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नॉर्थ MCD के 9 हजार शिक्षकों को सैलरी मिलने की उम्मीद, सरकार देगी हलफनामा

नॉर्थ एमसीडी के नौ हजार शिक्षकों को अभी भी तक सैलरी नहीं मिली है. ऐसे में आज जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है, जिसमें उन्हें नगर निगम को कितना पैसा दिया है और अभी कितना पैसा देना है, वो शामिल करना होगा.

court ordered delhi govt to give affidavit
दिल्ली सरकार देगी हलफनामा
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Published : Jun 30, 2020, 7:15 PM IST

नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों को जून तक की सैलरी मिलने की उम्मीद है. जस्टिस हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वे हलफनामा दायर कर ये बताएं कि उन्हें नगर निगम को कितना पैसा दिया है और अभी कितना पैसा देना है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वो शिक्षकों की सैलरी देना सुनिश्चित करें. मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी.

दिल्ली सरकार को नॉर्थ एमसीडी के फंड से संबंधित हलफनामा देने का आदेश

नौ हजार शिक्षकों की सैलरी बकाया

सुनवाई के दौरान शिक्षकों की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने हस्तक्षेप याचिका दायर किया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नौ हजार शिक्षकों को सैलरी नहीं मिली है और 24 हजार पेंशनर्स को फरवरी के बाद पेंशन नहीं मिली है. नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने कोरोना ड्यूटी में लगे करीब पांच हजार शिक्षकों को कल सैलरी दी है. इस पर जस्टिस हीमा कोहली नाराज हो गईं और कहा कि जो बाकी तीन हजार शिक्षक कोरोना ड्यूटी पर नहीं थे, उनका क्या अपराध है कि उनकी सैलरी नहीं दी गई है. तब नगर निगम ने कहा कि बाकी शिक्षकों को भी सैलरी दी जाएगी.

दिए गए पैसे की जानकारी मांगी


हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम से पूछा कि आप अप्रैल, मई और जून की सैलरी का क्या कर रहे हैं. ये काफी दुखद स्थिति है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दायर कर ये बताने को कहा है कि उन्होंने अब तक उत्तरी दिल्ली नगर निगम को कितना पैसा दिया है और कितना बकाया है. हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को शिक्षकों की सैलरी का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

सैलरी मिलने की उम्मीद


आज की हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नौ हजार शिक्षकों को जल्द सैलरी मिलेगी. पिछले 26 जून को हाईकोर्ट ने शिक्षकों को पिछले तीन महीने की सैलरी अब तक नहीं देने पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई थी.

निगम के पास फंड नहीं


सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा था कि उसके पास फंड नहीं है कि वो शिक्षकों को सैलरी दे सके. तब कोर्ट ने कहा था कि आप शिक्षकों के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा था कि अप्रैल से लेकर जून तक शिक्षकों की सैलरी देने की योजना नगर निगम के पास क्यों नहीं है. पिछले 18 जून को कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया था कि वह अपने शिक्षकों को एक हफ्ते के अंदर बकाया सैलरी का भुगतान करें.

शिक्षकों पर लटकाई क्यों जा रही तलवार


याचिका अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ ने दायर किया है. कोर्ट ने कहा था की शिक्षकों को केवल अपनी सैलरी के भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, वह भी ऐसे समय में जब लॉकडाउन की वजह से लोग मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं. कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि उसके पास फंड की कमी है. कोर्ट ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम कोर्ट में बयान देने से कतरा रही है कि फंड की कमी की वजह से उसके अधिकारियों की भी सैलरी रोकी गई है. इसलिए शिक्षकों पर ही तलवार क्यों लटकाई जा रही है.

नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों को जून तक की सैलरी मिलने की उम्मीद है. जस्टिस हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वे हलफनामा दायर कर ये बताएं कि उन्हें नगर निगम को कितना पैसा दिया है और अभी कितना पैसा देना है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वो शिक्षकों की सैलरी देना सुनिश्चित करें. मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी.

दिल्ली सरकार को नॉर्थ एमसीडी के फंड से संबंधित हलफनामा देने का आदेश

नौ हजार शिक्षकों की सैलरी बकाया

सुनवाई के दौरान शिक्षकों की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने हस्तक्षेप याचिका दायर किया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नौ हजार शिक्षकों को सैलरी नहीं मिली है और 24 हजार पेंशनर्स को फरवरी के बाद पेंशन नहीं मिली है. नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने कोरोना ड्यूटी में लगे करीब पांच हजार शिक्षकों को कल सैलरी दी है. इस पर जस्टिस हीमा कोहली नाराज हो गईं और कहा कि जो बाकी तीन हजार शिक्षक कोरोना ड्यूटी पर नहीं थे, उनका क्या अपराध है कि उनकी सैलरी नहीं दी गई है. तब नगर निगम ने कहा कि बाकी शिक्षकों को भी सैलरी दी जाएगी.

दिए गए पैसे की जानकारी मांगी


हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम से पूछा कि आप अप्रैल, मई और जून की सैलरी का क्या कर रहे हैं. ये काफी दुखद स्थिति है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को हलफनामा दायर कर ये बताने को कहा है कि उन्होंने अब तक उत्तरी दिल्ली नगर निगम को कितना पैसा दिया है और कितना बकाया है. हाईकोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को शिक्षकों की सैलरी का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

सैलरी मिलने की उम्मीद


आज की हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नौ हजार शिक्षकों को जल्द सैलरी मिलेगी. पिछले 26 जून को हाईकोर्ट ने शिक्षकों को पिछले तीन महीने की सैलरी अब तक नहीं देने पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम को फटकार लगाई थी.

निगम के पास फंड नहीं


सुनवाई के दौरान उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने कहा था कि उसके पास फंड नहीं है कि वो शिक्षकों को सैलरी दे सके. तब कोर्ट ने कहा था कि आप शिक्षकों के साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा था कि अप्रैल से लेकर जून तक शिक्षकों की सैलरी देने की योजना नगर निगम के पास क्यों नहीं है. पिछले 18 जून को कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया था कि वह अपने शिक्षकों को एक हफ्ते के अंदर बकाया सैलरी का भुगतान करें.

शिक्षकों पर लटकाई क्यों जा रही तलवार


याचिका अखिल दिल्ली प्राथमिक शिक्षक संघ ने दायर किया है. कोर्ट ने कहा था की शिक्षकों को केवल अपनी सैलरी के भुगतान के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, वह भी ऐसे समय में जब लॉकडाउन की वजह से लोग मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं. कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि उसके पास फंड की कमी है. कोर्ट ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम कोर्ट में बयान देने से कतरा रही है कि फंड की कमी की वजह से उसके अधिकारियों की भी सैलरी रोकी गई है. इसलिए शिक्षकों पर ही तलवार क्यों लटकाई जा रही है.

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