नई दिल्लाी: राजधानी के सिंघु बॉर्डर में पर चल रहे किसान आंदोलन को अब किसानों द्वारा तकनीक से भी जोड़ा जा चुका है. यहां अपनी सुविधा के लिए किसान अब तकनीकी मशीनों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हीं में से एक है रोटी मशीन. जिससे हजारों की संख्या में हर रोज किसानों के लिए यहां खाना बनता है.
सुबह से शाम तक चलता है लंगर
किसान आंदोलन के बीच सुबह से लेकर शाम तक लंगर चलता रहता है, जिसकी वजह से हाथों से रोटियां बनाने में काफी मुश्किलों का सामना किसानों को करना पड़ रहा था और उसमें समय भी ज्यादा लगता था. ऐसे में अब बंगला साहब गुरुद्वारे से एक रोटी मशीन दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर लाई गई और यहां इसी रोटी मशीन से अब एक साथ हजारों लोगों के लिए रोटी बन कर तैयार हो जाती है.
एक घंटे में दो हजार रोटियां
पिछले करीब 3 दिनों से इसी रोटी मशीन के जरिए हजारों लोगों की रोटियां बनाई जा रही है .इस मशीन में 1 घंटे में करीब 2 हजार रोटियां बनती हैं. जिसमें किसी भी तरीके से मैन पावर का इस्तेमाल नहीं होता. इस मशीन में आटा और पानी डाल दिया जाता है, जिससे आटा गूंद कर तैयार हो जाता है फिर गूंदा हुआ आटा मशीन में डालते हैं और रोटी बनने की सारी प्रक्रिया इसी मशीन में होती है. इस तरह 1 घंटे में दो हजार से ज्यादा रोटियां बनकर तैयार हो जाती हैं.
आंदोलन की पूरी तैयारी
किसान अब इस आंदोलन को लंबा चलाने की भी पूरी तैयारी कर चुके हैं. सिलेंडर की कमी ना हो इसलिए मशीनें मंगाई गई और समय की बचत हो इस वजह से अलग-अलग मशीनों द्वारा खाना बनाया जा रहा है, जिससे किसी भी तरीके की दिक्कत खाने-पीने की इस आंदोलन में ना आने पाए.