नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में अक्टूबर से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है. इसके पीछे का मुख्य वजह दिल्ली और आसपास के राज्यों में जलाए जाने वाली पराली को माना जाता है. पराली से निकलने वाला धुंआ काफी लंबे समय तक वातावरण में रहता है, जिसकी वजह से प्रदूषण फैलता है और लोगों को सांस लेने तक में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए केजरीवाल सरकार ने शुक्रवार से निःशुल्क बायो डी-कंपोजर की शुरुआत की.
दिल्ली सरकार पूसा इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर बायो डी-कंपोजर पिछले 3 साल से बना रही है. दिल्ली के खेतों में निःशुल्क तरीके से यह छिड़काव किया जा रहा है. पिछले साल 4400 एकड़ खेत में दिल्ली सरकार द्वारा बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया गया था. लेकिन, इस साल अब 5000 एकड़ में बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा.
बता दें कि बायो डी-कंपोजर के छिड़काव से पराली बिना जलाए नष्ट हो जाती है और पर्यावरण में प्रदूषण भी नहीं फैलता है. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि जिन खेतों में पिछले साल बायो डी-कंपोजर का छिड़काव किया गया था उन खेतों में इस साल का उपज काफी अच्छा है. खेती की दृष्टिकोण से देखा जाए तो बायो डी-कंपोजर किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है. मंत्री गोपाल राय ने आज अलीपुर के तीगिपुर खेतों में इसका छिड़काव करके इस मोहिम की शुरुआत की.
मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली और आसपास के अन्य राज्यों के लोगों से भी अपील की.उन्होंने लोगों से कहा कि ज्यादा से ज्यादा बायो डी-कंपोजर केमिकल का इस्तेमाल कर राष्ट्रीय राजधानी में फैलने वाले प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान दें.
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