नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के मुख्य परिसर को प्रमुख शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए एक और अड़चन दूर हो गई है. दरअसल, इस साल इन निर्माण कार्यों के लिए LG वीके सक्सेना ने 2670 पेड़ों के स्थानांतरण और वनीकरण को मंजूरी दे दी है. इस क्षेत्र का उपयोग अंतर-विषयक शैक्षणिक और अनुसंधान भवन, प्रौद्योगिकी संकाय के लिए शैक्षणिक भवन, पुस्तकालय भवन और कंप्यूटर केंद्र के निर्माण के लिए किया जाएगा.
इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय में निर्माण कार्यों के लिए 1631 करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया है. इसमें से इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (आईओई) की नई बिल्डिंग के लिए 330 करोड़ रुपए, आईओई हॉस्टल के लिए 289.61 करोड़ रुपए, कंप्यूटर सेंटर निर्माण के लिए 87 करोड़ रुपए, लाइब्रेरी विस्तार के लिए 110 करोड़ रुपए, फैक्लटी ऑफ टेक्नॉलोजी के लिए 195 करोड़ रुपए, दिल्ली स्कूल ऑफ इक्नॉमिक्स के दो नए शैक्षणिक खंडों के निर्माण के लिए स्वीकृत 195 और 201 करोड़ रुपए और विभिन्न स्थानों पर रिनोवेशन आदि के लिए 25.4 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत हुई है. ये सारे निर्माण कार्य दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्वी परिसर में होने हैं.
जल्द शुरू होगा निर्माण कार्यः अब पेड़ काटने की मंजूरी मिलने के बाद जल्द निर्माण कार्य शुरू करने की प्रक्रिया तेज होगी. दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने बताया कि अप्रैल में डीयू की इन निर्माण कार्यों का शिलान्यास करने की योजना है. इसके अलावा पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार में विश्वविद्यालय के पूर्वी परिसर के निर्माण के लिए भी 226 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है. साथ ही द्वारका में शैक्षणिक ब्लॉक के निर्माण सहित अनेकों नव निर्माण कार्यों के लिए 95 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है.
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हर साल 85 हजार स्टूडेंट्स का होता है एडमिशनः डीयू के स्नातक कोर्सेज में दाखिले के लिए प्रतिवर्ष देशभर से लाखों छात्र आवेदन करते हैं, जिनमें से 70 हजार सीटों पर दाखिला होता है. इसके अलावा स्नातकोत्तर में 14 हजार से ज्यादा दाखिले होते हैं. इस तरह डीयू में प्रतिवर्ष करीब 85 हजार नए छात्र दाखिल होते हैं. इसलिए दिल्ली विश्वविद्यालय में सालों से इंफ्रास्ट्रक्चर के रिनोवेशन की जरूरत महसूस की जा रही थी. पिछले साल ही दिल्ली विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर चुका है. इसलिए कई इमारतें 100 साल पुराने होने के चलते अब उनकी क्षमता भी काम हो चुकी है. साथ ही उनके जीर्णोद्धार की भी जरूरत है.
आने वाले दिनों में डीयू में छात्रों की और संख्या बढ़ने की संभावना है, क्योंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के बाद कई नए रोजगार पर कोर्स शुरू किए गए हैं. इसके अलावा हिंदू स्टडीज, ट्राइबल स्टडीज सहित अन्य कई नए कोर्स भी शुरू हुए हैं, जिनके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है.
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