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DUTA ने दिल्ली विधानसभा के बाहर किया प्रदर्शन, 6 महीने से नहीं मिली है सैलरी

डूटा ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. शिक्षकों का कहना है कि अध्यापकों की सैलरी रुकी पड़ी है और हम कई बार दिल्ली सरकार से इसको लेकर लिखित शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं आने के बाद हम आज यहां एक जगह इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया.

विधानसभा के बाहर शिक्षकों का प्रदर्शन
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Published : Sep 27, 2019, 10:33 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के करीब 12 कॉलेज दिल्ली सरकार के अंतर्गत आते हैं लेकिन इन कॉलेजों के टीचर और कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें पिछले 6 महीने से सैलरी नहीं मिली है. जिसे लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन डूटा ने दिल्ली विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया.

विधानसभा के बाहर शिक्षकों का प्रदर्शन

टीचर्स ने किया प्रदर्शन
इस दौरान टीचर्स दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए नजर आए. प्रदर्शन में डूटा के प्रेसिडेंट राजीव रे, वॉइस रेजिडेंट आलोक रंजन पांडे, सेकेट्री राजिंदर सिंह, ज्वाइन सेकेट्री प्रेमचंद समेत दिल्ली विश्वविद्यालय के तमाम टीचर शामिल हुए.

पिछले 6 महीने से नहीं मिली सैलरी
प्रदर्शन कर रहे टीचरों का कहना था कि उन्हें पिछले 6 महीने से उनके काम की सैलरी नहीं मिली है, जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे उनका घर खर्च नहीं चल पा रहा. बच्चों की फीस नहीं भर पा रहे, शिक्षकों का कहना था कि सैलरी उनका अधिकार है लेकिन उन्हें नहीं दी जा रही है यह बेहद ही शर्मनाक है.

कॉलेजों में नहीं बनाई गई गवर्निंग बॉडी
डूटा के प्रेसिडेंट राजीव रे ने बताया कि कॉलेज में एक गवर्निंग बॉडी होती है, जो दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के तालमेल से बनाई जाती है लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में वो गवर्निंग बॉडी नहीं बनाई गई है. जिसकी वजह से अध्यापकों की सैलरी रुकी पड़ी है और हम कई बार दिल्ली सरकार से इसको लेकर लिखित शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं आने के बाद हम आज यहां एक जगह इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के करीब 12 कॉलेज दिल्ली सरकार के अंतर्गत आते हैं लेकिन इन कॉलेजों के टीचर और कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें पिछले 6 महीने से सैलरी नहीं मिली है. जिसे लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन डूटा ने दिल्ली विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया.

विधानसभा के बाहर शिक्षकों का प्रदर्शन

टीचर्स ने किया प्रदर्शन
इस दौरान टीचर्स दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए नजर आए. प्रदर्शन में डूटा के प्रेसिडेंट राजीव रे, वॉइस रेजिडेंट आलोक रंजन पांडे, सेकेट्री राजिंदर सिंह, ज्वाइन सेकेट्री प्रेमचंद समेत दिल्ली विश्वविद्यालय के तमाम टीचर शामिल हुए.

पिछले 6 महीने से नहीं मिली सैलरी
प्रदर्शन कर रहे टीचरों का कहना था कि उन्हें पिछले 6 महीने से उनके काम की सैलरी नहीं मिली है, जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे उनका घर खर्च नहीं चल पा रहा. बच्चों की फीस नहीं भर पा रहे, शिक्षकों का कहना था कि सैलरी उनका अधिकार है लेकिन उन्हें नहीं दी जा रही है यह बेहद ही शर्मनाक है.

कॉलेजों में नहीं बनाई गई गवर्निंग बॉडी
डूटा के प्रेसिडेंट राजीव रे ने बताया कि कॉलेज में एक गवर्निंग बॉडी होती है, जो दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के तालमेल से बनाई जाती है लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में वो गवर्निंग बॉडी नहीं बनाई गई है. जिसकी वजह से अध्यापकों की सैलरी रुकी पड़ी है और हम कई बार दिल्ली सरकार से इसको लेकर लिखित शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं आने के बाद हम आज यहां एक जगह इकट्ठा हुए और प्रदर्शन किया.

Intro:दिल्ली विश्वविद्यालय के करीब 12 कॉलेज दिल्ली सरकार के अंतर्गत आते हैं लेकिन इन कॉलेजों के टीचर और कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें पिछले 6 महीने से सैलरी नहीं मिली है जिसको लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन डूटा ने दिल्ली विधानसभा के बाहर तमाम टीचरों जिसको लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर एसोसिएशन (डूटा) ने दिल्ली विधानसभा के बाहर तमाम टीचरों के साथ दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.


Body:तमाम टीचरों ने क्या प्रदर्शन
इस दौरान तमाम टीचर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए नजर आए, इस दौरान प्रदर्शन में टूटा के प्रेसिडेंट राजीव रे, वॉइस रेजिडेंट आलोक रंजन पांडे, सेकेट्री राजिंदर सिंह, ज्वाइन सेकेट्री प्रेमचंद समेत दिल्ली विश्वविद्यालय के तमाम टीचर शामिल हुए.

पिछले 6 महीने से नहीं मिली उन्हें सैलरी
प्रदेश कर रहे टीचरों का कहना था कि उन्हें पिछले 6 महीने से उनके काम की सैलरी नहीं मिली है जिससे कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे उनका घर खर्च नहीं चला पा रहे हैं बच्चों की फीस नहीं भर पा रहे हैं, शिक्षकों का कहना था कि सैलरी उनका अधिकार है लेकिन उन्हें नहीं दी जा रही है यह बेहद ही शर्मनाक है


Conclusion:कॉलेजों में नहीं बनाई गई गवर्निंग बॉडी
दौरान हमने डूटा प्रेसिडेंट राजीव रे ने etv bharat को बताया कि कॉलेज में एक गवर्निंग बॉडी होती है जो दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के तालमेल से बनाई जाती है लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में वह गवर्निंग बॉडी नहीं बनाई गई है जिसके कारण अध्यापकों की सैलरी रुकी पड़ी है और हम कई बार दिल्ली सरकार से इसको लेकर लिखित शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन कोई जवाब नहीं आने के बाद हम आज यहां एक खट्टा हुए और प्रदर्शन किया
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