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AAP+CONG: शीला की ना नेताओं की हां, गठबंधन पर दो फाड़ में बंटी कांग्रेस? - ETV Delhi

एमसीडी में कांग्रेस के तीनों बड़े नेताओं ने आलाकमान को खत लिखकर गठबंधन की पैरवी की है.

गठबंधन पर शीला की ना
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Published : Mar 23, 2019, 9:49 PM IST

नई दिल्ली: आदमी पार्टी से गठबंधन पर कांग्रेस नेताओं का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है. अब एमसीडी में कांग्रेस के तीनों बड़े नेताओं ने आलाकमान को खत लिखकर गठबंधन की पैरवी की है.

इससे पहले ज्यादातर जिला अध्यक्षों और चार पूर्व अध्यक्षों ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन की पैरवी आलाकमान से की थी, लेकिन बावजूद इसके दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित गठबंधन के सवाल पर चुप्पी साधे हुए हैं.

गठबंधन के लिए शीला की ना
आम आदमी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर शीला दीक्षित पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुकी हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित तीनों कार्यकारी अध्यक्षों के समर्थन के बावजूद भी गठबंधन के सवाल पर हामी नहीं भर रहीं हैं.

गठबंधन पर शीला की ना

आलाकमान को खत
तीनों एमसीडी में कांग्रेस नेताओं ने अब आलाकमान को खत लिखा है. नॉर्थ एमसीडी के कांग्रेस हाउस लीडर मुकेश गोयल के मुताबिक उन्होंने बाकी दोनों हाउस लीडर के साथ गठबंधन पर आलाकमान को अपनी राय दे दी है.

नहीं लिया अब तक कोई फैसला
बावजूद इसके अभी तक आलाकमान ने कोई फैसला नहीं सकी है. एमसीडी में नेताओं के गठबंधन की पैरवी करने के खत से पहले सभी जिला अध्यक्ष और कांग्रेस के 4 पूर्व अध्यक्षों ने भी आलाकमान को पत्र लिखकर गठबंधन की पैरवी की थी.

नई दिल्ली: आदमी पार्टी से गठबंधन पर कांग्रेस नेताओं का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है. अब एमसीडी में कांग्रेस के तीनों बड़े नेताओं ने आलाकमान को खत लिखकर गठबंधन की पैरवी की है.

इससे पहले ज्यादातर जिला अध्यक्षों और चार पूर्व अध्यक्षों ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन की पैरवी आलाकमान से की थी, लेकिन बावजूद इसके दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित गठबंधन के सवाल पर चुप्पी साधे हुए हैं.

गठबंधन के लिए शीला की ना
आम आदमी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर शीला दीक्षित पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुकी हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित तीनों कार्यकारी अध्यक्षों के समर्थन के बावजूद भी गठबंधन के सवाल पर हामी नहीं भर रहीं हैं.

गठबंधन पर शीला की ना

आलाकमान को खत
तीनों एमसीडी में कांग्रेस नेताओं ने अब आलाकमान को खत लिखा है. नॉर्थ एमसीडी के कांग्रेस हाउस लीडर मुकेश गोयल के मुताबिक उन्होंने बाकी दोनों हाउस लीडर के साथ गठबंधन पर आलाकमान को अपनी राय दे दी है.

नहीं लिया अब तक कोई फैसला
बावजूद इसके अभी तक आलाकमान ने कोई फैसला नहीं सकी है. एमसीडी में नेताओं के गठबंधन की पैरवी करने के खत से पहले सभी जिला अध्यक्ष और कांग्रेस के 4 पूर्व अध्यक्षों ने भी आलाकमान को पत्र लिखकर गठबंधन की पैरवी की थी.

Intro:आदमी पार्टी से गठबंधन पर कांग्रेस नेताओं का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है अब एमसीडी में कांग्रेस के तीनों बड़े नेताओं ने आलाकमान को खत लिखकर गठबंधन की पैरवी करी है इससे पहले ज्यादातर जिला अध्यक्षों और चार पूर्व अध्यक्षों ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन की पैरवी आलाकमान से की थी लेकिन बावजूद इसके दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित गठबंधन के सवाल पर चुप्पी साधे हुए शुरुआत से लेकर अब तक गठबंधन के सवाल पर कांग्रेस कमजोर पड़ती हुई दिखाई दे रही है और साफ तौर पर कुछ भी कहने से बचती हुई नजर आ रही है जिससे अभी भी राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर लोगों की निगाहें टिकी हुई है


Body:आम आदमी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर शीला दीक्षित पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुकी है प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित तीनों कार्यकारी अध्यक्षों के समर्थन के बावजूद भी गठबंधन के सवाल पर कमजोर पड़ जाती हैं तीनों एमसीडी में कांग्रेस नेताओं ने अब आलाकमान को खत लिखा है नॉर्थ एमसीडी के कांग्रेस हाउस लीडर मुकेश गोयल के मुताबिक उन्होंने बाकी दोनों हाउस लीडर के साथ गठबंधन पर आलाकमान को अपनी राय दे दी है बावजूद इसके अभी तक आलाकमान कोई फैसला तो ले ही नहीं सकी साथ ही साथ गठबंधन के सवाल पर कांग्रेस के आलाकमान कहीं ना कहीं चुप्पी साधे हुए नजर आते हैं एमसीडी में नेताओं के गठबंधन की पैरवी करने के खत से पहले सभी जिला अध्यक्ष और कांग्रेस के 4 पूर्व अध्यक्षों ने भी आलाकमान को पत्र लिखकर गठबंधन की पैरवी की थी इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के गठबंधन को दिए समर्थन के आगे शीला दीक्षित का विरोध कमजोर पड़ता जा रहा है लिहाजा अब शीला दीक्षित के पास इस बयान से ज्यादा कुछ नहीं बचा और यही वजह है कि वह हर बार गठबंधन के सवाल पर चुप्पी साध करती हुई नजर आती है और इन सवालों पर कांग्रेस कमजोर पड़ जाती है


Conclusion:गठबंधन पर कांग्रेस आलाकमान किसी भी वक्त आखरी फैसला ले सकता है ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि गठबंधन होने की सूरत में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शीला दीक्षित का कद कमजोर हो जाएगा शायद यही चिंता है कि शीला दीक्षित गठबंधन के सवाल पर खुला विरोध जताते आ रही हैं लेकिन उनके विरोध के बावजूद भी अभी तक आलाकमान की ओर से गठबंधन पर कोई आखिरी मुहर नहीं लगाई जा सकती है जो कि यह सीधे तौर पर साफ करती है कि अभी भी राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावनाएं बनी हुई है
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