नई दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चीनी स्मार्टफोन कंपनी वीवो से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले के आरोपी और वीवो के मैनेजिंग डायरेक्टर हरि ओम राय की जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया. सोमवार को एडिशनल सेशंस जज किरण गुप्ता ने 12 जनवरी को फैसला सुनाने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील मनीष जैन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि केस के गुण-दोषों और याचिकाकर्ता की बीमारी को अलग-अलग देखने की जरूरत है. जांच के दौरान वीवो के खिलाफ फर्जीवाड़े की शिकायतें पता चली. कंपनी के शेयरहोल्डर झांग जी ने डायरेक्टर आईडेंटिफिकेशन के लिए फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस का इस्तेमाल किया. फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के जरिये उसने बैंक खाता भी खुलवाया.
सुनवाई के दौरान हरिओम राय की ओर से पेश वकील नीतेश राणा ने कहा कि आरोप झूठे और बेतुके हैं. आरोपी का वीवो कंपनी के व्यवसाय से परोक्ष या अपरोक्ष कोई नाता नहीं है. आरोपी को वीवो कंपनी या उससे जुड़ी कोई दूसरी कंपनी से कोई वित्तीय लाभ नहीं हुआ है. पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए 18 नवंबर 2023 को ईडी को नोटिस जारी किया था.
इस मामले में हरि ओम राय समेत चार आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. याचिका में कहा गया है कि कि इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और आरोपी की अब हिरासत की कोई जरूरत नहीं है. ED ने राय समेत चार आरोपियों को 10 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था. इस मामले में 2022 में देश भर में फैले वीवो कंपनी के 48 जगहों पर छापा मारा था. ईडी ने वीवो कंपनी से जुड़ी 23 कंपनियों पर भी छापा मारा था.
बता दें, 30 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट ने वीवो इंडिया के अंतरिम सीईओ हांग शुकुआन ऊर्फ टेरी के अलावा सीएफओ हरिंदर दहिया और कंसल्टेंट हेमंत मुंजाल की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था. इस आदेश को ईडी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
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