नई दिल्ली: दिल्ली की थाना हौज काज़ी पुलिस ने पतंगों की होल सेल मार्केट में लाउड स्पीकर के जरिए एक जन-जागरण अभियान चलाया है. इसमें लोगों से चाइनीज मांझे को न खरीदने व इस्तेमाल करने की अपील की जा रही है. पिछले दिनों चाईनीज मांझे से गला कटने से दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में एक छ्ह वर्षीय बच्ची की मौत हो गई थी. वहीं रविवार सुबह दिल्ली के आईटीओ पुल के नजदीक एक बाइक सवार पत्रकार की चाइनीज मांझे से गले पर गहरे घाव बन गए.
दिल्ली में अगस्त का महीने में खूब पतंगबाज़ी होती है. ऐसे में दुकानें भी पतंग और मांझे से पूरी तरह से सज जाती हैं. एनजीटी के आदेशानुसार दिल्ली में चाइनीज मांझों पर रोक लगी हुई है. फिर भी बड़ी मात्रा में चाइनीज मांझे बेचे और खरीदे जाते हैं.चाईनीज मांझों को बनाने में प्लास्टिक के रेशों के साथ ही काँच की कोटिंग भी की जाती है, जिससे इसकी शार्पनेस बढ़ जाती है, और डोर आसानी से नही टूटती है. इसीलिए यह पतंग उड़ाने वाले लोगों की पहली पसंद होती है.
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लेकिन चाइनीज मांझा इंसानों के साथ-साथ परिंदो के लिए भी जानलेवा साबित होता है. आंकड़ो के अनुसार चाइनीज मांझों की वजह से अकेले दिल्ली में हर वर्ष आधा दर्जन इंसानों के साथ ही सैकड़ों बेजुबान परिंदो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. इसके मद्देनजर लोगों को चाइनीज मांझे के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी जा रही है. एनजीटी के आदेशानुसार अगर कोई दुकानदार इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना अथवा पांच वर्ष की कैद हो सकती है.
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