नई दिल्ली: दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने 11 साल की नाबालिग के साथ रेप के मामले में आरोपी को पांच साल की कैद की सजा सुनाई है. एडिशनल सेशंस जज सीमा मैनी ने सजा सुनाते हुए कहा कि एक महिला की इज्जत उसके व्यक्तित्व का आंतरिक हिस्सा है और किसी भी व्यक्ति को उसकी निजता पर हमला करने का कोई अधिकार नहीं है.
घटना 2013 की
बता दें कि ये घटना 2013 की है. पीड़िता जिस बिल्डिंग में अपने परिवार के साथ रहती थी, उसी बिल्डिंग में आरोपी लिफ्ट लगा रहा था. घटना के दिन जब पीड़िता अपने घर में अकेली थी, तो आरोपी उसके घर में घुसा और उसे अपना शिकार बनाया. वारदात के बाद आरोपी ने उसे लिफ्ट के पास बुलाया और उसे पैसे देने का लालच दिया. पीड़िता के पिता नीचे सीढ़ियों पर थे और उन्होंने आरोपी को भागते हुए पकड़ लिया. पीड़िता ने अपने पिता को पूरी बात बताई जिसके बाद पुलिस से शिकायत की गई.
पांच साल की कैद की सजा
वहीं फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपी पीड़िता के बचपन को नष्ट करने का दोषी है. किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है कि वह दूसरे की निजता और गरिमा पर हमला करे. किसी महिला की इज्जत फूल के सुगंध के समान होती है. महिला की इज्जत उसके व्यक्तित्व का आंतरिक हिस्सा होती है. कोर्ट ने आरोपी सतीश को पॉक्सो एक्ट की धारा 10 और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए(1) के तहत दोषी पाते हुए पांच साल की कैद की सजा सुनाई.