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CAIT ने लिखा केजरीवाल को पत्र, व्यापारियों के लिए मांगी राहत

कैट (CAIT) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) को पत्र लिखकर व्यापारी वर्ग को राहत देने की मांग की है. व्यापारियों ने कहा कि कोरोना की दो लहरों (Corona waves) से उनकी हालत खस्ता हो गई है. इसलिए सरकार को व्यापारियों को वित्तीय पैकेज देना चाहिए और बिजली के बिलों को भी माफ करने चाहिए.

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Cait ने लिखा मुख्यमंत्री केजरीवाल को पत्र.
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Published : Jun 8, 2021, 10:13 PM IST

नई दिल्ली: कॉन्फिडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल (Arvind kejriwal) को एक पत्र भेजकर आग्रह किया है कि दिल्ली के व्यापार और व्यापारियों की वर्तमान हालत को देखते हुए दिल्ली सरकार व्यापारियों को राहत दे और पैकेज की घोषणा करे.


कैट (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना लॉकडाउन में दुकानें बंद होने के बाद भी व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों को वेतन ही नहीं दिया, बल्कि हर प्रकार से उनकी सहायता भी की. उन्होंने कहा कि व्यापार एवं अर्थव्यवस्था से जुड़े अन्य सभी क्षेत्रों को अनेक प्रकार के पैकेज दिए गए. उन सभी खर्चे करने में व्यापारियों की जमा पूंजी समाप्त हो गई और फरवरी 2021 तक हर कोशिश करने के बाद भी व्यापारी केवल 60 से 70 प्रतिशत व्यापार ही पुनर्जीवित कर पाए.

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे समय में जब व्यापार पटरी पर लौटना शुरू हुआ. ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर आ गई, जिसके कारण एक बार फिर दिल्ली में सरकार द्वारा लॉकडाउन के कारण बाज़ारों को बंद किया गया और अब जब बाजार खुले हैं. तब अब न तो व्यापारियों के पास कोई जमा पूंजी बची है और न ही आय का कोई अन्य स्त्रोत. इन परिस्थितियों में बड़ा सवाल ये है कि आखिर किस प्रकार से व्यापारी अपने व्यापार को चला पाएंगे.

नई दिल्ली: कॉन्फिडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल (Arvind kejriwal) को एक पत्र भेजकर आग्रह किया है कि दिल्ली के व्यापार और व्यापारियों की वर्तमान हालत को देखते हुए दिल्ली सरकार व्यापारियों को राहत दे और पैकेज की घोषणा करे.


कैट (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि पिछले वर्ष कोरोना लॉकडाउन में दुकानें बंद होने के बाद भी व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों को वेतन ही नहीं दिया, बल्कि हर प्रकार से उनकी सहायता भी की. उन्होंने कहा कि व्यापार एवं अर्थव्यवस्था से जुड़े अन्य सभी क्षेत्रों को अनेक प्रकार के पैकेज दिए गए. उन सभी खर्चे करने में व्यापारियों की जमा पूंजी समाप्त हो गई और फरवरी 2021 तक हर कोशिश करने के बाद भी व्यापारी केवल 60 से 70 प्रतिशत व्यापार ही पुनर्जीवित कर पाए.

प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे समय में जब व्यापार पटरी पर लौटना शुरू हुआ. ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर आ गई, जिसके कारण एक बार फिर दिल्ली में सरकार द्वारा लॉकडाउन के कारण बाज़ारों को बंद किया गया और अब जब बाजार खुले हैं. तब अब न तो व्यापारियों के पास कोई जमा पूंजी बची है और न ही आय का कोई अन्य स्त्रोत. इन परिस्थितियों में बड़ा सवाल ये है कि आखिर किस प्रकार से व्यापारी अपने व्यापार को चला पाएंगे.

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