नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली आज 93 साल की हो गई. आज ही के दिन 13 फरवरी, 1931 को नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ था. जानकारी के अनुसार, यहां के कोरोनेशन पार्क वाली जगह पर तीसरा दिल्ली दरबार आयोजित किया गया था, जहां किंग जॉर्ज पंचम और क्वीन मैरी को 12 दिसंबर 1911 को भारत के सम्राट और महारानी के रूप में राज्याभिषेक किया गया था. तभी, इंग्लैंड (ब्रिटेन) के राजा ने राजधानी कलकत्ता से दिल्ली शिफ्ट करने की घोषणा की थी.
राजधानी दिल्ली और इससे जुड़े महत्वपूर्ण इतिहास के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने कोरोनेशन पार्क में आए कुछ युवाओं से बातचीत की. युवाओं ने बताया कि इस इतिहास के बारे में कोरोनेशन पार्क में कहीं कुछ लिखा नहीं है. इस बात से वह मायूस थे. उन्हें जानकारी जुटाने के लिए गूगल सर्च करना पड़ा. इसके बाद उन्हें यह जानकारी मिली कि यह वही जगह है जहां से दिल्ली को देश की राजधानी घोषित किया गया था.
युवाओं ने यह भी कहा कि आज यह पार्क परिवार, युगल जोड़े और रेल बनाने वाले युवाओं के लिए बनकर रह गया है. इस पार्क का इतिहास काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन दिल्ली के हुक्मरान उस इतिहास को युवाओं के बीच रखना नहीं चाहते हैं.
कोरोनेशन पार्क का इतिहास: कोरोनेशन पार्क में आज भी किंग जॉर्ज पंचम और चार वायसराय-लॉर्ड हार्डिंग, लॉर्ड विलिंगडन, लॉर्ड इरविन और लॉर्ड चेम्सफोर्ड की भव्य प्रतिमाएं बनी हुई है. यह पार्क बुराड़ी मैदान के पास में स्थित है. यह पार्क देखने में एक मामूली सा पार्क लगता है, लेकिन इसका पौराणिक इतिहास काफी महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रहा है, जो बहुत ही कम लोगों को मालूम है.
कोरोनेशनल पार्क में लगी प्रतिमा पहले इंडिया गेट पर हुआ करती थी. जिसका उद्देश्य इंडिया गेट के सामने एक ऐसे प्रतीक को जिंदा रखना था, जिससे ब्रिटिश की महानता दिखाकर भारत के लोगों को गुलामी का एहसास कराना था. इंडिया गेट में 1938 से 1968 तक जॉर्ज पंचम की प्रतिमा लगी थी. इसके बाद इसे कोरोनेशन पार्क में शिफ्ट किया गया था. फिलहाल, कोरोनेशन पार्क एक ऐतिहासिक पार्क है. जब भी ब्रिटेन में जोर्ज पंचम से जुड़ा ऐतिहासिक दिवस मनाया जाता है तो इस कोरोनेशन पार्क का जिक्र जरूर किया जाता है.
भारत की राजधानी नई दिल्ली बनने की कहानी: जानकारी के मुताबिक, भारत की राजधानी नई दिल्ली बनने से पहले, कोलकाता 1911 तक देश की राजधानी थी. हालाँकि, दिल्ली कई साम्राज्यों का वित्तीय और राजनीतिक केंद्र थी, जिन्होंने पहले भारत पर शासन किया था. इसके कुछ बेहतरीन उदाहरण दिल्ली सल्तनत के शासनकाल के साथ-साथ मुगलों के शासनकाल 1649-1857 से हैं. भारत में अंग्रेजों के आने के बाद कई चीजें बदल गई. 1900 के शुरुआती दौर में ब्रिटिश प्रशासन ने ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने के बारे में सोचा था.