कि छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई कहीं पर भी हमारे सामने खड़ी होती नहीं दिखाई देती. इस बाबत ईटीवी ने एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन से बातचीत की.

'एबीवीपी और आइसा एक ही सिक्के के दो पहलू'
राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि एबीवीपी और आइसा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. वो सिर्फ स्टूडेंट के बीच झूठे आरोप लगाकर आगे बढ़ने वालों में से हैं. इसलिए आगामी 12 सितंबर को होने वाले चुनाव में ये सब दिख जाएगा कि कौन कितने पानी में है.

दोनों पार्टियों को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टी उग्र है और वो स्टूडेंट के मुद्दों के बजाए अपना प्रभुत्व कायम करने की कोशिश करती हैं. उनका कहना है कि वो भले ही एनएसयूआई को चुनावी रण में नहीं मान रहे हो, लेकिन हम यह मानते हैं कि वक्त ये बताएगा कि कौन किस पर भारी है.


'झूठ पर खड़ी है एबीवीपी'
नीरज कुंदन ने कहा कि पिछले साल हुए छात्रसंघ के चुनाव में जिस तरीके से एबीवीपी के अध्यक्ष की फर्जी डिग्री का मामला सामने आया. उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एबीवीपी सिर्फ और सिर्फ झूठ पर खड़ी होती है.
इसलिए उनका मानना है एबीवीपी या आइसा भले ही कुछ कहे. लेकिन एनएसयूआई पूरी तैयारी कर चुकी है और इस बार होने वाले चुनावों में एनएसयूआई झंडा बुलंद करेगी.

Intro:कांग्रेस की सुस्ती का असर डूसू चुनाव पर भी है, क्या बोले एनएसयूआई प्रेजिडेंट

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आगामी फ़रवरी को विधानसभा चुनाव करीब होने वाले हैं.लेकिन उससे पहले 12 सितंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव होने जा रहे हैं.इसको लेकर एबीवीपी आइसा और एनएसयूआई की तैयारियां तो हैं. लेकिन एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है. इसी बीच एबीवीपी और एनएसयूआई पर यह तक कहा कि छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई कहीं पर भी हमारे सामने खड़ी होती नहीं देती तो आई है.इस बाबत एनएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन से बातचीत करते हैं.


Body:राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि एबीवीपी और आइसा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. वह सिर्फ स्टूडेंट के बीच झूठे आरोप लगाकर आगे बढ़ने वालों में से हैं. इसलिए आगामी 12 सितंबर को होने वाले चुनाव में यह सब दिख जाएगा कि कौन कितना पानी में है. वहीं दूसरी ओर एबीवीपी और आइसा को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि दोनों ही पार्टी उग्र है.और वह स्टूडेंट के मुद्दों की बजाए अपना प्रभुत्व कायम करने की कोशिश करते हैं. उनका कहना है कि वह भले ही एनएसयूआई को चुनावी रण में नहीं मान रहे हो.लेकिन हम यह मानते हैं कि वक्त यह बताएगा कि कौन स्टूडेंट के बीच ज्यादा है.


झूठ पर खड़ा है एबीवीपी
नीरज कुंदन ने कहा कि पिछले साल हुए छात्र संघ के चुनाव में जिस तरीके से एबीवीपी के अध्यक्ष की फर्जी डिग्री का मामला सामने आया. उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि एबीवीपी सिर्फ और सिर्फ झूठ पर खड़ी होती है. इसलिए उनका मानना है एबीवीपी या आइसा भले ही कुछ कहे. लेकिन एनएसयूआई पूरी तैयारी कर चुकी है और इस बार होने वाले चुनावों में एनएसयूआई की झंडा बुलंद करेगी.


Conclusion:फिलहाल देखना होगा कि 12 सितंबर को होने वाले डूसू के चुनाव में कौन चुनावी रण में विजयी होता है.
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