नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी के 28 कॉलेजों की फंडिंग मुख्यमंत्री केजरीवाल के एक आदेश के बाद रोक दी गई थी. जिसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने फंड की कमी को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिख कर फंड जारी करने की मांग की थी.
पत्र के जवाब में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मामला सुलझाने का आश्वासन दिया है. साथ ही वादा किया है कि अगले 3 महीनों के लिए वित्तीय फंड कॉलेजों में तत्काल रुप से जारी कर दिए जाएंगे.
जाने पूरा मामला
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली सरकार के बीच पिछले कुछ दिनों से गवर्निंग बॉडी का गठन ना होने को लेकर तनातनी चल रही थी. जिसके बाद दिल्ली सरकार की तरफ से कॉलेजों को दिए जाने वाले फंड रोक दिए गए थे.
फंड रुक जाने के कारण डीयू के अंतर्गत आने वाले 28 कॉलेज आर्थिक संकट से जूझ रहे थे. नौबत यहां तक आ गई थी कि कॉलेज में काम करने वाले कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा था.
कॉलेज में आने वाली इन समस्याओं को लेकर डूटा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक पत्र लिखकर कॉलेज द्वारा वित्तीय संकट की समस्या से अवगत कराया था. साथ ही डूटा ने इस मामले पर कार्यवाई ना होने पर 17 जून को मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने की भी बात कही थी.
वहीं डूटा के इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इसका जवाब दिया है, साथ ही अगले 3 महीने के ग्रांट को तत्काल रूप से देने का आश्वासन भी दिया है.
शिक्षा मंत्री से मिले आश्वासन के बाद डूटा ने 17 जून को मुख्यमंत्री आवास पर होने वाला धरना स्थगित करने का फैसला किया है. साथ ही डूटा ने भी यह आश्वासन दिलाया है कि गवर्निंग बॉडी जल्द से जल्द बनाए जाने को लेकर वह वाइस चांसलर के साथ मीटिंग करेंगे.
'डूटा के साथ सरकार का धोखा'
दिल्ली शिक्षक संघ द्वारा प्रदर्शन वापस लेने को लेकर अकादमिक काउंसिल के सदस्य प्रोफेसर रसाल सिंह ने डूटा के साथ धोखा बताया है.
उनका कहना है कि दिल्ली सरकार ने 3 महीने की ग्रांड का आश्वासन देकर इन कॉलेजों के परमानेंट टीचर्स को भी एडहॉक बना दिया है. साथ ही डूटा का इस तरह से एक आश्वासन के बाद धरना रद्द करना इनकी मिलीभगत को साबित करता है.