नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के औद्योगिक इलाकों में आग लगने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. बवाना इंडस्ट्रियल एरिया में एक हफ्ते के अंदर 4 फैक्ट्रियों में आग लगी है, इस दौरान लाखों का नुकसान हुआ है. गनीमत रही कि सभी फैक्ट्रियों में आग उस वक्त लगी, जब अंदर से कर्मचारी बाहर आ चुके थे, जिसके चलते जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ.
राजधानी में कई जगह अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्र बने हुए हैं, जहां शुरुआती दौर में इन क्षेत्रों को रिहायशी जगहों से दूर बनाया गया था. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, इन इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास भी लोगों ने बड़ी संख्या में रहना शुरु कर दिया. इन्हीं में से बवाना, नरेला और वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया भी है.
आग से बचाव के उपाय: कुछ ऐसे औद्योगिक क्षेत्र है. जहां हर साल आग लगने की घटनाएं होती है और फैक्ट्री संचालन करने वाले व्यापारियों को इससे लाखों का नुकसान होता है. कई बार तो यहां काम करने वाले लेबरों की जान तक चली गई है. ऐसे में कई ऐसे सेफ्टी नियम हैं, जिनका ध्यान रखने से इस तरह की घटनाओं में कमी लाई जा सकती है.
नरेला इंडस्ट्रियल एरिया की एसोसिएशन के पदाधिकारी आशीष गर्व ने बताया कि वैसे तो लगभग सभी फैक्ट्रियों में समय-समय पर इस बात को लेकर चर्चा होती है. आग लगने की घटनाओं से कैसे बचा जाए और उसके कौन-कौन से नियम हैं, जिसका पालन किया जाना चाहिए. हलांकि कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कुछ छोटी-छोटी गलतियों की वजह से बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है.
बवाना में भी पिछले कुछ दिनों में आग लगने की कई वारदातें सामने आई है. एसोसिएशन के पदाधिकारी ने कहा कि सभी फैक्ट्री चालकों को दमकल के नियमों का पालन सुचारु रूप से करना चाहिए. आग बुझाने का यंत्र भी फैक्ट्री में रहना चाहिए. साथ ही साथ वेंटिलेशन का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिससे यदि किसी फैक्ट्री में आग लगती है तो उसका धुआं अंदर ना भर सके. कई बार धुंए की वजह से लोगों की जान चली जाती है.
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उन्होंने कहा कि सरकार को भी इंडस्ट्रियल एरिया के नियमों पर दोबारा ध्यान देने की जरूरत है, जो फैक्ट्रियां नरेला बवाना और वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में चलाई जा रही हैं. वहां एक से अधिक एग्जिट गेट देना संभव नहीं है, क्योंकि ज्यादातर फैक्ट्रियां एक ही तरफ से रोड से कनेक्ट है. इसके चलते लोगों को दिक्कत होती है. उन्होंने बताया कि सभी इंडस्ट्रियल एरिया में मेन रोड के साथ सर्विस रोड का भी प्रावधान होना चाहिए, जिससे कम से कम दो तरफ से एक फैक्ट्री में एंट्री और एग्जिट गेट खोला जा सके. ऐसे कई नियम है यदि औद्योगिक इलाकों में इनका पालन किया गया तो कई बार बड़े हादसों से बचा जा सकता है.
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