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नारी तू नारायणी : दिल्ली पुलिस की एएसआई ज्योति देवी बनीं लोगों के लिए प्रेरणा, गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया

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Published : Sep 30, 2022, 6:08 AM IST

नवरात्रि शुरू हो गए हैं. 9 दिनों तक नारी शक्ति स्वरूपा की आराधना की जाएगी. ऐसे में हम दिल्ली की एक नारी तू नारायणी से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलवाकर न सिर्फ मानवता की मिसाल कायम की है, बल्कि लोगों के लिए प्रेरणा भी बनी हैं. आइए मिलते हैं दिल्ली पुलिस की एएसआई ज्योति देवी (Delhi Police ASI Jyoti Devi) से...

Nari Tu Narayani
दिल्ली पुलिस की एएसआई ज्योति देवी बनीं लोगों के लिए प्रेरणा

नई दिल्ली: दिल्ली के बुध विहार थाने में तैनात एएसआई ज्योति देवी जिन्होंने नारी तू नारायणी के वाक्य को जीवंत कर दिखाया है. उन्होंने यह साबित कर दिया कि एक महिला ही है, जो अपनी सामाजिक और घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ नौकरी की जिम्मेदारी को निभाते हुए ऐसे काम कर सकती है जिससे एक-दो नहीं, बल्कि कई परिवारों को उनकी खोई हुई मुस्कान वापस मिल जाए.

ज्योति देवी ने लापता बच्चों की तलाश करने का यह सफर शुरू किया था, प्रमोशन पाने के लिए, लेकिन जैसे-जैसे बच्चों की तलाश करती गईं, यह कारवां बढ़ता गया और आखिरकार यह जुनून इस कदर बढ़ा कि उन्होंने इसे अपनी एक जिम्मेदारी के तौर पर अपना लिया और वह सफर एक से बढ़कर अब 155 तक पहुंच चुका है. 155 बच्चों को उनके परिवार से मिलाने वाली ज्योति देवी के इस सफर में कई परेशानियां भी आईं, लेकिन उन्होंने उन दिक्कतों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया, बल्कि उससे निपटने का निश्चय किया और आखिरकार एक मुकाम को हासिल कर 155 लापता बच्चों को उनके परिवार तक पहुंचाया.

दिल्ली पुलिस की एएसआई ज्योति देवी बनीं लोगों के लिए प्रेरणा

ये भी पढ़ें: 'नारी तू नारायणी': महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए शिक्षा और हुनर दोनों जरूरी

वे परिवार जो अपने बच्चों के मिलने की आस तक खो चुके थे, जो यह मान चुके थे कि अब उनका बच्चा उन तक कभी वापस नहीं आ पाएगा. लेकिन इस हार को कैसे उन्होंने आशा और फिर जीत में बदला यह वाकई प्रेरणादायक है. उन्होंने कुछ साल पहले ऐसी ही एक महिला पुलिसकर्मी सीमा ढाका से प्रेरणा ली और बच्चों को ढूंढने की जिम्मेदारी उठाई.

ये भी पढ़ें: Nari Tu Narayani : महिलाएं हो तन और मन से मजबूत, यह समय की जरूरत और नवरात्रि की सीख भी

एएसआई ज्योति द्वारा किए गए इस इस कार्य से ना केवल महिलाओं बल्कि सबको सीख लेनी चाहिए की जब मन में दृढ़ संकल्प हो तो कोई काम नामुमकिन नहीं रहता है. इनके जैसे काम के प्रति समर्पित पुलिस वालों की बदौलत ही आज आम जनता का नजरिया पुलिस के प्रति बिल्कुल बदल गया है. साथ ही साथ उनके इस कार्य में उनके परिवार वाले ना केवल उनका हौसला बढ़ाते हैं, बल्कि वह ज्योति पर गर्व भी करते हैं.

ये भी पढ़ें: नारी तू नारायणी : शिक्षा, खेल और संस्कार के लिए अलख जगा रहीं रेखा, गांवों में चला रहीं अभियान

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नई दिल्ली: दिल्ली के बुध विहार थाने में तैनात एएसआई ज्योति देवी जिन्होंने नारी तू नारायणी के वाक्य को जीवंत कर दिखाया है. उन्होंने यह साबित कर दिया कि एक महिला ही है, जो अपनी सामाजिक और घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ नौकरी की जिम्मेदारी को निभाते हुए ऐसे काम कर सकती है जिससे एक-दो नहीं, बल्कि कई परिवारों को उनकी खोई हुई मुस्कान वापस मिल जाए.

ज्योति देवी ने लापता बच्चों की तलाश करने का यह सफर शुरू किया था, प्रमोशन पाने के लिए, लेकिन जैसे-जैसे बच्चों की तलाश करती गईं, यह कारवां बढ़ता गया और आखिरकार यह जुनून इस कदर बढ़ा कि उन्होंने इसे अपनी एक जिम्मेदारी के तौर पर अपना लिया और वह सफर एक से बढ़कर अब 155 तक पहुंच चुका है. 155 बच्चों को उनके परिवार से मिलाने वाली ज्योति देवी के इस सफर में कई परेशानियां भी आईं, लेकिन उन्होंने उन दिक्कतों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया, बल्कि उससे निपटने का निश्चय किया और आखिरकार एक मुकाम को हासिल कर 155 लापता बच्चों को उनके परिवार तक पहुंचाया.

दिल्ली पुलिस की एएसआई ज्योति देवी बनीं लोगों के लिए प्रेरणा

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वे परिवार जो अपने बच्चों के मिलने की आस तक खो चुके थे, जो यह मान चुके थे कि अब उनका बच्चा उन तक कभी वापस नहीं आ पाएगा. लेकिन इस हार को कैसे उन्होंने आशा और फिर जीत में बदला यह वाकई प्रेरणादायक है. उन्होंने कुछ साल पहले ऐसी ही एक महिला पुलिसकर्मी सीमा ढाका से प्रेरणा ली और बच्चों को ढूंढने की जिम्मेदारी उठाई.

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एएसआई ज्योति द्वारा किए गए इस इस कार्य से ना केवल महिलाओं बल्कि सबको सीख लेनी चाहिए की जब मन में दृढ़ संकल्प हो तो कोई काम नामुमकिन नहीं रहता है. इनके जैसे काम के प्रति समर्पित पुलिस वालों की बदौलत ही आज आम जनता का नजरिया पुलिस के प्रति बिल्कुल बदल गया है. साथ ही साथ उनके इस कार्य में उनके परिवार वाले ना केवल उनका हौसला बढ़ाते हैं, बल्कि वह ज्योति पर गर्व भी करते हैं.

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