नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली में सरदार पटेल विद्यालय के कार्यक्रम में सोमवार को मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने जब से वकालत छोड़ी, तब से उनका जीवन भारत के लिए समर्पित रहे. उनमें देशभक्ति का जज्बा का था, देश के लिए कुछ करने के लिए लोगों को प्रेरित करना. यह सिर्फ विचारों से नहीं होता. इसके लिए लोगों से जुड़ाव होना चाहिए. लोगों की संवेदनाओं को समझने के लिए शक्ति चाहिए और लोगों की तरह समझने की क्षमता भी चाहिए. सरदार पटेल में यह तीनों था.
200 छात्र ने लिखा पत्र, जताई थी आपत्ति
दिल्ली में सरदार पटेल विद्यालय के 200 से अधिक पूर्व छात्रों के एक समूह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कार्यक्रम में आमंत्रित करने पर आपत्ति जताते हुए स्कूल प्रबंधन को पत्र लिखा. (students objected to the arrival of Amit shah) पूर्व छात्रों ने कहा, ‘‘ध्रुवीकरण के मौजूदा माहौल में उनके जैसे राजनीतिक व्यक्ति को आमंत्रित करना स्कूल को आलोचना का केंद्र बना देगा और इसके सिद्धांतों को कमजोर कर देगा. जो संविधान और बहुलवाद पर टिका है.'' समूह ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता अमित शाह का रुख सरदार पटेल के उन आदर्शों के विपरीत है, जो उन्हें स्कूल में सिखाए जाते हैं.
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मोरबी में हुए हादसे को लेकर दुख जताया
कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि गुजरात में दिल दहला देने वाली घटना हुई. इस घटना में बच्चों समेत कई लोगों की जान चली गई. हादसों पर कोई नियंत्रण नहीं कर सकता, लेकिन पूरे देश की भावनाओं को झकझोर देने वाली इस घटना ने लोगों को आहत और दुखी किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. दिवंगत की आत्मा को शांति मिले.
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