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पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांडः स्पीडी ट्रायल की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर - मृतक पहलवान सागर धनखड़

मृतक पहलवान सागर धनखड़ (Deceased Wrestler Sagar Dhankhar) के पिता ने दिल्ली उच्च न्यायालय में स्पीडी ट्रायल के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले को स्थानांतरित करने की मांग की है. याचिकाकर्ता अशोक ने अधिवक्ता जोगिंदर तुली के माध्यम से एक याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि वर्तमान मामले में आरोपी अधिक प्रभावशाली है, जो गवाहों और सबूतों को प्रभावित कर सकता है.

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Published : Dec 14, 2022, 10:02 PM IST

नई दिल्लीः मृतक पहलवान सागर धनखड़ (Deceased Wrestler Sagar Dhankhar) के पिता ने दिल्ली उच्च न्यायालय में उनके बेटे के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजे जाने की मांग की है. याचिका में कहा है कि जिस तरह निर्भया कांड को फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द निपटाया गया था, ठीक वैसे ही उनके बेटे की हत्या के मामले को भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित किया जाए.

याचिकाकर्ता ने मामले की संवेदनशीलता और ओलंपियन सुशील कुमार सहित अन्य अभियुक्तों के प्रभाव को देखते हुए इसकी मांग की है. याचिकाकर्ता अशोक ने अधिवक्ता जोगिंदर तुली के माध्यम से एक याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि वर्तमान मामले में आरोपी अधिक प्रभावशाली है, जो गवाहों और सबूतों को प्रभावित कर सकता है. इनमें से कुछ सरकारी कर्मचारी हैं और कुख्यात कला असोधा गिरोह और मुख्य साजिशकर्ता से भी संबंधित हैं. सुशील कुमार एक विश्व प्रसिद्ध हस्ती और ओलंपियन है.

इस मामले में गवाहों और सबूतों के सबमिशन के लिए 21 जनवरी 2023 की तारीख तय की गई थी. इसमें कहा गया कि मामले में लगभग 20 आरोपी व्यक्ति हैं और मुख्य आरोपी को काफी देर के बाद गिरफ्तार किया गया था. कुछ अभियुक्तों ने पर्याप्त भौतिक सबूत नष्ट कर दिए हैं. अगर मामले में ऐसे ही देरी होती रही तो सारे सबूत खत्म हो जाएंगे और गवाह बदल जाएंगे.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि निर्भया बलात्कार मामले में कानून मंत्रालय ने एक विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की थी, जिसने जनवरी 2013 में उक्त मामले की त्वरित सुनवाई की और सितंबर 2013 में सजा सुनाया गया. एक बड़ी चार्जशीट फाइल की गई थी और विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट के समक्ष लगभग 85 अभियोजन गवाहों की जांच की गई थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि हमारे देश का संविधान एक मौलिक अधिकार के रूप में स्पीडी ट्रायल की गारंटी देता है, जो न्याय प्राप्त करने के लिए काफी अहम है.

ये भी पढ़ेंः गाजियाबादः यूट्यूब पर गोली चलाना सीखा, पड़ोसी पर ही कर दी फायरिंग, बाल-बाल बचे

बता दें, दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में ओलिंपियन सुशील कुमार समेत 18 लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास समेत अन्य मामलों में आरोप तय कर दिया है. कोर्ट ने मामले में फरार 2 अन्य आरोपियों के खिलाफ भी आरोप तय किया है. डेढ़ साल पहले 23 साल के युवा पहलवान सागर को सुशील और अन्य पहलवानों ने मिलकर कथित तौर पर अगवा कर लिया. उसके बाद देर रात छत्रसाल स्टेडियम में उसकी पिटाई की गई थी, जिसके चलते बाद में सागर की मौत हो गई थी.

(इनपुटः एएनआई)

नई दिल्लीः मृतक पहलवान सागर धनखड़ (Deceased Wrestler Sagar Dhankhar) के पिता ने दिल्ली उच्च न्यायालय में उनके बेटे के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजे जाने की मांग की है. याचिका में कहा है कि जिस तरह निर्भया कांड को फास्ट ट्रैक कोर्ट में जल्द निपटाया गया था, ठीक वैसे ही उनके बेटे की हत्या के मामले को भी फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित किया जाए.

याचिकाकर्ता ने मामले की संवेदनशीलता और ओलंपियन सुशील कुमार सहित अन्य अभियुक्तों के प्रभाव को देखते हुए इसकी मांग की है. याचिकाकर्ता अशोक ने अधिवक्ता जोगिंदर तुली के माध्यम से एक याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि वर्तमान मामले में आरोपी अधिक प्रभावशाली है, जो गवाहों और सबूतों को प्रभावित कर सकता है. इनमें से कुछ सरकारी कर्मचारी हैं और कुख्यात कला असोधा गिरोह और मुख्य साजिशकर्ता से भी संबंधित हैं. सुशील कुमार एक विश्व प्रसिद्ध हस्ती और ओलंपियन है.

इस मामले में गवाहों और सबूतों के सबमिशन के लिए 21 जनवरी 2023 की तारीख तय की गई थी. इसमें कहा गया कि मामले में लगभग 20 आरोपी व्यक्ति हैं और मुख्य आरोपी को काफी देर के बाद गिरफ्तार किया गया था. कुछ अभियुक्तों ने पर्याप्त भौतिक सबूत नष्ट कर दिए हैं. अगर मामले में ऐसे ही देरी होती रही तो सारे सबूत खत्म हो जाएंगे और गवाह बदल जाएंगे.

याचिकाकर्ता ने कहा है कि निर्भया बलात्कार मामले में कानून मंत्रालय ने एक विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की थी, जिसने जनवरी 2013 में उक्त मामले की त्वरित सुनवाई की और सितंबर 2013 में सजा सुनाया गया. एक बड़ी चार्जशीट फाइल की गई थी और विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट के समक्ष लगभग 85 अभियोजन गवाहों की जांच की गई थी. याचिकाकर्ता ने कहा कि हमारे देश का संविधान एक मौलिक अधिकार के रूप में स्पीडी ट्रायल की गारंटी देता है, जो न्याय प्राप्त करने के लिए काफी अहम है.

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बता दें, दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने पहलवान सागर धनखड़ हत्या मामले में ओलिंपियन सुशील कुमार समेत 18 लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास समेत अन्य मामलों में आरोप तय कर दिया है. कोर्ट ने मामले में फरार 2 अन्य आरोपियों के खिलाफ भी आरोप तय किया है. डेढ़ साल पहले 23 साल के युवा पहलवान सागर को सुशील और अन्य पहलवानों ने मिलकर कथित तौर पर अगवा कर लिया. उसके बाद देर रात छत्रसाल स्टेडियम में उसकी पिटाई की गई थी, जिसके चलते बाद में सागर की मौत हो गई थी.

(इनपुटः एएनआई)

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