नई दिल्लीः उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के बीच में इन दिनों रेस्टोरेंट लाइसेंस और ट्रेड लाइसेंस को लेकर तनातनी बढ़ती ही जा रही है. दरअसल कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रेस्टोरेंट लाइसेंस को लेकर एक बयान दिया था. जिसके अंदर निगम के ऊपर गंभीर आरोप लगाए गए थे. मंगलवार को दुर्गेश पाठक ने निगम के ऊपर ट्रेड लाइसेंस को लेकर सालाना 350 रुपये करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.
इसी पूरे मुद्दे के ऊपर ईटीवी भारत की टीम से बातचीत के दौरान नॉर्थ एमसीडी के मेयर जयप्रकाश ने स्पष्ट तौर पर कहा कि दिल्ली सरकार के पास लाइसेंस जारी करने का किसी प्रकार का कोई अधिकार नहीं है. निगम को यह अधिकार संविधान और डीएमसी एक्ट के तहत मिलता है.
निगम को बताया ऑटोनॉमस बॉडी
उन्होंने कहा कि निगम एक ऑटोनॉमस बॉडी है जो कि भारत सरकार के अंतर्गत काम करती है. भ्रष्टाचार के जो आरोप आप के द्वारा लगाए जा रहे हैं वह गलत है. आम आदमी पार्टी केवल आरोप आदमी पार्टी बनकर रह गई है. इन लोगों और कोई काम नही आता बस आरोप लगाना आता है.
मेयर जयप्रकाश ने स्पष्ट तौर पर कहा कि दिल्ली सरकार के पास लाइसेंस को लेकर नए नियम बनाने का किसी प्रकार का कोई अधिकार नहीं है. संविधान के अनुसार निगम को लाइसेंस जारी करने का अधिकार दिया गया है. दिल्ली सरकार बड़े भाई के रूप में निगम की सहायता करें, ताकि राजधानी दिल्ली का रखरखाव भली-भांति तरीके से हो ना कि निगम को आर्थिक रूप से कमजोर करें.