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नॉर्थ MCD: बजट भाषण में बरसे कांग्रेस नेता, आंकड़ों के साथ उठाएं गंभीर सवाल - नॉर्थ MCD बजट भाषण कांग्रेस

नॉर्थ एमसीडी के बजट सत्र में अंतिम चरण में दूसरे दिन कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने अपने भाषण के दौरान दिल्ली में सत्ताधारी आप की दिल्ली सरकार और भाजपा की निगम की सरकार की पोल खोलते हुए जमकर निशाना साधा.

congress leader mukesh goyal targeted bjp and aap
बजट भाषण में बरसे कांग्रेस नेता
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Published : Feb 8, 2021, 10:31 PM IST

नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North MCD) बजट सत्र के अंतिम चरण में दूसरे दिन कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने अपने भाषण के दौरान दिल्ली में सत्ताधारी आप की दिल्ली सरकार और भाजपा की निगम की सरकार की पोल खोलते हुए न सिर्फ जमकर निशाना साधा बल्कि कई गंभीर सवाल भी उठाए.

बजट भाषण में बरसे कांग्रेस नेता

अस्पतालों की बदहाली आई सामने

मुकेश गोयल ने अपने बजट भाषण में कहा कि शिक्षा, सफाई, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं के मामले में नॉर्थ एमसीडी न सिर्फ सबसे पीछे रही है, बल्कि शून्य रही है. निगम के विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को किसी प्रकार की कोई सुविधा निगम के द्वारा मुहैया नहीं कराई गई है और न ही बच्चों के बैंक अकाउंट में पैसे भेजे गए हैं. वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी निगम अपने आयुष और एलोपैथिक अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए दवाइयां तक नहीं खरीद सकी, जबकि निगम अस्पतालों की बदहाली पहले ही सबके सामने आ चुकी है.

दोनों सरकार पूर्ण रूप से असफल रही

प्रदूषण के नाम पर भी दिल्ली सरकार और भाजपा शासित नगर निगम की सरकार दोनों पूर्ण रूप से असफल रही है. ऑडिट रिपोर्ट में भलस्वा लैंडफिल साइट की परियोजना पर सवाल उठाए जाने से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि AAP और भाजपा की सरकारें लैंडफिल साइट से कचरे को हटाने के लिए कितना गंभीर है.

6 महीने से नहीं मिला मिड डे मील

मुकेश गोयल ने आज अपने भाषण के दौरान कहा कि निगम के विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को पिछले 6 महीने से मिड डे मील नहीं मिला है. यहां तक कि मिड डे मील का पैसा निगम के द्वारा बच्चों के बैंक अकाउंट में भी नहीं भेजा गया है, जिसकी वजह से पैसा लेप्स हो गया है. साथ ही साथ एफसीआई के गोदामों से कच्चा राशन उठाने के लिए दिल्ली सरकार ने निगम को 16 अक्टूबर 2020 को जो पत्र लिखे था, जिससे कि निगम के बच्चों को हर महीने मिड डे मील के रूप में कच्चे राशन की किट उपलब्ध कराई जानी थी, लेकिन उस कड़ी ने भी निगम के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है.

मुकेश गोयल ने निगम की व्यवस्था पर आगे सवाल उठाते हुए कहा कि निगम ने अपने अस्पतालों में बिना दवाई खरीदे लाखों लोगों का इलाज कर दिया. 31 अक्टूबर 2020 तक 32,1596 मरीजों का इलाज निगम के अस्पतालों में किया गया, लेकिन इस दौरान निगम के अस्पतालों में एक रुपये की भी दवाई नहीं खरीदी गई.

25 हजार वार्षिक आय वाले परिवारों को मिलेगा फायदा

मुकेश गोयल आगे अपने भाषण के दौरान भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने इस बार के बजट में आहार वैन और मिल्क कियोस्क योजना की घोषणा की है. इन सभी योजनाओं का फायदा सालाना 25 हजार वार्षिक आय वाले परिवारों को ही मिलेगा. राजधानी दिल्ली में वर्तमान में शायद ही ऐसा कोई परिवार हो, जिसकी वार्षिक आय 25000 से कम हो. ऐसे में यह योजना सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार पूर्ण योजना है और कुछ नहीं.

ये भी पढ़ें:-BJP और AAP की कमियों को जनता के समक्ष उजगार करेगी कांग्रेस: चौधरी अनिल कुमार

निगम की बदहाली के लिए जिम्मेदार दिल्ली सरकार

अपने भाषण के दौरान कांग्रेस नेता मुकेश गोयल ने दिल्ली सरकार के ऊपर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि दिल्ली सरकार के असहयोग की वजह से ही आज निगम की आर्थिक हालत बिगड़ गई है. दिल्ली सरकार ने निगम के 11 प्रमुख मदों में मिलने वाले फंड को पूरी तरीके से बंद कर दिया है. इसकी वजह से आज निगम आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रही है. इसलिए निगम की बदहाली की जिम्मेदार दिल्ली सरकार है.

नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North MCD) बजट सत्र के अंतिम चरण में दूसरे दिन कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने अपने भाषण के दौरान दिल्ली में सत्ताधारी आप की दिल्ली सरकार और भाजपा की निगम की सरकार की पोल खोलते हुए न सिर्फ जमकर निशाना साधा बल्कि कई गंभीर सवाल भी उठाए.

बजट भाषण में बरसे कांग्रेस नेता

अस्पतालों की बदहाली आई सामने

मुकेश गोयल ने अपने बजट भाषण में कहा कि शिक्षा, सफाई, स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं के मामले में नॉर्थ एमसीडी न सिर्फ सबसे पीछे रही है, बल्कि शून्य रही है. निगम के विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को किसी प्रकार की कोई सुविधा निगम के द्वारा मुहैया नहीं कराई गई है और न ही बच्चों के बैंक अकाउंट में पैसे भेजे गए हैं. वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी निगम अपने आयुष और एलोपैथिक अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए दवाइयां तक नहीं खरीद सकी, जबकि निगम अस्पतालों की बदहाली पहले ही सबके सामने आ चुकी है.

दोनों सरकार पूर्ण रूप से असफल रही

प्रदूषण के नाम पर भी दिल्ली सरकार और भाजपा शासित नगर निगम की सरकार दोनों पूर्ण रूप से असफल रही है. ऑडिट रिपोर्ट में भलस्वा लैंडफिल साइट की परियोजना पर सवाल उठाए जाने से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि AAP और भाजपा की सरकारें लैंडफिल साइट से कचरे को हटाने के लिए कितना गंभीर है.

6 महीने से नहीं मिला मिड डे मील

मुकेश गोयल ने आज अपने भाषण के दौरान कहा कि निगम के विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को पिछले 6 महीने से मिड डे मील नहीं मिला है. यहां तक कि मिड डे मील का पैसा निगम के द्वारा बच्चों के बैंक अकाउंट में भी नहीं भेजा गया है, जिसकी वजह से पैसा लेप्स हो गया है. साथ ही साथ एफसीआई के गोदामों से कच्चा राशन उठाने के लिए दिल्ली सरकार ने निगम को 16 अक्टूबर 2020 को जो पत्र लिखे था, जिससे कि निगम के बच्चों को हर महीने मिड डे मील के रूप में कच्चे राशन की किट उपलब्ध कराई जानी थी, लेकिन उस कड़ी ने भी निगम के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है.

मुकेश गोयल ने निगम की व्यवस्था पर आगे सवाल उठाते हुए कहा कि निगम ने अपने अस्पतालों में बिना दवाई खरीदे लाखों लोगों का इलाज कर दिया. 31 अक्टूबर 2020 तक 32,1596 मरीजों का इलाज निगम के अस्पतालों में किया गया, लेकिन इस दौरान निगम के अस्पतालों में एक रुपये की भी दवाई नहीं खरीदी गई.

25 हजार वार्षिक आय वाले परिवारों को मिलेगा फायदा

मुकेश गोयल आगे अपने भाषण के दौरान भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने इस बार के बजट में आहार वैन और मिल्क कियोस्क योजना की घोषणा की है. इन सभी योजनाओं का फायदा सालाना 25 हजार वार्षिक आय वाले परिवारों को ही मिलेगा. राजधानी दिल्ली में वर्तमान में शायद ही ऐसा कोई परिवार हो, जिसकी वार्षिक आय 25000 से कम हो. ऐसे में यह योजना सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार पूर्ण योजना है और कुछ नहीं.

ये भी पढ़ें:-BJP और AAP की कमियों को जनता के समक्ष उजगार करेगी कांग्रेस: चौधरी अनिल कुमार

निगम की बदहाली के लिए जिम्मेदार दिल्ली सरकार

अपने भाषण के दौरान कांग्रेस नेता मुकेश गोयल ने दिल्ली सरकार के ऊपर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि दिल्ली सरकार के असहयोग की वजह से ही आज निगम की आर्थिक हालत बिगड़ गई है. दिल्ली सरकार ने निगम के 11 प्रमुख मदों में मिलने वाले फंड को पूरी तरीके से बंद कर दिया है. इसकी वजह से आज निगम आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रही है. इसलिए निगम की बदहाली की जिम्मेदार दिल्ली सरकार है.

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