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रामविलास पासवान की रिपोर्ट है झूठी? सैंपल में धांधली का एक और सबूत आया सामने - MLA Sanjeev Jha

दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर चल रहे विवाद के बीच दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि उसके पास अहम सबूत हैं. जिनके जरिए ये साफ हो जाता है कि भारतीय मानक ब्यूरो ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें गड़बड़ है.

पानी पर विवाद
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Published : Nov 22, 2019, 11:53 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में जल विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. दावा किया जा रहा है कि भारतीय मानक ब्यूरो ने जो सैंपल लिए हैं और जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें धांधली है.

आम आदमी पार्टी भारतीय मानक ब्यूरो की रिपोर्ट आने के बाद से ही लगातार केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर आरोप लगा रही है. आरोप है कि उनकी आरो कंपनियों के साथ मिलीभगत है और वो कंपनियों को सीधा फायदा पहुंचाना चाहते हैं.

delhi water battle
भारतीय मानक ब्यूरो के लेटर में दीपक कुमार रॉय का नाम मेंशन था

हाल ही में जारी हुई है रैंकिंग

बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने पानी की गुणवत्ता की रैंकिंग जारी की. भारतीय मानक ब्यूरो ने ये रिपोर्ट बनाई, जिसमें दिल्ली सहित देशभर में 20 राज्यों से पीने के पानी के सैंपल लिए गए थे.

इस रिपोर्ट में पहले नंबर पर मुंबई रहा. यहां का पानी हर मानक पर पास हुआ. दूसरे नंबर पर हैदराबाद और तीसरे नंबर पर भुवनेश्वर रहा. वहीं दिल्ली के पानी को सबसे खराब बताया गया. पानी की गुणवत्ता की जांच 10 मानकों पर की गई थी.

रिपोर्ट आते ही मची खलबली

दिल्ली विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और पानी की इस रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार की नींद उड़ा दी. रिपोर्ट पर लगातार सवाल उठाए गए. एक तरफ दिल्ली सरकार ये मानने को तैयार ही नहीं थी कि ये रिपोर्ट सही है, दूसरी तरफ बीजेपी ने साफ पानी के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरना शुरू कर दिया.

ना लिया गया सैंपल?

ट्वीट करके दी थी जानकारी

बता दें कि रामविलास पासवान ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि उन्होंने दिल्ली की अलग-अलग जगहों से पानी का सैंपल लेकर टेस्ट करवाया है. सैंपल देने वालों में बुराड़ी के श्री सिद्धि विनायक अपार्टमेंट के रहने वाले दीपक कुमार रॉय का नाम भी था. जब दीपक कुमार रॉय से मीडिया ने बात की तो उन्होंने कहा-

ना मैंने पानी से संबंधित कभी कोई शिकायत की. ना मेरे पास कोई अधिकारी आया और ना ही मुझसे कोई सैंपल लिया गया. मेरे नाम और नंबर का गलत इस्तेमाल किया गया है. जिसने भी ऐसा किया है उस पर कार्रवाई की जाए.

'आप' के पास अहम सबूत !

बुराड़ी के आम आदमी पार्टी से विधायक हैं संजीव झा. उन्होंने बाकायदा सबूत पेश कर दिए. उन्होंने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने लेटर लिखकर अपार्टमेंट से दो अधिकारियों द्वारा सैंपल लेने का दावा किया था.

delhi water battle
अपार्टमेंट का एंट्री रजिस्टर

विधायक ने कहा-

अगर अधिकारी सैंपल लेने अपार्टमेंट गए थे तो वहां के एंट्री रजिस्टर में उनकी एंट्री दर्ज होनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं है. रजिस्टर में किसी भी अधिकारी की एंट्री दर्ज नहीं है. इससे साफ होता है कि रामविलास पासवान झूठे हैं. वो गलत रिपोर्ट पेश करके हमारी सरकार को बदनाम करना चाहते हैं.

कुल मिलाकर अपार्टमेंट में रहने वाले दीपक कुमार रॉय और एंट्री रजिस्टर सामने आने के बाद अब भारतीय मानक ब्यूरो और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं. इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सच्चाई क्या है ये तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.

नई दिल्ली: राजधानी में जल विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. दावा किया जा रहा है कि भारतीय मानक ब्यूरो ने जो सैंपल लिए हैं और जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें धांधली है.

आम आदमी पार्टी भारतीय मानक ब्यूरो की रिपोर्ट आने के बाद से ही लगातार केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर आरोप लगा रही है. आरोप है कि उनकी आरो कंपनियों के साथ मिलीभगत है और वो कंपनियों को सीधा फायदा पहुंचाना चाहते हैं.

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भारतीय मानक ब्यूरो के लेटर में दीपक कुमार रॉय का नाम मेंशन था

हाल ही में जारी हुई है रैंकिंग

बता दें कि कुछ दिन पहले केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने पानी की गुणवत्ता की रैंकिंग जारी की. भारतीय मानक ब्यूरो ने ये रिपोर्ट बनाई, जिसमें दिल्ली सहित देशभर में 20 राज्यों से पीने के पानी के सैंपल लिए गए थे.

इस रिपोर्ट में पहले नंबर पर मुंबई रहा. यहां का पानी हर मानक पर पास हुआ. दूसरे नंबर पर हैदराबाद और तीसरे नंबर पर भुवनेश्वर रहा. वहीं दिल्ली के पानी को सबसे खराब बताया गया. पानी की गुणवत्ता की जांच 10 मानकों पर की गई थी.

रिपोर्ट आते ही मची खलबली

दिल्ली विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और पानी की इस रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार की नींद उड़ा दी. रिपोर्ट पर लगातार सवाल उठाए गए. एक तरफ दिल्ली सरकार ये मानने को तैयार ही नहीं थी कि ये रिपोर्ट सही है, दूसरी तरफ बीजेपी ने साफ पानी के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरना शुरू कर दिया.

ना लिया गया सैंपल?

ट्वीट करके दी थी जानकारी

बता दें कि रामविलास पासवान ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि उन्होंने दिल्ली की अलग-अलग जगहों से पानी का सैंपल लेकर टेस्ट करवाया है. सैंपल देने वालों में बुराड़ी के श्री सिद्धि विनायक अपार्टमेंट के रहने वाले दीपक कुमार रॉय का नाम भी था. जब दीपक कुमार रॉय से मीडिया ने बात की तो उन्होंने कहा-

ना मैंने पानी से संबंधित कभी कोई शिकायत की. ना मेरे पास कोई अधिकारी आया और ना ही मुझसे कोई सैंपल लिया गया. मेरे नाम और नंबर का गलत इस्तेमाल किया गया है. जिसने भी ऐसा किया है उस पर कार्रवाई की जाए.

'आप' के पास अहम सबूत !

बुराड़ी के आम आदमी पार्टी से विधायक हैं संजीव झा. उन्होंने बाकायदा सबूत पेश कर दिए. उन्होंने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने लेटर लिखकर अपार्टमेंट से दो अधिकारियों द्वारा सैंपल लेने का दावा किया था.

delhi water battle
अपार्टमेंट का एंट्री रजिस्टर

विधायक ने कहा-

अगर अधिकारी सैंपल लेने अपार्टमेंट गए थे तो वहां के एंट्री रजिस्टर में उनकी एंट्री दर्ज होनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं है. रजिस्टर में किसी भी अधिकारी की एंट्री दर्ज नहीं है. इससे साफ होता है कि रामविलास पासवान झूठे हैं. वो गलत रिपोर्ट पेश करके हमारी सरकार को बदनाम करना चाहते हैं.

कुल मिलाकर अपार्टमेंट में रहने वाले दीपक कुमार रॉय और एंट्री रजिस्टर सामने आने के बाद अब भारतीय मानक ब्यूरो और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं. इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सच्चाई क्या है ये तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा.

Intro:राजधानी दिल्ली में पानी सैंपल मामले में हुआ एक और नया खुलासा । बीआईएस द्वारा लिखे गए दावों की खुली पोल । अपार्टमेंट के रजिस्टर में नहीं दर्ज है किसी भी अधिकारी की एंट्री । बीआईएफ ने लेटर लिखकर दो अधिकारियों द्वारा सैंपल लेने का दावा किया था । विधायक संजीव झा का कहना बदनाम करने के लिए झूठ बोलकर आरोप लगाए गए थे । केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की आरो कंपनियों के साथ मिलीभगत की भी बात कही ।
Body:राजधानी दिल्ली में पीने के पानी की गुणवत्ता मामले को लेकर राजनीति लगातार बढ़ती जा रही है कुछ दिनों पहले यह जानकारी निकल के सामने आई थी कि दिल्ली का पानी पीने योग्य नहीं है और इस पर खुद रामविलास पासवान ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि उन्होंने दिल्ली के कई अलग-अलग जगहों से पानी का सैंपल लेकर टेस्ट करवाया है जिसमें से बुराड़ी के श्री सिद्धि विनायक अपार्टमेंट के रहने वाले दीपक कुमार रॉय भी थे । ये बात सामने आने के बाद दीपक कुमार रॉय मीडिया में खुलकर कहा कि उनके पास कोई अधिकारी नहीं आया और ना ही उनसे कोई सैंपल लिया गया । अभी आरोप और प्रत्यारोप का दौर चल ही रहा था कि गुरुवार रात बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो )की तरफ से एक लेटर इशू किया गया जिसमें यह लिखा था कि 2 अधिकारी इस अपार्टमेंट में आए हैं और रजिस्टर में एंट्री करने के बाद दीपक कुमार रॉय से बात करके पानी का सैंपल लिया गया । लेकिन सच्चाई इससे कहीं पर अपार्टमेंट के इंटीरियर रजिस्टर में बताए गए अधिकारी के नाम की कोई भी एंट्री दर्ज नहीं है यह दस्तावेज देखने के बाद स्थानीय विधायक संजीव ध्यान है पलटवार करते हुए कहा कि उनकी सरकार को फंसाने के लिए झूठ बोल कर रामविलास पासवान छोटी राजनीति खेल रहे थे । साथ ही साथ विधायक संजीव झा ने आरो कंपनियों से केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के मिलीभगत के भी आरोप लगाए ।
Conclusion:कुल मिलाकर अपार्टमेंट के एंट्री रजिस्टर सामने आने के बाद अब बीआईएस और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के दावों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं और अभी भी इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है और सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा
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