नई दिल्लीः यमुना में आई बाढ़ का असर दिल्ली के कई पॉश इलाकों में देखने को मिल रहा है. हालांकि बाढ़ का पानी तो उतर गया, लेकिन दिल्ली की कालोनियों, बाजारों, सड़कों और घरों में बाढ़ के निशान अभी भी देखे जा सकते हैं. यमुना में आई बाढ़ ने दिल्ली के निचले इलाके में रहने वाले लोगों को झकझोर कर रख दिया. बाढ़ के कारण दिल्ली के कई इलाकों में जलभराव हुआ और मंजर पूरी तरह से बदल गया. लोगों का कहना है कि इतना पानी उन्होंने कभी नहीं देखा था और मॉनेस्ट्री (तिब्बती) मार्केट में लोग अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश में जुटे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने बाढ़ से बचाव के लिए किसी प्रकार की मदद नहीं की और अब पानी उतरने के बाद लोग खुद ही साफ-सफाई में जुटे हैं.
मॉनेस्ट्री मार्केट में सफाई करने वाले लोगों ने बताया कि वह लद्दाख और हिमाचल से आए हैं. उनका बहुत बड़ा समूह दिल्ली के मुनिरका इलाके में रहता है. दिल्ली में बाढ़ आने के बाद मॉनेस्ट्री मार्केट के हालात पूरी तरह से बदल गए हैं. मार्केट में करीब 8 से 10 फीट तक पानी भर गया था. साथ ही उनके धार्मिक स्थल बौद्ध मंदिर में भी जलभराव होने से चारों ओर गंदगी फैल गई. पानी उतरने के बाद वह लोग सफाई करने में जुटे हुए हैं. दो दिनों से मॉनेस्ट्री मार्केट और इलाके में फैली गंदगी को लोग साफ कर रहे हैं. इलाके की बिजली भी पूरी तरह से काट दी गई थी. यह अभी तक जुड़ी भी नहीं है. इस कारण लोगों को काम करने में परेशानी आ रही है. हालांकि बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए सरकार की ओर से लोगों को किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली है, जिस कारण इस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं.
वहीं, अन्य लोगों का कहना है कि मॉनेस्ट्री मार्केट में 800 से ज्यादा दुकानें हैं. ज्यादातर लोगों की आजीविका का यही संसाधन है. लोग कपड़ा बेचकर दो वक्त की रोटी कमा रहे हैं. बाढ़ ने लोगों के काम धंधा को भी प्रभावित कर दिया. मार्केट में कई फीट तक पानी घुसने की वजह से लोगों का सामान भी खराब हो गया. कुछ लोगों ने समय रहते अपना सामान बचाया, लेकिन ज्यादातर लोगों को नुकसान हुआ है. मॉनेस्ट्री मार्केट में नजर आ रहे हालातों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यमुना नदी का रौद्र रूप कितना भयानक था. मॉनेस्ट्री मार्केट यमुना के किनारे ही है. लोगों के घर भी मॉनेस्ट्री मार्केट के आसपास ही हैं, जिससे ज्यादातर लोग प्रभावित हुए हैं.
लोगों का आरोप है कि समय रहते सरकार ने लोगों की सुरक्षा के उपाय नहीं किए, जिससे दिल्ली में डेंगू-चिकनगुनिया जैसी महामारी के हालात बन सकते हैं. इससे निपटने के लिए फागिंग नहीं कराई गई तो दिल्ली के हालात और भी बदतर हो सकते हैं, जिसको लेकर दिल्ली नगर निगम को अपने कर्मचारियों के साथ मुस्तैदी से काम करना होगा.