नई दिल्ली: DU की फैकल्टी ऑफ लॉ की डीन प्रोफेसर वेद कुमारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अपने इस्तीफे में वेद कुमारी ने आरोप लगाया कि कैंपस के भीतर प्रोफेसर्स और लॉ सेंटर इंचार्ज से उनके मतभेद चल रहे थे जिसकी वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ रहा है. वो इस पद पर आगे नहीं बनी रह सकती.
दिल्ली विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को लिखे अपने इस्तीफे में वेद कुमारी ने बताया कि डीन रहते हुए उन्होंने छात्रों और शिक्षकों के लिए काम करने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें बार-बार रोक दिया गया.
सितंबर में खत्म हो रहा था कार्यकाल
बता दें प्रोफेसर वेद कुमारी ने 2 सितंबर 2016 को ये पदभार संभाला था अभी उनके रिटायरमेंट में 3 महीने बाकी थी. लेकिन उससे पहले ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, अपने इस्तीफे पत्र में उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से कई आरोप लगाए.
शिक्षकों से मारपीट का उठाया मुद्दा
उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा कि कम अटेंडेंस होने के बावजूद भी छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती थी. स्टाफ को सैलरी नहीं मिलती थी और उन छात्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती थी जो अपने शिक्षकों के साथ लगातार दुर्व्यवहार कर रहे थे. ये सब यूनिवर्सिटी अथॉरिटी की नाक के नीचे हो रहा था लेकिन कई बार शिकायत के बावजूद कोई एक्शन नहीं हुआ.
वेद कुमारी ने आगे आरोप लगाते हुए लिखा कि 2 हफ्ते पहले ही उन्होंने कई मामलों को लेकर इसकी शिकायत की थी और उसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया.
'स्टाफ को नहीं दी जा रही थी टाइम पर सैलरी'
इस्तीफे में वेद कुमारी ने सैलरी के मुद्दे को भी उठाया, उन्होंने कहा है कि लगातार स्टाफ के लोगों को सैलरी ना देकर प्रताड़ित किया जा रहा था. जो लोग काम के प्रति ईमानदार और मेहनती हैं उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. वेद कुमारी ने कहा कि ऐसे माहौल में काम करना काफी मुश्किल हो रहा था, यही वजह है कि उन्होंने इस्तीफा देना ही सही समझा.