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फ्री-मेट्रो फॉर वुमेन योजना आर्थिक समझ से परे लगती है: अर्थशास्त्री

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Published : Jun 9, 2019, 5:35 PM IST

अर्थशास्त्री आकाश जिंदल का कहना है कि इस योजना के लिए फंड जुटा पाना दिल्ली सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है क्योंकि निगम, जल बोर्ड और शिक्षा, ये कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां फंड में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की जा सकती.

आकाश जिंदल

नई दिल्ली: अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने दिल्ली सरकार की महात्वाकांक्षी फ्री डीटीसी- मेट्रो यात्रा की स्कीम पर सवाल खड़े किए हैं. आकाश जिंदल के अनुसार दिल्ली सरकार का सालाना बजट पहले से ही एलोकेटेड है. जितना स्ट्रेच हो सकता था वो पहले ही हो चुका है.

आर्थिक समझ से परे है योजना
उन्होंने बताया कि काफी ज्यादा क्षेत्रों में पैसे डिवाइड हुआ है जिसकी वजह से दिल्ली सरकार का इस साल का बजट पहले से ही ओवरड्राफ्ट जा चुका है. अब इस तरह की स्कीम को साल के बीच में लाना आर्थिक समझ के परे है.

आकाश का कहना है कि इस योजना के लिए फंड जुटा पाना दिल्ली सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है क्योंकि निगम, जल बोर्ड और शिक्षा, ये कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां फंड में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की जा सकती.

दिल्ली सरकार की फ्री मेट्रो योजना पर अर्थशास्त्री आकाश जिंदल से बातचीत

क्या केंद्र से मिलेगी कोई मदद?
बाकी जो क्षेत्र बचते हैं उनमें बजट न सिर्फ कम है बल्कि उनमें से भी कटौती ना के बराबर की जा सकती है. आकाश का कहना है कि दिल्ली सरकार के पास दो ही ऑप्शन बचते हैं. या तो केंद्र सरकार की मदद ले या फिर दिल्ली सरकार लोन लेकर इस योजना की शुरुआत करे.

दिल्ली सरकार को कई दिक्कतें
आकाश जिंदल ने इसे लेकर एक और चिंता जाहिर की है. आकाश ने कहा कि हो सकता है कि योजना लागू होने के बाद वो महिलाएं भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही इस्तेमाल करने लगें जिनके पास दूसरी सुविधाएं पहले से मौजूद है. उनका मानना है कि आर्थिक दृष्टिकोण से ये योजना अव्यवहारिक है.

नई दिल्ली: अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने दिल्ली सरकार की महात्वाकांक्षी फ्री डीटीसी- मेट्रो यात्रा की स्कीम पर सवाल खड़े किए हैं. आकाश जिंदल के अनुसार दिल्ली सरकार का सालाना बजट पहले से ही एलोकेटेड है. जितना स्ट्रेच हो सकता था वो पहले ही हो चुका है.

आर्थिक समझ से परे है योजना
उन्होंने बताया कि काफी ज्यादा क्षेत्रों में पैसे डिवाइड हुआ है जिसकी वजह से दिल्ली सरकार का इस साल का बजट पहले से ही ओवरड्राफ्ट जा चुका है. अब इस तरह की स्कीम को साल के बीच में लाना आर्थिक समझ के परे है.

आकाश का कहना है कि इस योजना के लिए फंड जुटा पाना दिल्ली सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है क्योंकि निगम, जल बोर्ड और शिक्षा, ये कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां फंड में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की जा सकती.

दिल्ली सरकार की फ्री मेट्रो योजना पर अर्थशास्त्री आकाश जिंदल से बातचीत

क्या केंद्र से मिलेगी कोई मदद?
बाकी जो क्षेत्र बचते हैं उनमें बजट न सिर्फ कम है बल्कि उनमें से भी कटौती ना के बराबर की जा सकती है. आकाश का कहना है कि दिल्ली सरकार के पास दो ही ऑप्शन बचते हैं. या तो केंद्र सरकार की मदद ले या फिर दिल्ली सरकार लोन लेकर इस योजना की शुरुआत करे.

दिल्ली सरकार को कई दिक्कतें
आकाश जिंदल ने इसे लेकर एक और चिंता जाहिर की है. आकाश ने कहा कि हो सकता है कि योजना लागू होने के बाद वो महिलाएं भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ही इस्तेमाल करने लगें जिनके पास दूसरी सुविधाएं पहले से मौजूद है. उनका मानना है कि आर्थिक दृष्टिकोण से ये योजना अव्यवहारिक है.

Intro:सेक्टर 9 रोहिणी ,दिल्ली

अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने दिल्ली सरकार पर उठाए सवाल स्पष्ट करें फ्री मेट्रो और बस यात्रा के लिए कहां से आएगा फंड क्या दिल्ली सरकार कहीं से लोन लेने वाली है या फिर दिल्ली सरकार पहले से एलोकेटेड बजट में किसी एक क्षेत्र में बजट को कम करके इस नई स्कीम में फंड का इस्तेमाल करेगी


Body:अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने दिल्ली की सरकार की फ्री बस और मेट्रो यात्रा पर उठाए सवाल

मशहूर अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने दिल्ली सरकार द्वारा जल्द शुरू की जाने वाली फ्री डीटीसी बस यात्रा मेट्रो यात्रा की स्कीम पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं आकाश जिंदल के अनुसार दिल्ली सरकार का जो बजट है सालाना, वह पहले से ही एलोकेटेड है और जितना स्ट्रेच हो सकता था हो चुका है काफी ज्यादा क्षेत्रों में पैसे डिवाइड हुआ है जिसकी वजह से दिल्ली सरकार का जो बजट है इस साल का पहले से ही ओवरड्राफ्ट जा चुका है और अब इस तरह की स्कीम को साल के बीच में लाना आर्थिक समझ से परे है ,जिसके लिए फंड जुटा पाना दिल्ली सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है क्योंकि निगम ,जल बोर्ड ,शिक्षा यह कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां से फंड में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं की जा सकती और बाकी जो क्षेत्र बचते हैं उनमें बजट ना सिर्फ कम है बल्कि उनमें से भी कटौती ना के बराबर की जा सकती है जिसके बाद दिल्ली सरकार के पास दो ही ऑप्शन बचते हैं या तो केंद्र सरकार की मदद ले या फिर दिल्ली सरकार लोन लेकर इस योजना की शुरुआत करें

दिल्ली सरकार स्पष्ट करें किस आधार पर 14 सौ करोड़ के खर्च का अनुमान लगाया गया है
जिंदल ने दिल्ली सरकार के फ्री डीटीसी और मेट्रो यात्रा पर आने वाले 14 सौ करोड़ के खर्च पर भी सवाल उठाया है क्योंकि आकाश जिंदल का कहना है राजधानी दिल्ली में काफी सारी महिलाएं ऐसी हैं जो अपने व्हीकल या फिर प्राइवेट कैब्स या ऑटो से ट्रैवल करती है अगर डीटीसी बस और मेट्रो में यात्रा फ्री हो जाती है तो वह महिलाएं भी बस और मेट्रो में ट्रेवल करेंगे जिससे जो है मेट्रो का कार्यभार अतिरिक्त बढ़ेगा क्योंकि यह यात्रा फ्री है तो कॉलेज में जाने वाली लड़कियों से लेकर सभी महिलाएं मेट्रो का यूज करेंगी । ऐसे में यह जानना अर्थशास्त्रियों के लिए जरूरी है कि आपने किस आधार पर 1400 करोड़ के खर्चे का अनुमान लगाया है उसमें कितनी दूरी को नापा गया है महिलाओं की संख्या कितनी है तमाम तरह की चीजें हैं यह सब चीजें जब तक दिल्ली सरकार स्पष्ट नहीं करती है तब तक यह कहना अनुचित होगा कि इस योजना के लिए 14 सौ करोड़ लगेगा।


Conclusion:अर्थशास्त्री अकाउंट जिंदल के अनुसार दिल्ली का जो सालाना बजट है वह पहले से ही एलोकेटेड है ऐसे में फ्री डीटीसी और मेट्रो यात्रा के लिए फंड कहां से आएगा यह एक चिंता का विषय है दिल्ली सरकार को यह स्पष्ट करना होगा क्या वह किसी तरह का टैक्स बढ़ाना चाहते हैं या फिर एलोकेटेड बजट में से कुछ एरिया के बजट को कम करने वाले हैं जिसे दिल्ली सरकार अपनी इस नई स्कीम में लगा कर शुरू करने का सोच रही है महिलाओं के लिए इस नई स्कीम को शुरू करना बेहद तारीफ के काबिल है लेकिन जमीनी हकीकत को देखकर नहीं लगता कि बिना किसी फंड के यह स्कीम शुरू हो पाएगी
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