ETV Bharat / state

AAP सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- अभी तक के तथ्य के अनुसार वो दोषी लगते हैं - Delhi liquor scam

AAP MP Sanjay Singh Bail plea rejected: दिल्ली के कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार AAP सांसद को कोर्ट से राहत नहीं मिली. शुक्रवार को अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया. पढ़ें कोर्ट ने क्या कहा...

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 22, 2023, 4:58 PM IST

Updated : Dec 22, 2023, 7:48 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी. स्पेशल जज एमके नागपाल ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया संजय सिंह मनी लॉड्रिंग मामले में सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं. जो तथ्य रिकॉर्ड पर रखे गए हैं उससे कोर्ट को ये मानने के लिए पर्याप्त है कि वह मनी लॉड्रिंग के दोषी हैं.

कोर्ट ने 49 पेजों के आदेश में कहा है कि जमानत के लिए रखे गए आधार से वो संतुष्ट नहीं है, इसलिए जमानत खारिज की जाती है. कोर्ट ने संजय सिंह की ओर से की गई इस दलील को खारिज कर दिया कि सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में सिंह का नाम नहीं था. कोर्ट ने कहा कि अगर एफआईआर में नाम नहीं है और अगर कोई आरोपी एफआईआर में नाम दर्ज होने के बावजूद अगर बरी भी हो जाता है तो उसे मनी लॉड्रिंग कानून से छूट नहीं मिल सकती.

कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह को उनके पीए रह चुके सर्वेश मिश्रा के जरिए सरकारी गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा ने दो करोड़ रुपये पहुंचाए. दिनेश अरोड़ा ने इस संबंध में 14 अगस्त को अपने बयान में इस बात की स्वीकारोक्ति की थी. अपने बयान में दिनेश अरोड़ा ने पैसे देने की विस्तृत जानकारी दी थी. इसके अलावा गवाह अल्फा (छद्म नाम) ने भी दिनेश अरोड़ा के बयान की पुष्टि की थी. कोर्ट ने 12 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

ED ने किया था जमानत का विरोधः ED ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि दो करोड़ का लेनदेन दो किश्तों में किया गया. यह लेनदेन संजय सिंह के घर पर हुआ. इसकी पुष्टि दिनेश अरोड़ा ने की थी. कोर्ट में ED ने कहा कि सर्वेश को सजंय सिंह के घर पर पैसा दिया गया, जो सांसद का कर्मचारी है. उनके खिलाफ कैश ट्रांजेक्शन, कॉल रिकॉर्ड समेत अन्य साक्ष्य है. जांच एजेंसी ने मामले में गवाह का नाम गुप्त रखने के लिहाजा से अल्फा नाम लेते हुए कहा कि अल्फा ने बताया है कि उसने अभिषेक बोइनपल्ली से चार करोड़ लिए और एक करोड़ संजय सिंह को दिया. शुरुआत में उसने कुछ नाम का खुलासा नहीं किया.

गवाह का कहना था कि वो प्रभावशाली लोग हैं और जान का खतरा हो सकता था. इसलिए शुरुआत में उसने अपने बयान में गौतम मल्होत्रा, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह का नाम नहीं लिया था. ईडी की तरफ से कहा गया कि संजय सिंह के पास से कुछ संवेदनशील दस्तावेज मिले थे, जो ईडी की फाइल का हिस्सा थे, जिसकी तस्वीर ली गई थी.

यह भी पढ़ेंः संसद की सुरक्षा में चूक मामला: आरोपी को एफआईआर की कॉपी देने के आदेश को दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दी चुनौती

संजय सिंह ने जमानत के लिए दिए थे तर्कः 6 दिसंबर को सुनवाई के दौरान संजय सिंह के वकील ने जमानत की मांग करते हुए कहा था कि वो जमीन से जुड़े नेता हैं. उनके देश छोड़कर भागने का कोई खतरा नहीं है. 15 महीने तक संजय सिंह के खिलाफ कोई आरोप नहीं था और न ही कोई पूछताछ हुई. फिलहाल कोई दस्तावेज भी नहीं है और यहां तक कि ईडी की पूरक चार्जशीट में संजय सिंह का नाम नहीं था. गिरफ्तारी से पहले तक कोई आरोप नहीं है. अब एजेंसी ने सांसद को मुख्य साजिशकर्ता बता दिया. जबकि, जांच एजेंसी ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. वकील ने कहा कि दिनेश अरोड़ा के सरकारी गवाह बनते ही चंदन रेड्डी चार अक्टूबर को अपनी याचिका वापस लेता है और फिर संजय सिंह गिरफ्तार कर लिए जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः राजधानी में ट्रेन में बाइक को लगेज के रूप में किया जाता है बुक, जानें वहज, फायदे और नुकसान

नई दिल्लीः दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी. स्पेशल जज एमके नागपाल ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया संजय सिंह मनी लॉड्रिंग मामले में सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से शामिल हो सकते हैं. जो तथ्य रिकॉर्ड पर रखे गए हैं उससे कोर्ट को ये मानने के लिए पर्याप्त है कि वह मनी लॉड्रिंग के दोषी हैं.

कोर्ट ने 49 पेजों के आदेश में कहा है कि जमानत के लिए रखे गए आधार से वो संतुष्ट नहीं है, इसलिए जमानत खारिज की जाती है. कोर्ट ने संजय सिंह की ओर से की गई इस दलील को खारिज कर दिया कि सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में सिंह का नाम नहीं था. कोर्ट ने कहा कि अगर एफआईआर में नाम नहीं है और अगर कोई आरोपी एफआईआर में नाम दर्ज होने के बावजूद अगर बरी भी हो जाता है तो उसे मनी लॉड्रिंग कानून से छूट नहीं मिल सकती.

कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह को उनके पीए रह चुके सर्वेश मिश्रा के जरिए सरकारी गवाह बन चुके दिनेश अरोड़ा ने दो करोड़ रुपये पहुंचाए. दिनेश अरोड़ा ने इस संबंध में 14 अगस्त को अपने बयान में इस बात की स्वीकारोक्ति की थी. अपने बयान में दिनेश अरोड़ा ने पैसे देने की विस्तृत जानकारी दी थी. इसके अलावा गवाह अल्फा (छद्म नाम) ने भी दिनेश अरोड़ा के बयान की पुष्टि की थी. कोर्ट ने 12 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

ED ने किया था जमानत का विरोधः ED ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि दो करोड़ का लेनदेन दो किश्तों में किया गया. यह लेनदेन संजय सिंह के घर पर हुआ. इसकी पुष्टि दिनेश अरोड़ा ने की थी. कोर्ट में ED ने कहा कि सर्वेश को सजंय सिंह के घर पर पैसा दिया गया, जो सांसद का कर्मचारी है. उनके खिलाफ कैश ट्रांजेक्शन, कॉल रिकॉर्ड समेत अन्य साक्ष्य है. जांच एजेंसी ने मामले में गवाह का नाम गुप्त रखने के लिहाजा से अल्फा नाम लेते हुए कहा कि अल्फा ने बताया है कि उसने अभिषेक बोइनपल्ली से चार करोड़ लिए और एक करोड़ संजय सिंह को दिया. शुरुआत में उसने कुछ नाम का खुलासा नहीं किया.

गवाह का कहना था कि वो प्रभावशाली लोग हैं और जान का खतरा हो सकता था. इसलिए शुरुआत में उसने अपने बयान में गौतम मल्होत्रा, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह का नाम नहीं लिया था. ईडी की तरफ से कहा गया कि संजय सिंह के पास से कुछ संवेदनशील दस्तावेज मिले थे, जो ईडी की फाइल का हिस्सा थे, जिसकी तस्वीर ली गई थी.

यह भी पढ़ेंः संसद की सुरक्षा में चूक मामला: आरोपी को एफआईआर की कॉपी देने के आदेश को दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दी चुनौती

संजय सिंह ने जमानत के लिए दिए थे तर्कः 6 दिसंबर को सुनवाई के दौरान संजय सिंह के वकील ने जमानत की मांग करते हुए कहा था कि वो जमीन से जुड़े नेता हैं. उनके देश छोड़कर भागने का कोई खतरा नहीं है. 15 महीने तक संजय सिंह के खिलाफ कोई आरोप नहीं था और न ही कोई पूछताछ हुई. फिलहाल कोई दस्तावेज भी नहीं है और यहां तक कि ईडी की पूरक चार्जशीट में संजय सिंह का नाम नहीं था. गिरफ्तारी से पहले तक कोई आरोप नहीं है. अब एजेंसी ने सांसद को मुख्य साजिशकर्ता बता दिया. जबकि, जांच एजेंसी ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. वकील ने कहा कि दिनेश अरोड़ा के सरकारी गवाह बनते ही चंदन रेड्डी चार अक्टूबर को अपनी याचिका वापस लेता है और फिर संजय सिंह गिरफ्तार कर लिए जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः राजधानी में ट्रेन में बाइक को लगेज के रूप में किया जाता है बुक, जानें वहज, फायदे और नुकसान

Last Updated : Dec 22, 2023, 7:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.