नई दिल्ली: राजधानी में जल विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. दावा किया जा रहा है कि भारतीय मानक ब्यूरो ने जो सैंपल लिए हैं और जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें धांधली है.
आम आदमी पार्टी भारतीय मानक ब्यूरो की रिपोर्ट आने के बाद से ही लगातार केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर आरोप लगा रही है. आरोप है कि उनकी आरो कंपनियों के साथ मिलीभगत है और वो कंपनियों को सीधा फायदा पहुंचाना चाहते हैं.
हाल ही में जारी हुई है रैंकिंग
बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने पानी की गुणवत्ता की रैंकिंग जारी की. भारतीय मानक ब्यूरो ने ये रिपोर्ट बनाई, जिसमें दिल्ली सहित देशभर में 20 राज्यों से पीने के पानी के सैंपल लिए गए थे.
इस रिपोर्ट में पहले नंबर पर मुंबई रहा. यहां का पानी हर मानक पर पास हुआ. दूसरे नंबर पर हैदराबाद और तीसरे नंबर पर भुवनेश्वर रहा. वहीं दिल्ली के पानी को सबसे खराब बताया गया. पानी की गुणवत्ता की जांच 10 मानकों पर की गई थी.
रिपोर्ट आते ही मची खलबली
दिल्ली विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और पानी की इस रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार की नींद उड़ा दी. रिपोर्ट पर लगातार सवाल उठाए गए. एक तरफ दिल्ली सरकार ये मानने को तैयार ही नहीं थी कि ये रिपोर्ट सही है, दूसरी तरफ बीजेपी ने साफ पानी के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरना शुरू कर दिया.
ट्वीट करके दी थी जानकारी
बता दें कि रामविलास पासवान ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि उन्होंने दिल्ली की अलग-अलग जगहों से पानी का सैंपल लेकर टेस्ट करवाया है. सैंपल देने वालों में बुराड़ी के श्री सिद्धि विनायक अपार्टमेंट के रहने वाले दीपक कुमार रॉय का नाम भी था. जब दीपक कुमार रॉय से मीडिया ने बात की तो उन्होंने कहा-
ना मैंने पानी से संबंधित कभी कोई शिकायत की. ना मेरे पास कोई अधिकारी आया और ना ही मुझसे कोई सैंपल लिया गया. मेरे नाम और नंबर का गलत इस्तेमाल किया गया है. जिसने भी ऐसा किया है उस पर कार्रवाई की जाए.
'आप' के पास अहम सबूत !
बुराड़ी के आम आदमी पार्टी से विधायक हैं संजीव झा. उन्होंने बाकायदा सबूत पेश कर दिए. उन्होंने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने लेटर लिखकर अपार्टमेंट से दो अधिकारियों द्वारा सैंपल लेने का दावा किया था.
विधायक ने कहा-
अगर अधिकारी सैंपल लेने अपार्टमेंट गए थे तो वहां के एंट्री रजिस्टर में उनकी एंट्री दर्ज होनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं है. रजिस्टर में किसी भी अधिकारी की एंट्री दर्ज नहीं है. इससे साफ होता है कि रामविलास पासवान झूठे हैं. वो गलत रिपोर्ट पेश करके हमारी सरकार को बदनाम करना चाहते हैं.
कुल मिलाकर अपार्टमेंट में रहने वाले दीपक कुमार रॉय और एंट्री रजिस्टर सामने आने के बाद अब भारतीय मानक ब्यूरो और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं. इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सच्चाई क्या है ये तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.